पूर्णिया लोकसभा चुनाव 2024 : पप्पू यादव ने अपने दम पर ठोकी ताल, क्या दोनों गठबंधनों की बिगाड़ेंगे चाल

कांग्रेस की हिदायत के बावजूद पप्पू यादव बतौर निर्दलीय पूर्णिया से चुनावी मैदान में उतर गए। पप्पू ने दावा किया कि उन्हें न केवल कांग्रेस का बल्कि भाजपा और राजद के लोगों का भी समर्थन हासिल है।

Purnia Lok Sabha Seat

पूर्णिया में कांटे की टक्कर

Purnia Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 में इस बार बिहार की पूर्णिया सीट खास चर्चा में रही। यहां लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में 26 अप्रैल को मतदान हुआ था। बिहार की अधिकांश सीटों पर महागठबंधन और एनडीए के बीच सीधा मुकाबला है, लेकिन पूर्णिया की स्थिति अलग रही। पूर्णिया में पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने बतौर निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरकर दोनों गठबंधनों के समीकरण को बिगाड़ दिया। चुनाव से ऐन पहले पप्पू यादव कांग्रेस में शामिल हो गए थे, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला। हालांकि, उन्होंने दावा कि उन्हें कांग्रेस का समर्थन हासिल है।

आरजेडी से बीमा भारती मैदान में

महागठबंधन ने यहां से राजद नेता बीमा भारती को चुनावी मैदान में उतारा है। एनडीए की ओर से निवर्तमान सांसद जदयू के नेता संतोष कुशवाहा चुनावी रण में ताल ठोक रहे हैं। पिछले चुनाव में संतोष कुशवाहा ने कांग्रेस के उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह को बड़े अंतर से हराया था। इस चुनाव के कुछ ही दिन पहले पप्पू यादव ने अपनी जन अधिकार पार्टी के कांग्रेस में विलय कर यह साफ संकेत दे दिया था कि वे कांग्रेस के टिकट पर पूर्णिया से चुनाव लड़ेंगे। पप्पू की अपील और मांग के बावजूद यह सीट महागठबंधन में राजद के कोटे में चली गई।

निर्दलीय मैदान में उतरे पप्पू यादव

कांग्रेस की हिदायत के बावजूद पप्पू यादव बतौर निर्दलीय चुनावी मैदान में उतर गए। पप्पू ने दावा किया कि उन्हें न केवल कांग्रेस का बल्कि भाजपा और राजद के लोगों का भी समर्थन हासिल है। उन्होंने कहा कि वे पूर्णिया के बेटे के तौर पर चुनावी मैदान में हैं। पप्पू यादव पूर्णिया में आम नागरिक की तरह चुनाव प्रचार में लगे हैं। कभी वे सड़कों पर मोटर साइकिल दौड़ाते नजर आ रहे हैं तो कभी किसी के घर भात खाते।

मुकाबला त्रिकोणात्मक हुआ

पूर्णिया में पप्पू यादव के मुकाबले में उतरने से मुकाबला त्रिकोणात्मक हो गया है। अब देखने वाली बात होगी कि पूर्णिया में मोदी की लहर चलती है महागठबंधन बाजी मारेगा या पप्पू की भावनात्मक अपील लोगों को पसंद आएगी। इसका पता तो चार जून को परिणाम के बाद ही चलेगा।
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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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