Karnataka Assembly Election: क्या कर्नाटक में बीजेपी के ट्रैप में फंस रही है कांग्रेस ?

दूध का जला छांछ को भी फूंक-फूंक कर पीते हैं, लेकिन कांग्रेस हर बार अपना मुंह जलाने में ही आनंद मसूसस करती है, कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने 2014 के लोकसभा चुनाव में जब चाय वाला बयान दिया था तभी कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं को यह एहसास हो गया था कि यह गलती हुई है और इस तरह की गलतियों से बचना चाहिए, लेकिन 2014 से लेकर 2024 के पड़ाव तक पहुंच गए कांग्रेसियों को अपनी नादानी का एहसास ही नहीं हो रहा।

BJP-CONGRESS in Karnataka Assembly Election 2023

कांग्रेसियों को अपनी नादानी का एहसास ही नहीं हो रहा है

बीते महीने 29 मार्च को चुनाव आयोग ने जब कर्नाटक में विधानसभा चुनाव कराने की घोषणा की तभी से कांग्रेस इस बात पर ताल ठोंकने लगी कि इस बार बाजी तो हम ही जीतेंगे। कई चुनावी सर्वे में भी यह बात सामने आई कि राज्य में कांग्रेस का पलड़ा भारी है और सत्ताधारी बीजेपी के लिए एंटी इनकंबेंसी को शिद्दत से महसूस किया जा रहा है। बीजेपी खेमे में इससे निराशा तो थी लेकिन बाजी पलटने के लिए रणनीति पर भी मंथन चल रहा था. इसी बीच कांग्रेस चुनावी सर्वों के नतीजे से गद्गद होकर अति उत्साह दिखाने लगी और खुद से किए उस वादे को ही भूल गई कि इस चुनाव में पीएम मोदी पर व्यक्तिगत हमला नहीं करना है? लेकिन कांग्रेस तो कांग्रेस है, वह ऐसा करने से खुद को कैसे रोक पाती?
वह भी तब जब वह पीएम नरेंद्र मोदी पर हमला करने के बाद कई सियासी नुकसान को बहुत करीब से झेल चुकी है और जानती है कि हर बार पीएम मोदी पर बयानों के जिस हथियार से वार होता है वे उससे ही पलटवार करके उसके बाद और ज्यादा ताकतवर हो जाते हैं।
2014 से अब तक नहीं लिया कोई सबक
दूध का जला छांछ को भी फूंक-फूंक कर पीते हैं, लेकिन कांग्रेस हर बार अपना मुंह जलाने में ही आनंद मसूसस करती है, कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने 2014 के लोकसभा चुनाव में जब चाय वाला बयान दिया था तभी कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं को यह एहसास हो गया था कि यह गलती हुई है और इस तरह की गलतियों से बचना चाहिए, लेकिन 2014 से लेकर 2024 के पड़ाव तक पहुंच गए कांग्रेसियों को अपनी नादानी का एहसास ही नहीं हो रहा।
पीएम मोदी को विषैला सांप बताकर बीजेपी को वह मुद्दा दे दिया
कर्नाटक चुनाव में तो पीएम नरेंद्र मोदी पर हमला करने की शुरुआत खुद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कर दी है, उन्होंने पीएम मोदी को विषैला सांप बताकर बीजेपी को वह मुद्दा दे दिया, जिसकी ताक में वह बैठी थी. जैसा हमेशा होता रहा है, बीजेपी इस मुद्दे पर कांग्रेस पर हमलावर हो गई कांग्रेसी नेताओं की ओर से पीएम मोदी पर किए गए निजी हमले की पूरी लिस्ट ही निकाल दी और राज्य में इसे बड़ा मुद्दा बना दिया।
हिंदुत्व के मुद्दे पर बीजेपी को फिर दिया बड़ा मौका
सिर्फ इतना ही नहीं हिंदुत्व जो बीजेपी का कोर मुद्दा है और जिसमें वह विकास का गठजोड़ राज्यों में चुनाव जीत रही है, उस फ्रंट पर भी कांग्रेस ने बीजेपी को एक सुनहरा मौका दे दिया है। बीजेपी ने एक मई को अपना चुनावी घोषणापत्र में एनआरसी और समान नागरिक संहिता लागू करने की घोषणा की तो उसके अगले दिन कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में विश्व हिंदू परिषद की युवा ईकाई बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की बात कह दी और वहीं मुस्लिम आरक्षण लागू करने की बात कही है, जैसे ही कांग्रेस का घोषणपत्र जारी हुआ कर्नाटक में बीजेपी के लिए चुनाव प्रचार कर रहे असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने तुरंत कांग्रेस के इस वादे को मुस्लिम मतदाताओं का तुष्टिकरण करने की कोशिश बता दिया। तो पीएम नरेंद्र मोदी ने भी कांग्रेस को करारा जवाब देने की कमान संभाली और उन्होंने इस मामले को भगवान हनुमान से जोड़ दिया और कहा कि कांग्रेस ने पहले भगवान राम को ताले में बंद किया और अब वह "जय बजरंग बली" का नारा लगाने वालों को ताले में बंद करना चाहती है।
इस चुनावी घोषणपत्र को लेकर कई हिंदू संगठन भड़क गए
दूसरी तरफ कांग्रेस के इस चुनावी घोषणपत्र को लेकर कई हिंदू संगठन भड़क गए हैं, इस तरह कोर हिंदुत्व का मुद्दा उछालकर बीजेपी ने बाजी पलटने की कोशिश की है और कुल मिलाकर कांग्रेस हर बार की तरह इस बार भी कांग्रेस बीजेपी के ट्रैप में फंस गई है और पूरे चुनाव में पीएम मोदी पर निजी टिप्पणी करने और 'बजरंग बली' जैसे हिंदुत्व का मुद्दा छाए रहने की उम्मीद है। ऐसा इसलिए है क्योंकि कहा जा रहा है कि कर्नाटक के तटीय इलाकों में हिंदुत्व का मुद्दा असर दिखा सकता है और पिछले कुछ समय से कांग्रेस मुस्लिम तुष्टिकरण के जिस आरोप से बचने की कोशिश कर रही थी, इस चुनाव में बीजेपी ने वही दांव चल दिया है यकीन न हो तो कर्नाटक चुनाव में हिंदुत्व पर बीजेपी की आक्रमक शैली का एक उदारण देख लीजिए, बीजेपी के कई नेताओं ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रोफाइल फोटो बदलकर हनुमानजी की फोटो लगा ली है. यानी कांग्रेस की चुनावी नैया कर्नाटक में कैसे पार लगेगी ये तो बजरंग बली ही जानते होंगे।
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प्रतिभा ज्योति author

प्रिंट, टीवी न्यूज एजेंसी और डिजिटल में काम करने का बेहद लंबा अनुभव. राजनीतिक मुद्दों पर पकड़ रखती हूं और उसके विश्लेषण की क्षमता है. खबर कहां है, क्य...और देखें

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