कन्नौज सीट पर बढ़ी सियासी गर्मी, आज नामांकन दाखिल करेंगे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव
Akhilesh Yadav nomination : बताया जाता है कि कन्नौज में पार्टी कार्यकर्ताओं की मांग पर अखिलेश यहां से चुनाव लड़ने को तैयार हुए हैं। बीते एक महीने में उन्होंने यहां का दो बार दौरा भी किया है। इस सीट पर अखिलेश का मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मौजूदा सांसद सुब्रत पाठक से है।
कन्नौज से चौथी बार चुनाव लड़ेंगे अखिलेश।
Akhilesh Yadav nomination : लोकसभा चुनाव लड़ने पर सस्पेंस बनाकर रखने वाले समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आखिरकार चुनावी अखाड़े में उतरने का मन बुधवार को बना लिया। वह गुरुवार को 12 बजे कन्नौज सीट से अपना नामांकन दाखिल करेंगे। कन्नौज सपा का गढ़ है। यहां से अखिलेश खुद तीन बार सांसद रह चुके हैं। उनके पिता मुलायम सिंह यादव और पत्नी डिंपल यादव भी इस सीट से चुने गए हैं। इस सीट पर सपा से यादव परिवार के तेज प्रताप को टिकट मिला था लेकिन अब इस सीट पर उनकी जगह अखिलेश चुनाव लड़ेंगे।
भाजपा के सुब्रत पाठक से मुकाबला
बताया जाता है कि कन्नौज में पार्टी कार्यकर्ताओं की मांग पर अखिलेश यहां से चुनाव लड़ने को तैयार हुए हैं। बीते एक महीने में उन्होंने यहां का दो बार दौरा भी किया है। इस सीट पर अखिलेश का मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मौजूदा सांसद सुब्रत पाठक से है। अखिलेश की उम्मीदवारी पर मुहर लगने के बाद पाठक ने कहा कि अब मुकाबला बराबरी का हुआ है। तेज प्रताप को वह कमजोर उम्मीदवार मान रहे थे।
बसपा से इमरान जफर
इस सीट पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की तरफ से इमरान बिन जफर चुनाव मैदान में हैं। कन्नौज लोकसभा सीट के लिए चौथे चरण में 13 मई को वोट डाले जाने हैं। अखिलेश यादव के कन्नौज से चुनाव लड़ने की घोषणा के कन्नौज का सियासी पारा बढ़ गया है। कन्नौज सीट से अखिलेश के चुनाव लड़ने की चर्चा काफी पहले से हो रही थी लेकिन तेज प्रताप यादव के नाम की घोषणा होने के बाद इस सीट पर कयासबाजी बंद हो गई थी।
मैनपुरी से सांसद रहे तेज प्रताप
वर्ष 2014 से 2019 तक मैनपुरी से सांसद रहे तेज प्रताप राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के संस्थापक और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के दामाद हैं और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के भतीजे हैं। अखिलेश यादव 2000 में कन्नौज सीट पर हुए उपचुनाव में पहली बार सांसद चुने गये थे। उसके बाद वह 2004 और 2009 में भी इसी सीट से सांसद रहे। उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद लोकसभा से इस्तीफा देने के चलते 2012 में कन्नौज सीट पर हुए उपचुनाव में अखिलेश की पत्नी डिंपल निर्विरोध चुनी गयी थीं।
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2014 में इस सीट से विजयी हुईं डिंपल
वर्ष 2014 के आम चुनाव में भी डिंपल ने इसी सीट से जीत दर्ज की थी। हालांकि साल 2019 के चुनाव में वह भाजपा के सुब्रत पाठक से पराजित हो गयी थीं। अखिलेश यादव वर्तमान में करहल विधानसभा सीट से विधायक हैं और उप्र विधानसभा में नेता विपक्ष हैं। वह 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में करहल सीट से पहली बार विधायक बने थे। कन्नौज में लोकसभा चुनाव के चौथे चरण के तहत आगामी 13 मई को मतदान होगा। इस सीट के लिये नामांकन बृहस्पतिवार 25 अप्रैल को शुरू होंगे।
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