Lok Sabha Election 2024: महाराष्ट्र की राह नहीं होगी आसान, शिवसेना-राकांपा में विभाजन के बाद बदले सियासी समीकरण

Lok Sabha Election 2024: भाजपा-शिवसेना ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव में 48 में से 41 सीटों पर जीत हासिल की थी। इनमें से भाजपा को 23 सीटों पर जीत मिली थी तो वहीं अविभाजित शिवसेना को 18 सीटों हासिल हुई थी। हालांकि इस बार महाराष्ट्र के सियासी समीकरण बदल गए हैं। NCP और शिवसेना में विभाजन के बाद मतदाताओं के बिखरने का खतरा बढ़ गया है।

Lok Sabha Election in Maharashtra

शिवसेना-NCP में विभाजन के बाद बदले महाराष्ट्र के सियासी समीकरण

Lok Sabha Election 2024: महाराष्ट्र में प्रमुख राजनीतिक दलों शिव सेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में विभाजन ने राज्य की 48 लोकसभा सीटों के लिए लड़ाई को और अधिक दिलचस्प बना दिया है जहां आम तौर पर बेरोजगारी और किसान आत्महत्या जैसे पारंपरिक मुद्दों पर ज्यादा ध्यान रहता है। महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव पांच चरणों में 19 अप्रैल, 26 अप्रैल, सात मई, 13 मई और 20 मई को होंगे। मतों की गिनती चार जून को होगी। भाजपा-शिवसेना गठबंधन ने 2019 के चुनाव में 48 में से 41 सीटें जीती थीं, लेकिन राज्य में विधानसभा चुनावों के बाद शिवसेना और भाजपा का गठबंधन टूट गया था। हालांकि बाल ठाकरे द्वारा स्थापित पार्टी का एक बड़ा हिस्सा टूटकर अब भाजपा के साथ गठबंधन कर चुका है।

अजित पवार के राज्य में सत्तारूढ़ एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गठबंधन में शामिल होने के साथ ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी भी विभाजित हो गई। साल 2019 के लोकसभा चुनावों में, भारतीय जनता पार्टी 23 सीटों के साथ शीर्ष पार्टी बनकर उभरी, उसके बाद अविभाजित शिवसेना 18 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही थी। अविभाजित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) चार सीटों पर व कांग्रेस एक सीट पर विजयी हुई थी, जबकि एक सीट एआईएमआईएम और एक सी निर्दलीय के खाते में गई थी।

महाराष्ट्र में आगामी लोकसभा चुनावों में सौ साल से ज्यादा उम्र के 50000 से अधिक बुजुर्गों सहित कुल 9.2 करोड़ लोग अपने मताधिकार का प्रयोग करने के पात्र हैं। यह आंकड़ा 2019 से 34 लाख ज्यादा है। आगामी लोकसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र के विभिन्न क्षेत्रों में राजनीतिक परिदृश्य इस प्रकार है।

कोंकणराज्य के तटीय क्षेत्र में छह अत्यधिक शहरीकृत लोकसभा सीटों वाली देश की वाणिज्यिक राजधानी मुंबई शामिल है, जहां प्रमुख मुद्दों में परिवहन, आवास और नौकरियों से संबंधित समस्याएं शामिल हैं। इस क्षेत्र में कुल 13 लोकसभा सीट हैं।

पश्चिमी महाराष्ट्र राज्य के सबसे विकसित क्षेत्रों में से एक, यह सूचना प्रौद्योगिकी केंद्रों के साथ-साथ चीनी मिलों, इथेनॉल संयंत्रों और कृषि-समृद्ध ‘रर्बन’ (किसी कस्बे या शहर के किनारे की भूमि, जिस पर नए आवासीय और व्यवसायिक क्षेत्र बनाए जा रहे हैं) क्षेत्र हैं। क्षेत्र में मजबूत दावेदार राकांपा और शिवसेना में विभाजन का मतलब है कि आगामी चुनावों में ताजा गठबंधन के कारण उम्मीदवारों के साथ-साथ पार्टी की विचारधारा पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा। 2019 के चुनावों में, भाजपा ने पांच सीटें जीतीं, जबकि शिवसेना और शरद पवार द्वारा स्थापित राकांपा ने इस क्षेत्र से तीन-तीन सीटें जीतीं।

उत्तरी महाराष्ट्र

यह क्षेत्र देश में अंगूर और प्याज के शीर्ष स्रोतों में से एक है, जिससे यह कृषि उपज के लिए निर्यात-आयात नीतियों में बदलाव के संबंध में असंतोष का केंद्र बन गया है। इस क्षेत्र में आदिवासियों और पिछड़े वर्गों की बड़ी आबादी है। 2019 के चुनावों में, भाजपा-शिवसेना गठबंधन ने क्षेत्र की सभी छह सीटों पर जीत हासिल की थी।

मराठवाड़ा

यह क्षेत्र बारिश की कमी से जूझता रहा है। पानी की कमी के कारण महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों की तुलना में यह अल्पविकसित है जिससे यहां बेरोजगारी बड़ी समस्या है। छत्रपति संभाजीनगर (पूर्व में औरंगाबाद) के औद्योगिक केंद्र के अलावा, शेष क्षेत्र ग्रामीण है और बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। तेजी से राजमार्ग निर्माण से परिवहन को बढ़ावा मिला है। 2019 में, भाजपा ने चार लोकसभा सीटें जीतीं तो उसकी सहयोगी शिवसेना को तीन सीटें मिलीं। औरंगाबाद सीट असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली एआईएमआईएम ने जीती थी। मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे इसी मराठवाड़ा क्षेत्र से आते हैं।

विदर्भ

प्रचुर प्राकृतिक संसाधनों और वनों से समृद्ध, राज्य के पूर्वी भाग का क्षेत्र, हालांकि, किसान आत्महत्याओं के लिए सुर्खियों में रहा है। मुख्य रूप से गढ़चिरौली और कुछ अन्य हिस्सों में वामपंथी चरमपंथ भी समस्या रहा है। पिछले चुनाव में विदर्भ की 11 लोकसभा सीटों में से भाजपा ने पांच व शिवसेना ने तीन सीटें जीती थीं, जबकि कांग्रेस और निर्दलीय एक-एक सीट पर विजयी हुए थे।

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Shashank Shekhar Mishra author

शशांक शेखर मिश्रा टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल (www.timesnowhindi.com/ में बतौर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। इन्हें पत्रकारिता में करीब 5 वर्षों का अनुभव ह...और देखें

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