बिहार की ये एक लोकसभा सीट भाजपा के लिए हर बार बनती है सिरदर्द, सिर्फ एक दफा मिली जीत; जानें इतिहास

Kisanganj: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले बिहार में भाजपा ने विपक्षी गठबंधन INDIA को तगड़ा झटका दिया है। 2019 के चुनाव में 40 में से 39 सीटों पर NDA को जीत हासिल हुई थी, लेकिन सिर्फ एक सीट पर हार झेलनी पड़ी थी। किशनगंज सीट पर भाजपा तो अब तक सिर्फ एक जीत मिली है। जानें इतिहास..।

किशनगंज सीट का चुनावी इतिहास जानें।

Lok Sabha Elections: किशनगंज सीट पर हुए लोकसभा चुनाव के इतिहास में अब तक सिर्फ एक बार किसी गैर मुस्लिम नेता को जीत मिली है, वो भी वर्ष 1967 में। यही नहीं यहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की झोली में सिर्फ एक बार जीत आई। मोदी लहर के बावजूद बिहार की यही एकमात्र ऐसी सीट है, जिस पर NDA को शिकस्त झेलनी पड़ी। किशनगंज का चुनावी इतिहास बड़ा ही रोचक है। आपको इस सीट का सारा समीकरण समझाते हैं।

2019 में भाजपा के साथी जदयू को मिली थी शिकस्त

बिहार समेत देशभर में मोदी लहर चल रही थी। भाजपा विरोधी दलों के नेता मोदी नाम की आंधी के सामने धूल फांक रहे थे। बिहार में भाजपा ने जदयू और लोजपा के साथ चुनाव लड़ा और सभी 40 सीटों पर जीत हासिल करने का लक्ष्य रखा, मगर 40 की 40 सीटों पर जीत हासिल करने के ख्वाब को कांग्रेस ने चकनाचूर कर दिया। बीते 15 सालों से इस सीट पर कांग्रेस पार्टी का ही कब्जा है। 2019 के चुनाव में कांग्रेस के मोहम्मद जावेद और जदयू के सैयद महमूद अशरफ आमने सामने थे, पर अफसोस उन्हें मोदी लहर में भी 34 हजार 466 वोटों से हार झेलनी पड़ी। नीचे देखिए 2019 के चुनाव में किसे कितने वोट मिले।

किशनगंज लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजे

पार्टीप्रत्याशीवोटवोटशेयर
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेसमोहम्मद जावेद367,01733.32%
जनता दल (यूनाइटेड)सैयद महमूद अशरफ3,32,55130.19%
AIMIMअख्तरुल ईमान2,95,02926.78%
अब तक सिर्फ एक गैर मुस्लिम नेता को मिली जीत

साल था 1967, जब किशनगंज सीट पर हुए लोकसभा चुनाव में पहली बार गैर मुस्लिम नेता को जीत हासिल हुई थी। प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के लखन लाल कपूर ने इस सीट पर जीत हासिल की थी। लखन लाल का नाम उस वक्त चर्चा में आया था इमरजेंसी के 18 महीने बाद देश में हुए आम चुनाव में लखन लाल कपूर ने पूर्णिया सट से माधुरी सिंह को 92 हजार से अधिक वोटों से मात दी थी। किशनगंज सीट से लखन लाल के अलावा अब तक मोहम्मद ताहिर, जमीलुर्रहमान, एमजे अकबर, सैयद शहाबुद्दीन, तस्लीमुद्दीन, शाहनवाज हुसैन, असरारुल हक कासमी और मोहम्मद जावेद सांसद रहे हैं।

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