Lok Sabha Chunav 2024: दिल्ली की तीन सीटों पर उम्मीदवारों को लेकर पशोपेश में कांग्रेस, दावेदारों की लंबी लिस्ट
Delhi Lok Sabha Seats: दिल्ली में कांग्रेस पार्टी के सामने अजीब स्थिति है। आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी चुनावों के लिए पहले ही अपने-अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। लेकिन सबसे पुरानी पार्टी ने अब तक ऐसा नहीं किया
दिल्ली में उम्मीदवारों के नामों पर कांग्रेस की उलझन
Congress Dilemma Over Candidates: लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी की सरकार हिला देने का दावा करने वाली कांग्रेस अभी उम्मीदवारों के संकट से ही जूझ रही है। बात करें दिल्ली की तो यहां आम आदमी पार्टी के साथ भले ही उसका गठबंधन हो गया हो, लेकिन वह अब तक तीन सीटों पर अपने उम्मीदवार तय नहीं कर पाई है। दिल्ली से लेकर यूपी तक अहम सीटों पर न उम्मीदवार तय हुए हैं और न ही प्रचार जोर पकड़ पाया है।
कांग्रेस में खींचतान से उलझन बढ़ीदिल्ली में कांग्रेस पार्टी के सामने अजीब स्थिति है। आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी चुनावों के लिए पहले ही अपने-अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। लेकिन सबसे पुरानी पार्टी ने अब तक ऐसा नहीं किया है। वजह स्थानीय नेताओं और आलाकमान के बीच आंतरिक खींचतान है। आप के साथ गठबंधन समझौते के तहत पार्टी को ल्ली में तीन सीटें मिली तभी से इन्हें हासिल करने के लिए नेताओं में अफरा-तफरी मच गई। दावेदारों की सूची लंबी हो गई और कई बाहरी उम्मीदवार भी अपना दावा ठोक रहे हैं।
उत्तर-पूर्वी दिल्ली सीट
इस सीट पर खास तौर पर पूर्व सांसद संदीप दीक्षित, वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष चौधरी अनिल और इस निर्वाचन क्षेत्र से पूर्व सांसद जेपी अग्रवाल की दावेदारी है। भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ की कमान संभालने वाले जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और पूर्वांचल की लोक गायिका नेहा सिंह राठौड़ जैसे नाम भी सामने आ रहे हैं। इस क्षेत्र में 2020 में सांप्रदायिक दंगे हुए और इसलिए यहां काफी ध्रुवीकरण हो सकता है। यही वजह है कि कई वरिष्ठ नेता इस सीट को लेकर कोई जोखिम नहीं उठाना चाहते। 2019 के लोकसभा चुनावों में शीला दीक्षित केवल एक विधानसभा क्षेत्र सीलमपुर में ही बढ़त हासिल कर पाई थी, जो मुस्लिम बहुल है।
चांदनी चौक सीट
2019 में जेपी अग्रवाल ने इस सीट से चुनाव लड़ा और डॉ. हर्षवर्द्धन के बाद दूसरे स्थान पर रहे। लेकिन उन्हें उत्तर-पूर्वी दिल्ली की उम्मीदवार शीला दीक्षित से भी अधिक वोट मिले थे। लेकिन, चांदनी चौक से जेपी अग्रवाल अकेले उम्मीदवार नहीं हैं। बताया जा रहा है कि शीला दीक्षित के बेटे और पूर्व सांसद संदीप दीक्षित की दिलचस्पी अब उत्तर-पूर्वी दिल्ली से ज्यादा चांदनी चौक सीट में है। वहीं, महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा भी मैदान में हैं। AAP के टिकट पर चांदनी चौक विधानसभा सीट जीतने वाली लांबा ने जब 2020 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस के लिए लड़ा तो उनकी जमानत जब्त हो गई थी।
उत्तर-पश्चिम सीट
उत्तर-पश्चिम दिल्ली लोकसभा क्षेत्र बाकी दो सीटों की तुलना में और भी अधिक दिलचस्प सीट है। कांग्रेस और आप के बीच सीट बंटवारे की बातचीत के दौरान दिल्ली में एकमात्र अनुसूचित जाति आरक्षित सीट पर खास फोकस रहा था। 2019 में कांग्रेस इस निर्वाचन क्षेत्र में तीसरे स्थान पर रही थी। इस सीट पर उदित राज की चर्चा है जो 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा से कांग्रेस में चले गए थे। तब भाजपा ने उन्हें सीट से दोबारा टिकट देने से इनकार कर दिया था। दूसरी ओर, दिल्ली के पूर्व मंत्री और मंगोलपुरी से कई बार विधायक रहे राजकुमार चौहान की भी दावेदारी नजर आ रही है। वह स्थानीय नेतृत्व और कार्यकर्ताओं दोनों के बीच समान रूप से लोकप्रिय हैं। बवाना से पूर्व विधायक सुरिंदर कुमार और सुल्तानपुरी माजरा से पूर्व विधायक जय किशन भी दावेदारी ठोक रहे हैं।
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