लोकसभा चुनाव में कितनी अहम हैं पश्चिम बंगाल की 42 सीटें? INDI गठबंधन में दरार के चलते त्रिकोणीय मुकाबला; समझें समीकरण

West Bengal Politics: विपक्षी दलों के गठबंधन के बावजूद पश्चिम बंगाल के चुनावी समीकरण में कुछ खास बदलाव नहीं देखने को मिल रहा है। लोकसभा चुनाव में 'इंडिया' गठबंधन में शामिल पार्टियों के बीच आपसी मतभेद से सूबे में त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है। आपको सियासी हालात से रूबरू कराते हैं।

Triangular Competition in West Bengal

Election News: पश्चिम बंगाल की 42 लोकसभा सीटों की अहमियत सत्ताधारी भाजपा और बंगाल में शासन कर रहीं ममता बनर्जी की टीएमसी को बेहतर मालूम है। विपक्षी दलों के गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूजिव अलायंस (INDIA) में शामिल पार्टियों के बीच मतभेद के चलते पश्चिम बंगाल में कोई मजबूत समीकरण नहीं सेट हो सका। यहां सबकुछ बिखरा-बिखरा सा है, यही वजह है कि इस बार के चुनाव में यहां त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है।

36 निर्वाचन क्षेत्रों में से आधे पर कड़ा मुकाबला

मतदान के अंतिम पांच चरण जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के अलग-अलग चुनाव लड़ रहे सहयोगियों- कांग्रेस-वाम गठजोड़ तथा तृणमूल कांग्रेस के बीच दरार खुलकर सामने आ रही है। इससे संदेशखालि और एसएससी घोटाले जैसे स्थानीय मुद्दों के कारण पश्चिम बंगाल के शेष 36 निर्वाचन क्षेत्रों में से आधे पर कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है।

टीएमसी के फैसले से मुकाबला हुआ त्रिकोणीय

राज्य में ‘इंडिया’ के हिस्से के बजाय स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने के तृणमूल कांग्रेस के फैसले से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है, जिसमें अन्य दावेदार भाजपा और कांग्रेस-वाम गठबंधन हैं। तृणमूल और कांग्रेस दोनों ने दावा किया है कि वे राष्ट्रीय स्तर पर ‘इंडिया’ गठबंधन का हिस्सा हैं तथा बंगाल में विपक्षी मोर्चे के प्रामाणिक प्रतिनिधि हैं।

End Of Feed