Hot Seat: दिल्ली की चांदनी चौक सीट से जीतने वाले की होती है चांदी ही चांदी, केंद्र सरकार में बन जाता है मंत्री
दिल्ली की सात सीटों में चांदनी चौक लोकसभा सीट की अलग ही अहमियत है। ये जगह सिर्फ दिल्ली ही नहीं पूरे भारत में मशहूर है। इसमें 10 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं।
चांदनी चौक सीट का लेखाजोखा
Chandni Chowk Seat: लोकसभा चुनाव 2014 नजदीक हैं और इसी महीने तारीखों का ऐलान होने की संभावना है। सभी पार्टियां धुआंधार प्रचार में जुटी हुई हैं। देश की राजधानी दिल्ली खास तौर पर अहमियत रखती है और यहां की सात सीटों पर कब्जे की लड़ाई बेहद दिलचस्प रहती है। इस बार मुकाबला भाजपा और आप-कांग्रेस के बीच है। जहां बीजेपी ने अपने पांच उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है, वहीं आप ने तीन सीटों के प्रत्याशियों के नाम घोषित किए हैं। कांग्रेस तीन सीटों जबकि आप 4 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
10 विधानसभा क्षेत्र शामिल
दिल्ली की सात सीटों में चांदनी चौक लोकसभा सीट की अलग ही अहमियत है। ये जगह सिर्फ दिल्ली ही नहीं पूरे भारत में मशहूर है। इसमें 10 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं- आदर्श नगर, शालीमार बाग, शूकर बस्ती, त्रिनगर, वजीरपुर, मॉडल टाउन, सदर बाजार, चांदनी चौक, मटिया महल, बल्लीरामन। पिछले दो चुनावों में भाजपा ने अपना परचम लहराया। 2014 और 2019 चुनावों में भाजपा नेता डॉ. हर्षवर्धन को मतदाताओं ने संसद पहुंचाया। लेकिन इस बार उन्हें टिकट नहीं मिला है। भाजपा ने इस बार प्रवीण खंडेलवाल को अपना उम्मीदवार बनाया है।
मुस्लिम और वैश्य मतदाता
मिश्रित जनसंख्या के कारण चांदनी चौक लोकसभा क्षेत्र के चुनावी समीकरण दिल्ली के बाकी लोकसभा क्षेत्रों से अलग हैं। यहां बड़ी संख्या में मुस्लिम और वैश्य मतदाता हैं। यहां खास तौर पर व्यापारी वर्ग के वोट निर्णायक साबित होते हैं। इस लोकसभा सीट से संसद पहुंचने वाले जिताऊ उम्मीदवार को सरकार में भी जगह मिलती है। साल 1998 और 1999 में यहां से जीतने वाले विजय गोयल को अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्रिपद मिला था। फिर कपिल सिब्बल भी डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार मंत्री रहे। इसी तरह साल 2014 और 2019 में यहां से जीते डॉ. हर्षवर्धन को भी मोदी सरकार में मंत्रिपद मिला। हालांकि, साल 2021 में हुए फेरबदल में उन्हें कैबिनेट से बाहर कर दिया गया।
डॉ. हर्षवर्धन ने बड़ी जीत दर्ज की थी
2019 में डॉ. हर्षवर्धन ने 5,19,055 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी । वहीं कांग्रेस उम्मीदवार जय प्रकाश अग्रवाल 2,90,910 वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे और 1,44,551 वोटों के साथ AAP उम्मीदवार पंकज कुमार गुप्ता ने तीसरा स्थान हासिल किया। इस बार आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के साथ आने से मुकाबला दिलचस्प हो गया है। भाजपा को कड़ी टक्कर मिलने की संभावना जताई जा रही है। कांग्रेस-आप के बीच समझौते के तहत इस बार ये सीट कांग्रेस के खाते में गई है। हालांकि उसने अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है।
साल | विजेता | पार्टी |
1957 | 1957 राधा रमण | कांग्रेस |
1962 | शाम नाथ | कांग्रेस |
1967 | राम गोपाल शालवाले | जनसंघ |
1971 | सुभद्रा जोशी | कांग्रेस |
1977 | सिकंदर बख्त | जनता पार्टी |
1980 | भीकू राम जैन | कांग्रेस |
1984 | जयप्रकाश अग्रवाल | कांग्रेस |
1989 | जयप्रकाश अग्रवाल | कांग्रेस |
1991 | ताराचंद खंडेलवाल | भाजपा |
1996 | जयप्रकाश अग्रवाल | कांग्रेस |
1998 | विजय गोयल | भाजपा |
1999 | विजय गोयल | भाजपा |
2004 | कपिल सिब्बल | कांग्रेस |
2009 | कपिल सिब्बल | कांग्रेस |
2014 | डॉ. हर्षवर्धन | भाजपा |
2019 | डॉ. हर्षवर्धन | भाजपा |
दिल्ली से अब तक सिर्फ एक मुस्लिम नेता सिकंदर बख्त लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंचे हैं। जनता पार्टी ने 1977 में उन्हें चांदनी चौक से मैदान में उतारा था और उन्होंने जीत हासिल की थी। इस लोकसभा सीट पर भाजपा और कांग्रेस के बीच ही प्रमुख टक्कर होती रही है। अब तक नौ बार कांग्रेस और सात बार जनसंघ, जनता पार्टी और भाजपा उम्मीदवारों को जीत मिली है।
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