Karnataka Election 2023: कर्नाटक में आज चुनाव प्रचार का आखिरी दिन, तूफानी दौरों से मतदाताओं को लुभाने की कोशिश में जुटे नेता

Karnataka Election 2023: कर्नाटक में भाजपा का चुनाव प्रचार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, डबल इंजन की सरकार, राष्ट्रीय मुद्दों और कार्यक्रमों या केंद्र एवं राज्य सरकारों की उपलब्धियों पर केंद्रित रहा है। वहीं, कांग्रेस स्थानीय मुद्दों को उठा रही है। इन राजनीतिक दलों के प्रमुख नेता पिछले कुछ दिनों से राज्य के विभिन्न हिस्सों का तूफानी दौरा कर रहे हैं।

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कर्नाटक चुनाव के लिए कल प्रचार का आखिरी दिन

तस्वीर साभार : PTI
Karnataka Election 2023: कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार आज यानि कि सोमवार को थम जाएगा। सभी पार्टियों के नेता तुफानी दौरों और कार्यक्रमों के जरिए वोटरों को लुभाने की कोशिश में जुटे हैं। बीजेपी के लिए जहां पीएम मोदी कई रैलियों को संबोधित कर चुके हैं, वहां कांग्रेस के लिए राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और सोनिया गांधी रैलियों को संबोधित कर चुके हैं।
10 मई को चुनाव
कर्नाटक में 10 मई को होने जा रहे विधानसभा चुनाव के लिए जोरशोर से जारी प्रचार अभियान सोमवार शाम को समाप्त हो जाएगा और इससे पहले राज्य के तीन प्रमुख राजनीतिक दलों-भाजपा, कांग्रेस और जद(एस)-ने मतदाताओं को रिझाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। इन राजनीतिक दलों के प्रमुख नेता पिछले कुछ दिनों से राज्य के विभिन्न हिस्सों का तूफानी दौरा कर रहे हैं।
त्रिकोणीय मुकाबला
भाजपा 38 साल पुरानी परंपरा को तोड़ने और दक्षिण भारत में अपने गढ़ को बचाने की कोशिश में जुटी है। वहीं, भाजपा से सत्ता छीनने के लिए कांग्रेस अपनी ओर से कड़ी मेहनत कर रही है और 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए मुख्य विपक्षी दल के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत करने का प्रयास कर रही है। पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा के नेतृत्व में जनता दल (सेक्युलर) को चुनाव प्रचार में अपनी पूरी शक्ति झोंक देते देखा जा सकता है।
कैसी है चुनावी रणनीति
भाजपा का चुनाव प्रचार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, डबल इंजन की सरकार, राष्ट्रीय मुद्दों और कार्यक्रमों या केंद्र एवं राज्य सरकारों की उपलब्धियों पर केंद्रित रहा है। वहीं, कांग्रेस स्थानीय मुद्दों को उठा रही है और शुरूआत में इसके चुनाव प्रचार की बागडोर स्थानीय नेताओं के हाथों में थी। हालांकि, बाद में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा जैसे इसके शीर्ष नेता भी चुनाव प्रचार में शामिल हो गये। जद(एस) भी चुनाव प्रचार में स्थानीय मुद्दों को प्राथमिकता दे रहा है। इसके नेता एच डी कुमारस्वामी के साथ-साथ देवेगौड़ा भी प्रचार कर रहे हैं।
पीएम मोदी का नेतृत्व से भाजपा को फायदा
मोदी ने 29 अप्रैल से अब तक करीब 18 जनसभाएं और छह रोड शो किये हैं। चुनाव कार्यक्रम की 29 मार्च को घोषणा होने से पहले मोदी ने जनवरी से तब तक सात बार राज्य का दौरा किया और विभिन्न सरकारी योजनाओं एवं परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया था। साथ ही, सरकार की विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों के साथ हुई कई बैठकों को संबोधित किया। भाजपा नेताओं के मुताबिक, मोदी के पूरे प्रदेश के दौरे ने पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाया है और मतदाताओं में विश्वास भरा है, जिससे पार्टी को वोट में तब्दील होने की उम्मीद नजर आती है।
कांग्रेस की रणनीति
भाजपा से सत्ता छीनना कांग्रेस के लिए मनोबल बढ़ाने वाला साबित होगा और यह इसकी चुनावी संभावनाओं में नयी जान फूंकने में अहम भूमिका निभाएगा। कांग्रेस इस चुनाव में जीत हासिल कर साल के अंत में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनावों में भाजपा की ‘चुनावी मशीनरी’ का मुकाबला करने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं में ऊर्जा का संचार करना चाहती है। कांग्रेस की ओर से शुरूआत में चुनाव प्रचार प्रदेश के नेता सिद्धरमैया और डी के शिवकुमार के इर्द-गिर्द केंद्रित था, खरगे ने इसे गति दी और पार्टी के शीर्ष नेताओं राहुल तथा प्रियंका के इसमें शामिल होने से तैयारियों को मजबूती मिली। चुनाव प्रचार के आखिरी चरण में पहुंचने पर कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को हुब्बली में पार्टी की एक जनसभा को संबोधित किया।
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