जिस सीट पर पहले सांसद चुने गए थे शरद पवार, वहीं झेलना पड़ रहा विरोध; इस उम्मीदवार पर लोगों ने लगाया वसूली का आरोप
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की वो सीट जहां के पहले सांसद के तौर पर शरद पवार ने जीत हासिल की थी, वहां उन्हीं की पार्टी का भारी विरोध देखने को मिल रहा है। धैर्यशील मोहिते पाटिल राकांपा (एसपी) से माधा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं। चुनाव के बीच इन दिनों इस क्षेत्र में किसानों का विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है।
माधा सीट का सियासी समीकरण समझिए।
Lok Sabha Election: लोकसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र की सियासत में एक के बाद एक सियासी उठापटक का दौर चल रहा है। 7 चरणों में हो रहे चुनाव के लिए वोटिंग का दौर शुरू हो चुका है और अब तक दो चरण का मतदान हो चुका है। इस बार सूबे की चुनावी लड़ाई हर बार की तुलना में बिल्कुल अलग होगी। शरद पवार की एनसीपी (एसपी) और उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूटीबी) एकसाथ चुनाव लड़ रही हैं। वहीं भाजपा के साथ अजित पवार की एनसीपी और एकनाथ शिंदे की शिवसेना चुनाव लड़ रही है।
शरद पवार की पार्टी के प्रत्याशी का हो रहा विरोध
महाराष्ट्र की वो सीट जहां के पहले सांसद के तौर पर शरद पवार ने जीत हासिल की थी, वहां उन्हीं की पार्टी का भारी विरोध देखने को मिल रहा है। हम माधा लोकसभा सीट की बात कर रहे हैं। इस सीट पर जब 2009 में पहली बार लोकसभा चुनाव हुआ था तो खुद शरद पवार ने यहां से चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी। इस बार शरद पवार ने भाजपा छोड़ एनसीपी (एसपी) में आने वाले धैर्यशील मोहिते पाटिल पर भरोसा जताया है। जिसके चलते यहां काफी विरोध होता नजर आ रहा है।
धैर्यशील मोहिते पाटिल के खिलाफ लोगों में आक्रोश
एनसीपी (एसपी) उम्मीदवार धैर्यशील मोहिते पाटिल के खिलाफ एक या दो नहीं बल्कि 30 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। स्थानीय लोगों ने उनके उपर गंभीर आरोप लगाए हैं। एक स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट में ये दावा किया गया है कि माधा लोकसभा सीट के निवासियों ने उनके खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। सोशल मीडिया पर कई वीडियोज सामने आए हैं, जिसमें लोग शरद पवार के प्रत्याशी पर तीखी टिप्पणी करते नजर आ रहे हैं।
स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट में दिखाया गया कि रितेश दिनकर भोसले नाम के एक व्यक्ति ने ये आरोप लगाया कि 'धैर्यशील मोहिते पाटिल ने एक को रिवॉल्वर लगाकर वसूली की। वो बार-बार लोगों के घर पर अपने लोगों को दारू पिलाकर भेजते हैं, उनसे वसूली कराते हैं। उन्हें डराना धमाकाना, लोग मरे तो चलेगा पर उन्हें पैसे चाहिए ये उनकी सोच है। उन्हें लगता है कि कोई उनका कुछ नहीं कर सकता है, उन पर कोई केस नहीं करेगा।'
भाजपा छोड़ राकंपा (एसपी) में शामिल हुए थे धैर्यशील
चुनावी मौसम में नेताओं के दल-बदल का सिलसिला आम हो गया है। एक पार्टी छोड़कर दूसरी पार्टी का दामन थामने वालों की कतार बड़ी लंबी है। पार्टी बदलते ही टिकट पर मुहर भी लग जाती है। मोहिते पाटिल की गिनती भी उसी सूची में हो रही है, वो हाल ही में भाजपा छोड़कर राकंपा में शामिल हो गए थे। जिसके लिए इनाम के तौर पर उन्हें लोकसभा चुनाव का टिकट मिल गया। इस नेता के खिलाफ दर्जनों गंभीर मुकदमे दर्ज हैं, जिसका खुलासा उन्होंने अपने चुनावी हलफनामे में किया था।
किसानों में धैर्यशील मोहिते पाटिल के खिलाफ भारी गुस्सा
धैर्यशील मोहिते पाटिल राकांपा की शरद पवार पार्टी से माधा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं। लोकसभा चुनाव के बीच इन दिनों इस क्षेत्र में भारी तादाद में किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। करकंब में विजय शुगर और आदेगांव में विजय शुगर में लिए गए शेयर्स के साथ-साथ गन्ने की जितनी मात्रा इस फैक्ट्री में ज्यादातर किसानों ने खर्च की थी, वह अभी बाकी है। मोहिते पाटिल को लेकर लोगों में गुस्सा है कि वह लोगों का बकाया क्यों नहीं दे रहे हैं। दरअसल मोहिते पाटिल परिवार ने पूर्व उपमुख्यमंत्री विजयसिंह मोहिते के नाम पर दो संस्थान शुरू किए थे। पहला था- करकंब में विजय शुगर और दूसरा अकलुज में विजय क्रेडिट सोसाइटी है। आरोप है कि किसानों और अन्य लोगों के साथ मोहिते पाटिल ग्रुप के कुछ सदस्य शराब पीकर मारपीट करते हैं।
क्या कहता है माधा लोकसभा सीट का चुनावी इतिहास?
साल 2008 में माधा लोकसभा सीट अस्तित्व में आया था, जिसके बाद पहली बार इस सीट के लिए 2009 में लोकसभा चुनाव हुए। महाराष्ट्र की सियासत के चाणक्य कहे जाने वाले शरद पवार ने उस वक्त खुद इस सीट से चुनाव लड़ने का फैसला किया। उनका सामने भाजपा के सुभाष देशमुख से हुआ। इस चुनाव में पवार ने 3 लाख से अधिक वोटों से जीत हासिल की। इस तरह इस सीट के लिए हुए पहले चुनाव में शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने जीत का परचम फहराया। इसके बाद साल 2014 में जब इस सीट पर चुनाव हुए तो मोदी लहर के बावजूद राकंपा ने यहां से जीत हासिल की। 2014 में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विजयसिंह मोहिते-पाटिल इस सीट से सांसद चुने गए। इसे बाद 2019 में पहली बार यहां भाजपा का खाता खुला और रंजीत नाइक-निंबालकर ने जीत हासिल की। बीजेपी ने रंजीत पर एक बार फिर भरोसा जताया है। जो राकंपा के धैर्यशील मोहिते पाटिल को टक्कर देंगे।
माधा सीट से कब कौन बना सांसद?
वर्ष | नाम | पार्टी |
2009 | शरद पवार | राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी |
2014 | विजयसिंह मोहिते पाटिल | राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी |
2019 | रंजीत नाइक निंबालकर | भारतीय जनता पार्टी |
माधा से मौजूदा भाजपा सांसद रंजीत नाइक-निंबालकर को पार्टी ने फिर से मैदान में उतारा है। महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीट के लिए 19 अप्रैल से 20 मई के बीच पांच चरणों में मतदान होगा और वोटों की गिनती चार जून को होगी। माधा में चौथे चरण में 13 मई को मतदान होना है। लोकसभा चुनाव 2024 में महाराष्ट्र की अहमियत इस बात से समझी जा सकती है कि ये देश का दूसरा ऐसा राज्य हैं, जहां सबसे अधिक लोकसभा सीटें हैं। 543 सीटों में से अकेले इस राज्य में 48 सीटें हैं, जो सत्ता के सिंहासन में अहम भूमिका अदा करती हैं। चुनावी मौसम में सियासी उठापटक का दौर जारी है। बता दें, 4 जून को लोकसभा चुनाव के नतीजे आएंगे।
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