सियासत के इस दूसरे गांधी परिवार ने दी पीलीभीत को पहचान, इस बार वरुण नजरअंदाज, क्या खिल पाएगा कमल?

Lok Sabha Chunav 2024, Pilibhit, UP Lok Sabha Seat : मेनका गांधी ने 1989 में जनता दल के उम्मीदवार के रूप में अपनी पहली लोकसभा सीट हासिल करते हुए पीलीभीत में प्रवेश किया। तब से मां और बेटे वरुण दोनों ने इस निर्वाचन क्षेत्र पर अपनी पकड़ बनाए रखी है।

पीलीभीत का सियासी समीकरण

Pilibhit Lok Sabha Seat: लोकसभा चुनाव 2024 में जिस एक सीट पर पूरे भारत की नजरें रहेंगी उनमें से एक सीट है पीलीभीत। सीट इसलिए खास चर्चा में क्योंकि भारतीय जनता पार्टी ने अपने मौजूदा लोकप्रिय सांसद वरुण गांधी का ही टिकट काट दिया है। इस सीट पर 2004 से ही बीजेपी का कब्जा रहा है। ये वो साल था जब मेनका गांधी एक निर्दलीय के रूप में लगातार जीत हासिल करने के बाद बीजेपी में शामिल हुई थीं। तब से उन्होंने और बेटे वरुण गांधी ने इस सीट का प्रतिनिधित्व करते हुए शहर को अलग पहचान दिलाई। आइए इस सीट का सियासी इतिहास समझते हैं।

कहां कितने मतदाता

पीलीभीत में अधिकतर ग्रामीण मतदाता हैं। 18 प्रतिशत शहरी मतदाताओं की तुलना में पीलीभीत के मतदाता मुख्य रूप से ग्रामीण (82 प्रतिशत) हैं। अनुसूचित जाति (एससी) 16 प्रतिशत हैं, जबकि अनुसूचित जनजाति (एसटी) मात्र 0.1 प्रतिशत हैं। धार्मिक जनसंख्या की बात करें तो यहां हिंदू 65 प्रतिशत हैं, इसके बाद मुस्लिम 25 प्रतिशत और अन्य धार्मिक समूह 10 प्रतिशत हैं।

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