चरम पर चुनावः Ads पर EC सख्त! बोला- ये दूषित कर देते हैं पूरी प्रक्रिया, एडवाइजरी भी जारी; देखें- और क्या कहा
Karnataka Polls 2023: दक्षिण भारतीय सूबे कर्नाटक में चुनाव अभियान के चरम पर पहुंचने के साथ नेताओं की ओर से एक-दूजे पर हमले के लिए ‘‘जहरीला सांप’’, ‘‘विषकन्या’’ और ‘‘नालायक बेटा’’ जैसी टिप्पणियों के बीच निर्वाचन आयोग (ईसी) ने दो मई, 2023 को सियासी दलों और उनके स्टार प्रचारकों के लिए परामर्श जारी किया।
तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (क्रिएटिवः अभिषेक गुप्ता)
Karnataka Polls 2023: कर्नाटक में चुनावी समर के चरम पर पहुंचने के बीच चुनाव आयोग (निर्वाचन आयोग) ने सख्त रवैया अपनाया है। 10 मई 2023 को होने वाली वोटिंग से पहले आयोग ने रविवार (आठ मई, 2023) को एक एडवाइजरी जारी की और कहा कि आपत्तिजनक और भ्रामक प्रकृति के विज्ञापन पूरी चुनाव प्रक्रिया को दूषित कर देते हैं। ऐसे में सूबे में प्रचार पर रोक के दौरान बिना पूर्व मंजूरी के विज्ञापन नहीं प्रकाशित हो सकेंगे। रोचक बात यह है कि ईसी की ओर से यह टिप्पणी कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार थमने के ठीक एक दिन पहले कीं। दक्षिण भारतीय सूबे में सोमवार (आठ मई, 2023) की शाम पांच बजे चुनाव प्रचार थम जाएगा।
बहरहाल, परामर्श में यह भी बताया गया कि कोई भी पार्टी या उम्मीदवार चुनाव के दिन और एक दिन पहले मीडिया प्रमाणन और निगरानी समिति (एमसीएमसी) से मंजूरी के बिना प्रिंट मीडिया में कोई विज्ञापन प्रकाशित नहीं कराएगा। आयोग ने इसके साथ ही शिष्ट तरीके से प्रचार अभियान पर भी जोर दिया। मीडिया में विज्ञापनों के खिलाफ शिकायतों पर आयोग ने कहा कि राष्ट्रीय दल और स्टार प्रचारक चुनाव प्रचार के अपेक्षित मानकों का पालन करने के लिए बाध्य हैं।
संपादकों को एक अलग चिट्ठी में निर्वाचन आयोग ने उन्हें यह स्पष्ट कर दिया कि भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) के पत्रकारिता आचरण के मानदंड उनके समाचार पत्रों में प्रकाशित विज्ञापनों सहित सभी मामलों के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराते हैं। आयोग ने कर्नाटक के समाचार पत्रों के संपादकों को लिखी चिट्ठी में कहा, ‘‘अगर जिम्मेदारी से इन्कार किया जाता है, तो इस बारे में पहले ही स्पष्ट रूप से कहा जाना चाहिए।’’
परामर्श के मुताबिक, ‘‘कोई भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार या कोई अन्य संगठन अथवा व्यक्ति मतदान के दिन और इससे एक दिन पहले प्रिंट मीडिया में कोई भी विज्ञापन तब तक प्रकाशित नहीं कराएगा, जब तक कि राजनीतिक विज्ञापन की सामग्री उनके द्वारा राज्य/जिले की एमसीएमसी से पूर्व-प्रमाणित न करा ली जाए।’’ आयोग ने कहा कि प्रिंट मीडिया में प्रकाशित आपत्तिजनक और भ्रामक प्रकृति के विज्ञापनों के मामले आयोग के संज्ञान में लाए गए हैं। ईसी के अनुसार, ‘‘चुनाव के अंतिम चरण में इस तरह के विज्ञापन पूरी चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करते हैं। प्रभावित उम्मीदवारों और पार्टियों के पास ऐसे मामलों में स्पष्टीकरण/खंडन देने का कोई अवसर नहीं होगा।’’ (पीटीआई-भाषा इनपुट्स के साथ)
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | इलेक्शन (elections News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
End of Article
अभिषेक गुप्ता author
छोटे शहर से, पर सपने बड़े-बड़े. किस्सागो ऐसे जो कहने-बताने और सुनाने को बेताब. कंटेंट क्रिएशन के साथ...और देखें
End Of Feed
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited