EVM पर 2 क्रिएटर्स को वीडियो बनाना पड़ा भारी, YouTube ने भेजा नोटिस; कमाई भी हुई बंद

Lok Sabha Election 2024: इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) पर वीडियो बनाने वाले 2 क्रिएटर्स को यूट्यूब की ओर से नोटिस जारी किया गया है। इसके साथ ही उनके उन वीडियोज से होने वाली कमाई पर भी रोक लगा दी गई है जो ईवीएम से जुड़े हुए हैं।

EVM पर 2 क्रिएटर्स को वीडियो बनाना पड़ा भारी

Lok Sabha Election 2024: यूट्यूब (YouTube) ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के वीडियो को लेकर कुछ महीने पहले अतिरिक्त नियम लाने की शुरुआत की थी। अब यूट्यूब ऐसे वीडियोज के मोनेटाइजेशन पर भी रोक लगाने की शुरुआत कर दी है। इसका मतलब है कि क्रिएटर्स को इस तरह के वीडियोज पर एडवर्टाइजमेंट रेवेन्यू नहीं मिलेगा। ऐसा ही कुछ हुआ है मेघनाद पांडे और सोहित मिश्रा नाम के दो क्रिएटर्स के साथ। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, मेघनाद पांडे और सोहित मिश्रा को हाल ही में यूट्यूब की ओर से अलर्ट मिला था। इसमें ईवीएम और वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) मशीनों से जुड़े उनके कुछ वीडियोज पर मोनेटाइजेशन रोकने की बात कही गई थी। यूट्यूब ने इसके पीछे अपनी एडवर्टाइजर फ्रेंडली गाइडलाइंस का हवाला दिया है। इसने कहा है कि गलत जानकारी देने वाले वीडियोज एड रेवेन्यू के योग्य नहीं हैं। बता दें कि मिश्रा के चैनल पर 3.68 लाख और मेघनाद के चैनल पर 42 हजार सब्सक्राइबर हैं।

सोहित मिश्रा ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि ईवीएम के विषय पर उनके चार वीडियो सीमित मुद्रीकरण के तहत रखे गए थे। इनमें से, समीक्षा के लिए मिश्रा के अनुरोध पर अंततः केवल एक वीडियो के लिए मुद्रीकरण बहाल किया गया था। मंच ने हाल ही में मेहगनद के चार लाइव-स्ट्रीम वीडियो के विज्ञापनों से होने वाली कमाई पर अंकुश लगा दिया। इनमें से प्रत्येक वीडियो, जो दो से तीन घंटे लंबा है, में मेहगनद को ईवीएम पर दर्शकों के सवालों का जवाब देते हुए, 100% वीवीपैट गिनती के बारे में सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर अपडेट साझा करते हुए और अन्य चीजों के अलावा चुनावी बांड पर चर्चा करते हुए दिखाया गया है। उन्होंने कहा कि मैंने समीक्षा के लिए आवेदन किया है और अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। मुझे इस बारे में कोई स्पष्टता नहीं है कि ऐसा क्यों हुआ।

हालांकि, YouTube के अनुसार, मिश्रा और मेघनाद के वीडियो के विज्ञापनों को इस आधार पर अवरुद्ध कर दिया गया था कि उन्होंने विज्ञापनदाता दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया था। सूत्रों ने कहा कि इन उल्लंघनों में सार्वजनिक मतदान प्रक्रियाओं, उम्र या जन्मस्थान के आधार पर राजनीतिक उम्मीदवार की पात्रता, चुनाव परिणाम और जनगणना भागीदारी के बारे में स्पष्ट रूप से गलत जानकारी को बढ़ावा देना शामिल है जो आधिकारिक सरकारी रिकॉर्ड के विपरीत है।

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Shashank Shekhar Mishra author

शशांक शेखर मिश्रा टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल (www.timesnowhindi.com/ में बतौर कॉपी एडिटर काम कर रहे ह...और देखें

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