Elections 2024: दिल्ली की सबसे हाई प्रोफाइल नई दिल्ली सीट पर दिलचस्प मुकाबला, बांसुरी स्वराज की उम्मीदवारी में कितना दम?
नई दिल्ली लोकसभा सीट पर साल 2014 से बीजेपी का कब्जा है। साल 2019 चुनाव में बीजेपी की मीनाक्षी लेखी ने कांग्रेस प्रत्याशी अजय माकन को 2, 56, 504 वोटों के अंतर से हराया था।
बांसुरी स्वराज
New Delhi Lok Sabha Seat: लोकसभा चुनाव 2014 की आहट के साथ ही राजधानी दिल्ली में सियासी सरगर्मियां आसमान पर हैं। दिल्ली में मुकाबला भारतीय जनता पार्टी और इंडिया गठबंधन की पार्टियों कांग्रेस और आप के बीच है। बीजेपी ने यहां पांच सीटों का ऐलान कर दिया है। इनमें सबसे हाई प्रोफाइल सीट है नई दिल्ली की सीट। यहां से बीजेपी ने पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज को टिकट दिया है। वहीं, आप ने सोमनाथ भारती को मैदान में उतारा है।
2014 और 2019 लोकसभा में बीजेपी ने लहराया परचम
दिल्ली में कुल 7 लोकसभा सीटें हैं। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने इन सभी 7 सीटों पर कब्जा किया था। दोनों ही बार भाजपा नेता मीनाक्षी लेखी ने बड़े अंतर से जीत हासिल की थी। लेकिन इस बार बीजेपी ने उम्मीदवार बदलकर सभी को चौंका दिया है। पार्टी ने यहां से बांसुरी स्वराज को टिकट दिया है। ये उनका पहला चुनाव होगा और उनके साथ पार्टी की साख भी दांव पर होगी। नजरें इस बात पर रहेंगी कि क्या बीजेपी इस सीट पर जीत की हैट्रिक लगाएगी या फिर आम आदमी पार्टी दिल्ली में अपना खाता खोलेगी।
नई दिल्ली सीट से मीनाक्षी लेखी ने लगातार दो जीत दर्ज की
नई दिल्ली लोकसभा सीट पर साल 2014 से बीजेपी का कब्जा है। साल 2019 चुनाव में बीजेपी की मीनाक्षी लेखी ने कांग्रेस प्रत्याशी अजय माकन को 2, 56, 504 वोटों के अंतर से हराया था। वहीं, साल 2014 लोकसभा चुनाव में मीनाक्षी लेखी ने AAP नेता आशीष खेतान को 2, 90, 642 वोटों से मात दी ती। इससे पहले 2004 और 2009 के चुनाव में कांग्रेस के अजय माकन ने नई दिल्ली सीट से चुनाव जीता था। लेकिन उनकी जीत का इंतजार बढ़ता ही गया और अब ये सीट आप के खाते में चली गई है।
हाई-प्रोफाइल सीट पर दो वकीलों के बीच मुकाबला
बहरहाल, अब इस हाई-प्रोफाइल सीट पर दो वकीलों के बीच मुकाबला होने जा रहा है। इस निर्वाचन क्षेत्र में प्रधानमंत्री से लेकर राष्ट्रपति, अधिकांश न्यायाधीश और विभिन्न पाार्टियों के वरिष्ठ नेता रहते हैं। इस लोकसभा सीट की खासियतें और विविधता इसके इलाकों में साफ नजर आती है। मोती नगर, ग्रेटर कैलाश तक, करोल बाग, पहाड़ गंज, कनॉट प्लेस, खान मार्केट, साउथ एक्सटेंशन और सरोजिनी नगर जैसे व्यापारिक केंद्र इसी संसदीय क्षेत्र में आते हैं। वहीं, लुटियंस दिल्ली, चाणक्य पुरी, आनंद लोक, वसंत विहार और ग्रेटर कैलाश जैसे पॉश आवासीय इलाके भी नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र के तहत आते हैं। इन चुनावी क्षेत्रों में सरकारी कर्मचारियों के वोटों की जीत में अहम भूमिका होती है।
बांसुरी की दावेदारी में कितना दम
बांसुरी स्वराज दिल्ली में बीजेपी का अब तक का सबसे युवा चेहरा हैं। वह पूर्व केंद्रीय मंत्री और दिल्ली की पूर्व सीएम सुषमा स्वराज की बेटी हैं और पेशे से सुप्रीम कोर्ट की वकील हैं। उनका सामना तीन बार के विधायक सोमनाथ भारती से होगा और वह भी एक वकील हैं। बांसुरी के पास अपनी मां और पिता की विरासत के साथ अब बीजेपी का साथ है। उनकी मां सुषमा स्वराज और पिता स्वराज कौशल दोनों प्रसिद्ध राजनेता रहे हैं। अब उनके सामने खुद को एक राजनेता के रूप में स्थापित करने की है।
बांसुरी का मुकाबला सोमनाथ भारती से
सुषमा स्वराज ने 1996 में दक्षिणी दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस के कपिल सिब्बल के खिलाफ चुनाव जीता था और पहली बार लोकसभा के लिए चुनी गई थीं। 1998 में जब सुषमा स्वराज दिल्ली की मुख्यमंत्री बनीं, तो महज 52 दिनों के लिए इस सीट पर रहीं। अब उनकी बेटी बांसुरी इस सीट पर नया इतिहास रचने की कोशिश में हैं। उन्हें आप उम्मीदवार सोमनाथ भारती से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा जो लगातार तीन बार से विधायक चुने जाते रहे हैं। सोमनाथ भारती ने मालवीय नगर विधानसभा से बीजेपी की पूर्व मेयर आरती मेहरा, शीला दीक्षित के कैबिनेट में मंत्री प्रोफेसर किरण वालिया और पूर्व डूसू अध्यक्ष नीतू वर्मा जैसे दिग्गजों को हराकर लगातार तीन बार चुनाव जीता है। भारती 2013 में अरविंद केजरीवाल की 49 दिनों की सरकार में भी मंत्री रहे। घरेलू हिंसा, पीएम मोदी के खिलाफ विवादित बयानों को लेकर वह विवादों में रहे हैं।
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