BJP और कांग्रेस पर भड़कीं मायावती, कहा- अच्छे दिन देखने को नहीं मिलें, इनकी विचारधार संकुचित

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव-2024 से मायावती ने कांग्रेस और भाजपा को लेकर बयान दिया है। उन्होंने भाजपा को लेकर कहा कि इनकी नीतियां नफरत भरी है। वहीं कांग्रेस को लेकर उन्होंने कहा कि इनकी नीतियां जातिवादी और सांप्रदायिक हैं।

मायावती ने भाजपा और कांग्रेस पर साधा निशाना

Lok Sabha Election 2024: बहुजन समाज पार्टी (BSP) की अध्यक्ष मायावती ने बृहस्पतिवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर पूंजीपतियों, अमीरों की मदद करने और चुनावी बॉण्ड के माध्यम से उनसे वित्तीय सहायता लेने का आरोप लगाया। मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी ने इस योजना के माध्यम से एक पैसा भी नहीं लिया। बसपा प्रमुख ने इस पर जोर दिया कि आगामी लोकसभा चुनावों में भाजपा के लिए कोई भी ‘जुमला’ या गारंटी काम नहीं करेगी क्योंकि लोगों को एहसास हो गया है कि सत्तारूढ़ दल द्वारा किए गए एक-चौथाई वादे भी पूरे नहीं हुए हैं और उन्हें अभी तक ‘अच्छे दिन’ देखने को नहीं मिले हैं। उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाए।

मायावती महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र की लोकसभा सीटों पर बसपा के उम्मीदवारों के समर्थन में नागपुर में एक चुनावी रैली को संबोधित कर रही थीं। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि भाजपा अपनी ‘जातिवादी, पूंजीवादी, संकीर्ण सोच वाली और नफरत भरी’ नीतियों के कारण और अगर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव होते हैं तथा ईवीएम के साथ छेड़छाड़ नहीं की जाती है, तो इस बार केंद्र में आसानी से सत्ता में नहीं आएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने अपने अधिकांश प्रयास पूंजीपतियों को और अधिक अमीर बनाने में लगाए हैं।

बसपा प्रमुख ने कहा कि भाजपा और अधिकतर अन्य राजनीतिक दल पूंजीपतियों और धनी व्यक्तियों के वित्तीय समर्थन से संगठन चलाते हैं और चुनाव लड़ते हैं तथा यह भारतीय स्टेट बैंक (SBI) द्वारा चुनावी बॉण्ड के आंकड़ों से पता चला है। मायावती ने कहा कि ‘उन्होंने अमीरों से पैसा लिया, लेकिन बसपा ने किसी भी पूंजीपति या अमीर लोगों से चुनावी बॉण्ड के माध्यम से एक पैसा भी नहीं लिया।’ उन्होंने कहा कि भाजपा और कांग्रेस की जातिवादी, सांप्रदायिक और पूंजीवादी समर्थक नीतियों के कारण देश में गरीबों, दलितों, आदिवासियों, पिछड़े समुदायों, मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यकों की बहुत प्रगति नहीं हुई है। मायावती ने आरोप लगाया कि दलितों, आदिवासियों और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए आरक्षित रिक्त सरकारी पद कई वर्षों से नहीं भरे गए हैं। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में दलितों के साथ-साथ मुसलमानों और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों की हालत बहुत खराब है और यह बात 2006 की सच्चर समिति की रिपोर्ट में भी सामने आई थी।

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