भारत की ग्रामीण आबादी के लिए कितना अहम है लोकसभा चुनाव 2024? चुनावी खर्च को लेकर सामने आई 3 बड़ी बात

Lok Sabha Election 2024: आजाद भारत के इतिहास में जब पहली बार लोकसभा चुनाव हुए थे तो कुल 10.45 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे, देखते ही देखते ये खर्च अब 20 गुना के पार पहुंच गया है। विशेषज्ञों का दावा है कि रिकॉर्डतोड़ चुनावी खर्च का महत्वपूर्ण हिस्सा भारत की ग्रामीण आबादी के पास जाएगा।

Election Commission On Exit Poll

Electoral Expenses: चुनावी मौसम में खर्चे पानी की तरह होते हैं, इस बार के लोकसभा चुनाव को लेकर ऐसा दावा किया जा रहा है कि ये अब तक का सबसे महंगा चुनाव साबित होगा। देश में हुए पहले लोकसभा के चुनाव में कुल 10.45 करोड़ रुपये खर्च किए गए थें, अब आर्थिक हालात इतने बदल चुके हैं कि ये लागत 20 गुना के पार पहुंच गई है।

देश के इतिहास का सबसे महंगा चुनाव

वर्ष 2024 का लोकसभा चुनाव शुरू होने के साथ ही न केवल राजनीतिक परिदृश्य में बल्कि अर्थव्यवस्था पर इसके असर को लेकर भी उम्मीदें बनी हुई हैं, खासकर भारत के ग्रामीण क्षेत्र में, क्योंकि विशेषज्ञों ने इस चुनाव को देश के इतिहास में अब तक लड़ा गया सबसे महंगा चुनाव बताया है। ‘सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज’ के अध्यक्ष और 35 वर्षों से चुनाव खर्च पर नज़र रखने वाले एन भास्कर राव ने इस चुनाव में लगभग 1.35 लाख करोड़ रुपये का खर्च होने का अनुमान लगाया है। व्यावसायिक घरानों का मानना है कि चुनाव के दौरान खर्च की गई राशि का महत्वपूर्ण हिस्सा भारत की ग्रामीण आबादी के पास जाएगा जिससे बिक्री में बढ़ोतरी होगी।

2019 के लोकसभा चुनाव को समझिए

एक अध्ययन के अनुसार, भारत में 2019 के लोकसभा चुनाव में लगभग 35 प्रतिशत चुनावी खर्च अभियान और प्रचार पर किया गया था। राशि का दूसरा सबसे बड़ा हिस्सा विभिन्न माध्यमों से मतदाताओं को मिला था, जिसमें प्रमुख माध्यम श्रमिकों को काम पर रखना, अभियान सामग्री खरीदना, मुफ्त उपहार और कुछ मामलों में प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण थे।

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