Begusarai: बिहार के 'लेनिनग्राद' बेगूसराय में हो रही रोचक चुनावी जंग, कुछ ऐसा रहा है चुनावी इतिहास?

Arena of Leningrad Begusarai of Bihar: बेगूसराय भूमिहार बहुल सीट है। गिरिराज सिंह भूमिहार जाति से आते हैं, जबकि अवधेश राय यादव जाति से आते हैं। दोनों प्रत्याशी इस सीट पर कब्जा जमाने के लिए कठिन परिश्रम कर रहे हैं।

Begusarai: बिहार के 'लेनिनग्राद' बेगूसराय में हो रही रोचक चुनावी जंग, कुछ ऐसा रहा है चुनावी इतिहास?

Arena of Leningrad Begusarai of Bihar: बेगूसराय भूमिहार बहुल सीट है। गिरिराज सिंह भूमिहार जाति से आते हैं, जबकि अवधेश राय यादव जाति से आते हैं। दोनों प्रत्याशी इस सीट पर कब्जा जमाने के लिए कठिन परिश्रम कर रहे हैं।'बिहार का लेनिनग्राद' माना जाने वाला बेगूसराय इस चुनाव में देश के 'हॉट' सीटों में से एक है।

इस चुनाव में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने महागठबंधन के साझा उम्मीदवार के तौर पर पूर्व विधायक अवधेश राय को चुनाव मैदान में उतारा है। वहीं भाजपा ने अपने फायरब्रांड नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह पर एकबार फिर दांव लगाया है।

इस चुनाव में महागठबंधन साझा उम्मीदवार देने में सफल हुआ है। पिछले चुनाव में भाकपा ने कन्हैया कुमार को उतारा था तो राजद ने तनवीर हसन को उतार दिया था। भाजपा के फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह की इस बार सीधी टक्कर भाकपा के अवधेश राय से है, जिन्‍हें राजद और कांग्रेस का भी समर्थन हासिल है ।

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साल 2019 के लोकसभा चुनाव में गिरिराज सिंह ने त्रिकोणीय मुकाबले में काफी बड़े अंतर से जीत हासिल की थी।2014 के लोकसभा चुनाव में राजद प्रत्याशी हसन ने यहां भाजपा को जबरदस्त टक्कर दी थी, मगर वे भाजपा के भोला सिंह से 58,000 से ज्यादा मतों से हार गए थे। बेगूसराय सीट के रोमांचक लड़ाई पर देश की नजरें टिकी हुई हैं। दोनों मुख्य दावेदारों में कड़ा मुकाबला माना जा रहा है।

1952 से 2019 तक के चुनावों में सबसे ज्यादा बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की

बताया जाता है कि 1952 से 2019 तक के लोकसभा चुनावों में सबसे ज्यादा बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की, लेकिन चुनौती वामपंथी देते रहे हैं। कहा जाता है कि आज भी वामपंथ का वोटबैंक सुरक्षित है।बेगूसराय में सात विधानसभा सीट हैं, जिसमें से भाकपा और राजद के दो -दो विधायक हैं, जबकि विधानसभा में भाजपा के पास दो और जदयू के पास एक सीट है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आकर्षण बरकरार है

दूसरी ओर मतदाताओं के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आकर्षण बरकरार है, जबकि विपक्षी गठबंधन को उम्मीद है कि वह अपने सामाजिक अंकगणित से इसकी काट निकाल लेंगे। ज्यादातर भाजपा नेता और समर्थक मोदी पर भरोसा टिकाए हुए हैं।वैसे गिरिराज सिंह के हिंदुत्व चेहरे का भी लाभ मिलना तय है। गिरिराज सिंह की भूमिहार, सवर्णो, कुर्मी और अति पिछड़ा वर्ग पर अच्छी पकड़ है, जबकि महागठबंधन मुस्लिम, यादव वोटरों को अपने खेमे में किए हुए है।

बेगूसराय की राजनीति जाति पर आधारित रही है

दरअसल, बेगूसराय की राजनीति जाति पर आधारित रही है। बछवाड़ा, तेघड़ा, बेगूसराय, मटिहानी, बलिया, बखरी, चेरिया बरियारपुर - सात विधानसभा क्षेत्रों वाले बेगूसराय लोकसभा क्षेत्र में अनुमान के मुताबिक 21 लाख मतदा ताओं में से भूमिहार मतदाता करीब 16 फीसदी, मुस्लिम 14 फीसदी, यादव 8 फीसदी, पासवान 8 फीसदी और कुर्मी 7 फीसदी हैं। यहां की राजनीति मुख्य रूप से भूमिहार जाति के आसपास घूमती है। इस बात का सबूत यह है कि पिछले 11 लोकसभा चुनावों में से कम से कम 10 बार भूमिहार सांसद बने हैं।

बेगूसराय में चौथे चरण के तहत 13 मई को मतदान

बेगूसराय में लोकसभा चुनाव के चौथे चरण के तहत 13 मई को मतदान होना है। सभी प्रत्याशी अपनी जीत को लेकर काफी मेहनत कर रहे हैं। राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जन्मस्थली बेगूसराय में इस रोचक जंग में किसकी जीत होगी, इसका पता तो चार जून के चुनाव परिणाम के दिन पता चलेगा।

एजेंसी इनपुट के साथ

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