विपक्षी गठबंधन का महाराष्ट्र में क्या होगा?
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की सियासत में कब क्या होगा, कोई नहीं जानता। बीते कुछ वक्त में शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में दो फाड़ हो जाने से सूबे का सियासी समीकरण काफी बदल चुका है। इसी कड़ी में सभी की निगाहें 48 लोकसभा सीटों वाले राज्य महाराष्ट्र पर टिकी हुई है। लोकसभा चुनाव नजदीक है, मगर अब तक विपक्षी दलों के गठबंधन को लेकर फॉर्मूला सेट नहीं हो सका है। यहां शरद पवार की एनसीपी, उद्धव ठाकरे की शिवसेना और कांग्रेस एक-दूसरे के सहयोगी हैं। इनके बीच सीटों का फॉर्मूला तय होना अभी बाकी है।
विपक्ष के लिए कितना अहम है महाराष्ट्र?
लोकसभा सीटों के मामले में उत्तर प्रदेश टॉप पर है, इस राज्य में 80 सीटें हैं। वहीं महाराष्ट्र की अहमियत दूसरे स्थान पर है। यूपी के बाद ये राज्य सबसे अधिक लोकसभा सीटों वाला राज्य है, यहां कुल 48 सीटें हैं। ऐसे में विपक्षी दलों के गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूजिव अलायंस को महाराष्ट्र से काफी उम्मीदें होंगी। हालांकि अब तक यहां सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय नहीं हो सका है।
फरवरी के अंत में सीट बंटवारे पर मुहर
एआईसीसी महासचिव रमेश चेन्निथला ने यहां गुरुवार को कहा कि विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) 27-28 फरवरी को अपनी अंतिम बैठक में 48 लोकसभा सीटों के लिए सीट बंटवारा समझौते को अंतिम रूप देगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार), शिवसेना (यूबीटी) और अन्य सहयोगियों के साथ सीट आवंटन पर बातचीत बिना किसी बाधा के अंतिम चरण में है और सीट बंटवारा समझौते पर अगले सप्ताह मुहर लग जाएगी।
महाराष्ट्र की 9 सीटों के बंटवारे पर फंसा पेंच
बीते दिनों एनसीपी (एसपी) अध्यक्ष शरद पवार ने कोल्हापुर में घोषणा की थी कि 39 निर्वाचन क्षेत्रों के आवंटन को अंतिम रूप दे दिया गया है और बाकी 9 सीटों के आवंटन को सप्ताहांत तक पूरा कर लिया जाएगा। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले, मुंबई प्रमुख प्रोफेसर वर्षा गायकवाड़ और अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ मीडियाकर्मियों से बात करते हुए चेन्निथला ने दोहराया कि एमवीए मजबूत हो रही है और राज्य में अधिकतम सीटें जीतने का प्रयास करेगी। उन्होंने कहा, 'सभी मित्र दलों के साथ चर्चा सुचारु रूप से चल रही है। हमने वंचित बहुजन अघाड़ी के अध्यक्ष प्रकाश अंबेडकर द्वारा सुझाए गए घोषणापत्र के सभी बिंदुओं को स्वीकार कर लिया है।'
अजित पवार, अशोक चव्हाण पर क्या बोली कांग्रेस
इस मौके पर पटोले ने कहा कि जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, विपक्षी दलों और उनके नेताओं को विभिन्न केंद्रीय जांच एजेंसियों के जरिए निशाना बनाया जा रहा है, लेकिन भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों का सामना कर रहे भाजपा नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती। उन्होंने अजित पवार, अशोक चव्हाण जैसे पूर्व एमवीए नेताओं के उदाहरणों का हवाला दिया, जिन पर विभिन्न घोटालों में आरोप लगे थे, लेकिन भाजपा से हाथ मिलाने के बाद उन्हें अलग-अलग तरीकों से पुरस्कृत किया गया।
पटोले ने कहा कि 'भाजपा अगले लोकसभा चुनाव में 400 सीटें जीतने का दावा कर रही है, लेकिन उसके मौजूदा 303 सांसदों में से 165 विभिन्न विपक्षी दलों से हैं, जिनमें 67 कांग्रेस के हैं, जिन पर भाजपा ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था, लेकिन अब उन्हें बचा लिया गया है, क्योंकि वे भाजपा के साथ हो गए।'
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