Karnataka Polls से पहले टिकट पर 'नाटक': सबके सामने ही रोने लगे MLA, पहली सूची के बाद BJP को यूं झेलनी पड़ी नाराजगी

Karnataka Elections 2023: रोचक बात है कि यह वही भट्ट हैं, जो उदुपी के सरकारी कॉलेज में क्लासरूम्स में मुस्लिम लड़कियों के हिजाब पहनने से जुड़े विवाद के दौरान सुर्खियों में आए थे।

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Karnataka Elections 2023: उदुपी से बीजेपी विधायक रघुपति भट्ट मीडिया के सामने अपना दुखड़ा बयान करते हुए (बीच में)। तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (क्रिएटिवः अभिषेक गुप्ता)

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ ब्यूरो

Karnataka Elections 2023: कर्नाटक में विधानसभा चुनाव से पहले टिकट को लेकर खूब सियासी नाटक देखने को मिला है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कुछ पूर्व मुख्यमंत्रियों से लेकर कई पार्टी विधायक और नेताओं की नाखुशी-नाराजगी और तीखे तेवरों के बीच जहां कुछ नेताओं ने अपना रास्ता अलग करने का ऐलान किया या संकेत दिए। वहीं, बुधवार (12 अप्रैल, 2023) को उदुपी से विधायक रघुपति भट्ट ने मीडिया के सामने रोकर अपना दुखड़ा बयान किया। भट बोले- पार्टी की ओर से जो व्यवहार मेरे साथ हुआ है, उससे मुझे बहुत पीड़ा हुई है।

बीजेपी की 189 नामों वाली पहली कैंडिडेट लिस्ट में उनका नाम भी नहीं था। टिकट न दिए जाने को लेकर उन्होंने आशंका जताते हुए पत्रकारों और अन्य लोगों के सामने कहा कि बीजेपी को अब उनकी जरूरत नहीं है। घटना के दौरान जब उनकी आंसू छूट आए तो कई लोगों ने उनका वीडियो रिकॉर्ड कर लिया था, जिसके बाद वह क्लिप सोशल मीडिया पर सामने आई और खूब वायरल हुई। रोचक बात है कि यह वही भट्ट हैं, जो उदुपी के सरकारी कॉलेज में क्लासरूम्स में मुस्लिम लड़कियों के हिजाब पहनने से जुड़े विवाद के दौरान सुर्खियों में आए थे।

वैसे, इससे पहले अथानी से टिकट न मिलने के बाद पूर्व-डिप्टी सीएम लक्ष्मण सावदी ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का ऐलान किया, जबकि टिकट न दिए जाने को लेकर कर्नाटक के मंत्री और दक्षिण कन्नड़ जिले के सुलिया क्षेत्र से छह बार के विधायक एस.अंगारा ने पॉलिटिक्स से संन्यास लेने की घोषणा कर दी। वहीं, रानीबेन्नूर विस सीट से टिकट चाह रहे भाजपा एमएलसी आर शंकर ने पार्टी की ओर से उनके अनुरोध को नजरअंदाज करने के बाद विधायक पद से इस्तीफा दे दिया।

दरअसल, मंगलवार (11 अप्रैल, 2023) रात बीजेपी की ओर से कुल 224 सीटों में से 189 के लिए कैंडिडेट्स की पहली लिस्ट जारी की गई थी, जिसमें 52 नए चेहरों शामिल थे। हालांकि, सूबे के सीएम बसवराज बोम्मई बोले कि पार्टी सभी असंतुष्टों से बात करेगी और उनकी चिंताओं का ध्यान रखेगी। पार्टी सूत्रों ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया था कि टिकट तय करते समय भाजपा ने कुछ वरिष्ठों और “सेवानिवृत्ति” (75 वर्ष की आयु) के करीब लोगों को बदलने की कोशिश करने की नीति अपनाई है, जबकि नेताओं से कहा है कि अगर वे अपने बच्चों के लिये टिकट चाहते हैं तो वे मैदान से हट जाएं। भाजपा के एक पदाधिकारी ने कहा, “यह दूसरी सूची में भी नजर आ सकता है।”

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अभिषेक गुप्ता author

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