क्या अब INDIA में शामिल होंगे पशुपति पारस? NDA के 'पटका' देने की फिराक में होंगे लालू

Bihar Politics: अब पशुपति पारस का क्या होगा? माना जा रहा है कि भाजपा के नेतृत्व वाले NDA से अलग होने के बाद रामविलास पासवान के भाई और चिराग पासवान के चाचा INDI गठबंधन में शामिल हो सकते हैं। सीधे शब्दों में कहा जाए कि चिराग पासवान ने चाचा अपने चाचा से हिसाब कर लिया है, यानी बदला ले लिया है।

Chirag Paswan vs Pashupati Paras

चाचा पशुपति से भतीजे चिराग ने ऐसे बराबर किया हिसाब।

Lok Sabha Election 2024: बिहार की सियासत में नया उबाल आ चुका है। चिराग पासवान vs पशुपति पारस की लड़ाई में फिलहाल भतीजे ने अपने चाचा को चारो खाने चित कर दिया है। इस वक्त पशुपति पर एक कहावत सटीक बैठेगी- खिसियानी बिल्ली खम्भा नोचे...। पशुपति पारस को 'माया मिली न राम...' सोमवार को भाजपा ने उनके साथ खेला करते हुए राज्य की 5 सीटें भतीजे चिराग के खाते में दे दी। मतलब साफ है, इस चाचा-भतीजे की लड़ाई में भी भतीजे ने बाजी मार ली। अब चाचा के पास क्या ही चारा था, वही हुआ जिसके आसार लगाए जा रहे थे। पशुपति पारस ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया।

क्या अब लालू के भरोसे चलेगी पशुपति की गाड़ी?

माना जा रहा है कि भाजपा के नेतृत्व वाले NDA से अलग होने के बाद रामविलास पासवान के भाई और चिराग पासवान के चाचा INDI गठबंधन में शामिल हो सकते हैं। वैसे भी बिहार में NDA के लिए पिछली बार जैसा समीकरण बन गया है। यदि ये कहें कि ये पिछली बार की तुलना में और भी मजबूत है तो गलत नहीं होगा। हालांकि लालू यादव कतई नहीं चाहेंगे कि लोकसभा चुनाव 2019 की तरह इस बार भी उनकी आरजेडी शून्य पर ही क्लीन बोल्ड हो जाए। ऐसे में लालू यादव निश्चित तौर पर पशुपति पारस को अपने खेमे में खींचने का प्रयास करेंगे।

बिहार में जब चाचा ने भतीजे को दिया था गच्चा

वो कहते हैं न जैसे को तैसा... राजनीति में कभी भी कुछ भी हो सकता है। एक ऐसा भी वक्त आया था, जब चाचा ने भतीजे को कहीं का नहीं छोड़ा था। पशुपति पारस ने चिराग लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष रहते हुए ऐसा खेला किया था जिसका उन्हें अंदाजा तक नहीं था। उन्होंने LJP के 6 में से 5 सांसदों को तोड़ लिया। और इसके बार चिराग अकेले रह गए। हाजीपुर के सांसद पशुपति पारस के साथ वैशाली से सांसद वीणा देवी, खगड़िया से सांसद चौधरी महबूब अली कैसर, नवादा से चंदन सिंह, समस्तीपुर से प्रिंस राज को तोड़ लिया था। अब इन सभी सांसदों की टेंशन बढ़ गई होगी, क्योंकि भाजपा ने पशुपति पारस के खेमे को एक भी सीट नहीं दी, जबकि चिराग पासवान इस सभी चार सांसदों से बेहद नाराज हैं। ऐसे में अब चिराग नए चेहरों पर भरोसा जता सकते हैं। क्योंकि एक कहावत है- 'Once a cheater, always a cheater', मतलब जो एक बार धोखा दे सकता है वो हमेशा धोखेबाज ही होगा।

पशुपति ने भाजपा पर नाइंसाफी का आरोप लगाया

केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने मंगलवार को केंद्र सरकार से इस्तीफा दे दिया और आरोप लगाया कि भाजपा लोकसभा चुनाव के लिए बिहार में सीट बंटवारे की बातचीत में शामिल नहीं करके उनकी राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) के साथ नाइंसाफी कर रही है। पारस ने एक संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणा की। इससे एक दिन पहले ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने राज्य में अपने सीट-बंटवारा समझौते की घोषणा की थी और चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोजपा (रामविलास) को पांच सीट देने का ऐलान किया था। पारस ने संवाददाता सम्मेलन में अपने इस्तीफे के बारे में संक्षिप्त बयान दिया, लेकिन अपनी भविष्य की योजनाओं के बारे में कुछ नहीं बताया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में शामिल भाजपा के किसी सहयोगी दल के एकमात्र नेता पारस ने सीट-बंटवारे को लेकर नाखुशी जताने से पहले प्रधानमंत्री को बड़ा नेता बताते हुए उनका आभार जताया। पारस ने कहा कि उन्होंने ईमानदारी और निष्ठा के साथ राजग की सेवा की लेकिन उनके साथ नाइंसाफी हुई। उन्होंने कहा, ‘मेरी पार्टी और खासतौर से मेरे साथ नाइंसाफी हुई है।’ पशुपति पारस की पार्टी के प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल ने कहा कि पार्टी नेता जल्द मिलकर आगे की कार्रवाई के बारे में निर्णय लेंगे। उन्होंने साफ किया कि पारस चुनाव लड़ेंगे।

लोकसभा में लोक जनशक्ति पार्टी के छह सांसदों में से कुछ समय पहले तक पारस को पांच सांसदों का समर्थन प्राप्त था, लेकिन प्रेस वार्ता में उनके साथ इनमें से कोई नहीं था। सूत्रों के मुताबिक कुछ सांसद अन्य दलों के साथ चुनाव लड़ने की संभावना तलाश रहे हैं जिनमें पारस से अलग राजनीति कर रहे उनके भतीजे चिराग पासवान की लोजपा (राम विलास) भी शामिल है। पारस बिहार में राष्ट्रीय जनता दल की अगुवाई वाले विपक्षी गठबंधन के साथ हाथ मिलाने की संभावना पर विचार कर सकते हैं और हाजीपुर सीट से अपने भतीजे चिराग के खिलाफ चुनाव लड़ सकते हैं। निवर्तमान लोकसभा में वह हाजीपुर का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। चिराग पासवान ने भी आगामी चुनाव में इस सीट से लड़ने का संकेत दिया है जिसे उनके दिवंगत पिता राम विलास पासवान के प्रभाव वाला क्षेत्र माना जाता है।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | इलेक्शन (elections News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

लेटेस्ट न्यूज

आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited