बिहार में चौतरफा मुश्किलों में घिरी कांग्रेस, एक के बाद एक नेता छोड़ रहे पार्टी, पप्पू ने भी फंसाया पेच
कांग्रेस बिहार में चौतरफा मुश्किलों में घिर गई है, पार्टी से नेता अपना नाता तोड़ रहे हैं। सवाल है कि कैसे वह मजबूत एनडीए को चुनौती दे पाएगी।
मुश्किलों में घिरी कांग्रेस
Bihar Congress: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए मतदान होने में थोड़ा ही वक्त रह गया है लेकिन कांग्रेस की मुसीबतें खत्म होती नहीं दिख रही है। कई राज्यों में उसके नेताओं का पार्टी छोड़ने का सिलसिला जारी है। बिहार में भी कुछ ऐसा है सूरतेहाल है। पहले तो लालू प्रसाद यादव की आरजेडी के साथ लंबे दौर के बाद समझौता हो सका। उसके बाद नेताओं के पार्टी छोड़ने का सिलसिला शुरू हो गया। सीटों को लेकर भी कांग्रेस को समझौता करना पड़ा और पूर्णिया सीट पर भारी विवाद पैदा हो गया जिस पर पप्पू यादव अपना दावा ठोक रहे हैं। सवाल उठ रहे हैं कि कांग्रेस बिहार में चौतरफा मुश्किलों में घिर गई है, तो कैसे मजबूत एनडीए को चुनौती दे पाएगी।
असित नाथ तिवारी ने पार्टी छोड़ी
लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद बिहार कांग्रेस को लगातार झटके लग रहे हैं। रविवार को पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अनिल शर्मा ने पार्टी छोडी, तो सोमवार को पार्टी के प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने पार्टी से त्यागपत्र दे दिया। तिवारी ने प्रदेश अध्यक्ष को लिखे एक पत्र में कहा है कि वे सिर्फ पार्टी के प्रवक्ता पद से नहीं, बल्कि पार्टी क़ी प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे रहे हैँ। उन्होंने कहा क़ि उनका इस्तीफा व्यक्तिगत कारणों से है। पार्टी के किसी नेता या कार्यकर्ता से उनको कोई शिकायत नहीं है।
अनिल शर्मा ने भी दिया इस्तीफा
इससे पहले बिहार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अनिल शर्मा ने रविवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने इस बाबत पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखा। मल्लिकार्जुन खड़गे को भेजे अपने इस्तीफे में उन्होंने नेतृत्व को समझौतावादी बताया है। 2008 से 2010 के बीच 21 महीने तक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहे अनिल शर्मा के भाजपा में जाने की चर्चा है। हालांकि उन्होंने अभी तक कोई खुलासा नहीं किया है। एक संवाददाता सम्मेलन में अनिल शर्मा ने कहा कि मैं आरजेडी से गठबंधन का विरोधी हूं। कांग्रेस का आरजेडी से गठबंधन आत्मघाती है। उन्होंने कहा कि नरसंहार और जंगलराज का हम साथ देते रहे। कांग्रेस ने अक्षम्य अपराध किया है। कांग्रेस पार्टी और खास तौर पर सोनिया गांधी और राहुल गांधी को जंगलराज के लिए माफी मांगनी चाहिए।
पप्पू यादव के रुख ने मुश्किल में डाला
उधर, हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए पप्पू यादव पूर्णिया सीट पर अपना दावा छोड़ने को तैयार नहीं हैं। समझौते के तहत यह सीट आरजेडी के खाते में गई है। लेकिन इससे पप्पू यादव खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं और उन्होंने साफ कर दिया है कि पूर्णिया से ही चुनाव लड़ेंगे भले ही अंजाम कुछ भी हो। पप्पू यादव इस सीट से नामांकन दाखिल करने पर अड़े हुए हैं। उन्होंने एक बार फिर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से पूर्णिया सीट कांग्रेस के लिए छोड़ने की अपील की है। कांग्रेस में अपनी जन अधिकार पार्टी का विलय करने वाले पप्पू यादव ने कहा कि इस सीट पर उनका प्रस्तावित नामांकन अब दो अप्रैल की जगह चार अप्रैल को होगा। पूर्णिया सीट से आरजेडी ने बीमा भारती को अपना प्रत्याशी बनाया है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | इलेक्शन (elections News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
End of Article
अमित कुमार मंडल author
करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव ...और देखें
End Of Feed
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited