Lok Sabha Chunav 2024: इन 6 हाई प्रोफाइल सीटों पर रहेगी पूरे देश की नजर, जीतने वाला रचेगा इतिहास

हालांकि सोशल मीडिया पर कई यूजर्स इस चुनाव को उबाऊ और नीरस बता रहे हैं। लेकिन गौर से देखें तो देश भर के अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव हमेशा की तरह दिलचस्प हैं। आइए इन सीटों पर नजर डालते हैं।

इन सीटों पर नजर

High Profile Seats: 45 दिनों तक चलने वाले लोकसभा 2024 चुनाव शुरू होने में अब सिर्फ तीन दिन बचे हैं। 19 अप्रैल को पहले चरण का मतदान होगा। चुनाव के पहले दो चरणों में बहुत दिलचस्प और करीबी मुकाबले होने वाले हैं। पहले दो चरणों में कम से कम आठ सीटें ऐसी हैं जो युद्ध का मैदान बनी हुई हैं। इनके लिए 19 अप्रैल और 26 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। ये लड़ाई कांटे की टक्कर वाली होने वाली है। हालांकि सोशल मीडिया पर कई यूजर्स इस चुनाव को उबाऊ और नीरस बता रहे हैं। लेकिन गौर से देखें तो देश भर के अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव हमेशा की तरह दिलचस्प हैं। आइए नजर डालते हैं कि 19 अप्रैल (चरण 1) और 26 अप्रैल (चरण 2) को होने वाले पहले दो चरणों के लिए कौन से निर्वाचन क्षेत्र हॉट सीटों में बदल गए हैं।

क्या चूरू रहेगा बीजेपी का गढ़?

उत्तरी राजस्थान में भाजपा का गढ़ चूरू एक दिलचस्प मुकाबले के लिए तैयार है। दो बार के पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता भाला फेंक खिलाड़ी भाजपा उम्मीदवार देवेंद्र झाझरिया और कांग्रेस के राहुल कस्वां के बीच है। राहुल कस्वां दरअसल एक ऐसे नेता हैं जिन्होंने चूरू की लड़ाई को दिलचस्प बना दिया है। कांग्रेस उम्मीदवार कस्वां मार्च में ही भाजपा से कांग्रेस में शामिल हो गए थे, जब चूरू से दो बार के सांसद को भाजपा ने टिकट नहीं दिया था। कस्वां ने थार के प्रवेश द्वार के रूप में जानी जाने वाली इस सीट से 2015 के उपचुनाव और 2019 के लोकसभा चुनावों में लगभग तीन लाख वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी। जाट नेता राहुल कस्वां के आगामी चुनाव में पैरालिंपियन देवेंद्र की संभावनाओं को खराब कर सकते हैं। देखना बाकी है कि क्या पीएम मोदी का नारा, "नरेंद्र के देवेंद्र" बीजेपी उम्मीदवार की नैया पार लगाने में मदद करेगा या फिर सीट कांग्रेस के खाते में चली जाएगी।

नगीना में चंद्रशेखर आजाद पलटेंगे बाजी?

उत्तर प्रदेश के नगीना में मुकाबला चतुष्कोणीय है। यहां आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के चंद्र शेखर आजाद मैदान में हैं। आजाद एक लोकप्रिय दलित नेता हैं जो खुद को रावण भी कहते हैं। नगीना एक एससी-आरक्षित सीट है। 2009 के चुनावों के बाद से किसी भी पार्टी ने इसे बरकरार नहीं रखा है। नगीना की आबादी में अनुसूचित जाति के सदस्य 20% हैं, जबकि मुस्लिम 43% हैं। भीम आर्मी प्रमुख और आजाद समाज पार्टी के नेता चंद्र शेखर आजाद की एंट्री ने मुकाबला दिलचस्प बना दिया है। उन्हें दलित मतदाताओं, विशेषकर युवाओं के बीच अपनी लोकप्रियता पर भरोसा है। उन्हें राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य का भी समर्थन मिल रहा है

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