आरजेडी-26, कांग्रेस-9 और लेफ्ट-5 सीटों पर लड़ेगी चुनाव, बिहार में सीट शेयरिंग का हुआ ऐलान, जानिए कौन-कौन सी सीटें मिलीं
पिछले कई दिनों से इन दलों के बीच सीट शेयरिंग का पेच फंसा हुआ था और लगातार बातचीत से समझौते की कोशिश हो रही थी। कुछ सीटों पर पेच फंसने के बावजूद तीनों दल आपसी सहमति तक पहुंच गए...
बिहार में विपक्ष का सीट शेयरिंग फॉर्मूला
Bihar RJD-Congress Seat Sharing: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बिहार में विपक्षी दलों के बीच सीट शेयरिंग का आज ऐलान हो गया। राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस और वामपंथी नेताओं ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सीटों के आवंटन की घोषणा की। लालू प्रसाद यादव की आरजेडी पूर्णिया और हाजीपुर समेत 26 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। वहीं, किशनगंज और पटना साहिब समेत 9 सीटों पर कांग्रेस, जबकि बाकी 5 सीटों पर लेफ्ट के उम्मीदवार उतरेंगे।
सीट शेयरिंग पर फंसा था पेच
पिछले कई दिनों से इन दलों के बीच सीट शेयरिंग का पेच फंसा हुआ था और लगातार बातचीत से समझौते की कोशिश हो रही थी। कुछ सीटों पर पेच फंसने के बावजूद तीनों दल आपसी सहमति तक पहुंच गए और आज सीट आवंटन का ऐलान भी हो गया। इनमें से पूर्णिया सीट को लेकर सबसे अधिक विवाद था। कांग्रेस में शामिल हो चुके पप्पू यादव कह चुके हैं कि वह हर हाल में पूर्णिया से ही चुनाव लड़ेंगे। ऐस में देखने वाली बात होगी कि ये सीट आरजेडी को मिलने के बाद उनका क्या रुख रहता है।
पप्पू यादव कांग्रेस में शामिल
पूर्व सांसद राजेश रंजन ऊर्फ पप्पू यादव 20 मार्च को कांग्रेस में शामिल हो गए थे और अपनी जन अधिकार पार्टी (जाप) का विलय कर दिया था। पप्पू यादव और उनके पुत्र सार्थक ने कांग्रेस मुख्यालय में देश की सबसे पुरानी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। कांग्रेस के बिहार प्रभारी मोहन प्रकाश और पार्टी के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने पार्टी में उनका स्वागत किया था। इस मौके पर पप्पू यादव ने कहा कि मेरी विचारधारा हमेशा कांग्रेस की विचारधारा के करीब रही है। राहुल गांधी जी संघर्ष के प्रतीक हैं। उन्होंने देश के लिए एक उम्मीद जगाई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और लालू यादव मिलकर 2024 जीतेंगे और 2025 जीतेंगे। पप्पू यादव की पत्नी रंजीत रंजन भी कांग्रेस की नेता हैं और वह राज्यसभा सदस्य हैं। माना जा रहा है कि पप्पू यादव कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ेंगे।
नीतीश के पाला बदलने से बदले हालात
बिहार में नीतीश कुमार के पाला बदलने के बाद नए समीकरण बने हैं। नीतीश अब एनडीए के साथ हैं। नए सियासी परिदृश्य में महागठबंधन भी अब कमजोर पड़ गया है। अब इसमें दो बड़ी पार्टी आरजेडी और कांग्रेस ही रह गए हैं। इन्हीं के बीच सीटों के बंटवारे की बात चल रही थी।
2019 में बीजेपी ने जीती थीं 17 सीटें
बिहार में कुल 40 लोकसभा सीटें हैं। एनडीए की बात करें तो इसमें बीजेपी के साथ तीन सहयोगी दल हैं। एलजेपी के दोनों गुट (पशुपति पारस और चिराग पासवान) और जीतन राम मांझी की पार्टी। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने राज्य में 17 सीटें जीती थीं। पार्टी ने तब जेडीयू के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था। अब नीतीश दोबारा बीजेपी के साथ हैं।
2019 चुनाव में किस पार्टी को कितनी सीटें मिलीं?
बीजेपी ने 17 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और पार्टी के सभी उम्मीदवार विजयी हुए थे। वहीं, जेडीयू ने भी 17 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, 16 उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी। लालू यादव की आरजेडी ने 19 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन एक भी सीट नहीं मिली। जबकि कांग्रेस ने 9 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, और एक सीट पर जीत मिली थी।
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अमित कुमार मंडल author
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