Karnataka Elections: शिगगांव सीट जीतना सीएम बोम्मई के लिए हर हाल में जरूरी, जानें 7 बड़ी बातें
सीएम बसवराव बोम्मई पर पार्टी को दोबारा सत्ता में पहुंचाने की चुनौती है। वह शिगगांव से चुनाव लड़ रहे हैं।
शिगगांव सीट पर सीएम बोम्मई के लिए कितनी चुनौतियां
Basavrav Bommai Shiggao Seat: कर्नाटक में अगले महीने में चुनाव होने वाले हैं। भारतीय जनता पार्टी के सामने सत्ता बचाने की चुनौती है। 2018 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी। उसने कुल 225 सीटों में से 104 सीटें जीतीं। हालांकि, सरकार बनाने के लिए भाजपा के कदम कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) ने थाम लिए, जिन्होंने चुनाव के बाद हाथ मिला लिया था।
2019 में कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन के पतन के बाद भाजपा सत्ता में आने में कामयाब रही। पार्टी अब राज्य पर अपनी पकड़ बनाए रखना चाहती है और मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के नेतृत्व में चुनाव लड़ रही है। बीएस येदियुरप्पा पूरी तरह सक्रिय हो चुके हैं। वहीं, सीएम बसवराव बोम्मई पर पार्टी को दोबारा सत्ता में पहुंचाने की चुनौती है। वह शिगगांव से चुनाव लड़ रहे हैं और उनके लिए यहां से जीत दर्ज करना हर हाल में जरूरी है। पिछले चुनाव में उन्हें कड़ी टक्कर मिली थी।
बसवराज बोम्मई से जुड़ी 7 बड़ी बातें
- बोम्मई को 2021 में कर्नाटक की कमान देते हुए मुख्यमंत्री बनाया गया था। उन्हें बीएस येदियुरप्पा की जगह कर्नाटक का सीएम बनाया गया था। इसके बाद येदियुरप्पा ने सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा कर दी थी। हालांकि, वह पार्टी को जिताने के लिए इस बार भी पूरी तरह से सक्रिय हैं।
- बोम्मई तीन बार कर्नाटक विधानसभा के लिए चुने गए हैं। उन्होंने 2008 में शिगगांव विधानसभा क्षेत्र से जीत हासिल की और 2013 और 2018 में सीट बरकरार रखी।
- बोम्मई शक्तिशाली लिंगायत समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। वह कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री एसआर बोम्मई के पुत्र हैं।
- बोम्मई 2008 के कर्नाटक विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा में शामिल होने तक जनता दल (यूनाइटेड) से जुड़े हुए थे।
- सीएम बोम्मई ने जल संसाधन, गृह, कानून और संसदीय मामलों का पोर्टफोलियो संभाला है। उन्होंने कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री जेएच पटेल के संसदीय सचिव के रूप में भी कार्य किया है।
- बोम्मई के पास मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री है और उन्होंने पुणे में टाटा मोटर्स में तीन साल तक काम किया है।
शिगगांव विघानसभा निर्वाचन क्षेत्र से बोम्मई लगातार तीन बार से जीतते आ रहे हैं। उन्होंने साल 2008 से ही इस सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा है। आंकड़े के मुताबिक, यहां हुए पिछले 14 विधानसभा चुनावों में क्षेत्रीय पार्टी जेडीएस ही एक बार ही जीत पाई है। एक बार निर्दलीय उम्मीदवार ने भी बाजी मारी है। सीएम बोम्मई के लगातार तीन कार्यकाल को छोड़ दें, तो यहां हमेशा से कांग्रेस का दबदबा रहा है।
बोम्मई के खिलाफ सैयद अजीम्पीर
कांग्रेस ने इस बार शिगगांव सीट से बीजेपी मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के खिलाफ सैयद अजीम्पीर एस. खदरी को चुना है। सैयद अजीम्पीर इस सीट से साल 1999 में बीजेपी उम्मीदवार को करीब 1600 वोटों से हराया था। हालांकि, सैयद उस समय जेडी(एस) के टिकट पर चुनाव लड़े थे। सैयद यहां के अल्पसंख्यक समाज के कद्दावर नेता माने जाते हैं लेकिन वह सीएम बोम्मई से पिछले तीन चुनावों में हारते आए हैं। सैयद ने कहा कि वो 20 साल से यहां जमीन पर काम कर रहे हैं। वह सीएम के खिलाफ हारे जरूर हैं, लेकिन वोटों का अंतर बेहद कम रहा है। सैयद के मुताबिक, एक बार तो वो मात्र 700 मतों के अंतर से हारे थे। सैयद पिछली विधानसभा चुनाव में सीएम बोम्मई से करीब 10 हजार से कम वोटों से हारे थे। बोम्मई को कुल 83868 वोट मिले थे, जबकि दूसरे नंबर पर रहे सैयद अजीम्पीर ने कुल 74603 मत हासिल किए थे।
10 मई को मतदान
कर्नाटक में एक चरण में विधानसभा चुनाव होगा। 10 मई को मतदान होगा और 13 मई को मतगणना होगी। राज्य में 5.21 करोड़ मतदाता हैं। जिनमें पुरूष मतदाताओं की संख्या 2.6 करोड़ है, जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 2.5 करोड़ है। कर्नाटक में 224 विधानसभा सीटों पर चुनाव होना है। 224 सदस्यीय सदन में कांग्रेस के पास 68 विधायक हैं। हालांकि, 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 80 सीट, जेडीएस ने 37 सीट और भाजपा ने 104 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
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अमित कुमार मंडल author
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