Lok Sabha Election-2024: पप्पू यादव कांग्रेस में आकर बुरे फंसे, लालू की फिरकी से सब हुए आउट

Lok Sabha Election-2024: बिहार में आज महागठबंधन के सीट शेयरिंग की घोषणा हुई जिसमें पप्पू यादव की पूर्णिया सीट कांग्रेस को नही दी गई, लेकिन इसके बाद भी पप्पू लगातार पूर्णिया से चुनाव लड़ने का दावा कर रहे हैं।

Pappu Yadav

पप्पू यादव को नही मिली पूर्णिया सीट

Lok Sabha Election-2024: 90 के दशक के बाहुबली पप्पू यादव जिसके नाम से बिहार का सीमांचल कांपता था आज कांग्रेस में अपनी पार्टी का विलय करवाकर 'न घर के रहे न घाट के' बिहार में आज महागठबंधन के सीट शेयरिंग की घोषणा हुई जिसमें पप्पू यादव की पूर्णिया सीट कांग्रेस को नही दी गई, लेकिन इसके बाद भी पप्पू लगातार पूर्णिया से चुनाव लड़ने का दावा कर रहे हैं। पप्पू यादव के साथ ऐसा कैसे हुआ ये हम आपको इस एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में सिलसिलेवार तरीके से बतायेंगे....

पप्पू यादव कांग्रेस में लंबे समय से शामिल होना चाहते थे लेकिन आरजेडी के गठबंधन के कारण ये संभव नही हो पा रहा था। जनवरी के महीने में राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा बिहार पहुंची, पप्पू यादव को लगा ये सही समय है कांग्रेस नेतृत्व की नजर में आने का, फिर क्या था यात्रा पूर्णिया पहुंची तो पप्पू यादव ने बड़े-बड़े होर्डिंग और बैनर से राहुल गांधी का स्वागत किया। ऐसी तैयारी देख राहुल गांधी ने बिहार कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह से पूछा कि क्या पप्पू को शामिल किया जाए उन्होंने मना कर दिया।

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राहुल गांधी के सिस्टम में न होने के बाद पप्पू यादव ने प्रियंका गांधी के करीबियों के जरिये उनतक अपना संदेशा पहुंचाया। प्रियंका गांधी ने पप्पू यादव को मिलने का समय दिया और पार्टी में शामिल करवाने का रास्ता भी साफ किया। पप्पू कांग्रेस में शामिल तो हो गए लेकिन कांग्रेस की इंटरनल पॉलिटिक्स और आरजेडी से उनके अच्छे संबंध नही होने की वजह से पूर्णिया सीट की दावेदारी कांग्रेस बेहतर तरीके से नही संभाल सकी। कांग्रेस में एक धरा पप्पू यादव को सिम्बल देकर पूर्णिया सीट से फ्रेंडली फाइट की वकालत कर रहा था लेकिन सूत्रों की माने तो कांग्रेस नेतृत्व इसके लिए तैयार नही है। कुल मिलाकर पप्पू यादव के पास पूर्णिया से निर्दलीय चुनाव लड़ने के अलावा कोई विकल्प नही दिख रहा। अगर वो ऐसा करते हैं तो पार्टी उनके ऊपर गठबंधन धर्म का पालन न करने पर अनुशासनात्मक करवाई भी कर सकती है।

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रंजीता झा author

13 साल के राजनीतिक पत्रकारिता के अनुभव में मैंने राज्य की राजधानियों से लेकर देश की राजधानी तक सियासी हलचल को करीब से देखा है। प्लांट की गई बातें ख़बरे...और देखें

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