Lok Sabha Election 2024: क्या अबकी बार ग्रामीण महिलाएं बनेंगी BJP के लिए गेम चेंजर?

Lok Sabha Election 2024: एक मशहूर कहावत है कि हर लोकप्रिय आदमी के पीछे एक महिला का हाथ होता है। यदि इस बार के लोकसभा चुनाव में भी पीएम मोदी की जीत के पीछे महिला वोटर्स की बंपर वोटिंग के आंकड़ें आए तो चौंकिंएगा मत। इस चुनाव के बाद कहा जा सकता है कि एक सफल व्यक्ति के पीछे एक ही नहीं बल्कि देश भर की महिलाओं का हाथ है।

PM Modi

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के मुहाने पर खड़े देश में साइलेंट वोटर्स पर बीजेपी का फोकस बढ़ा है। साइलेंट वोटर्स में ग्रामीण और स्वयं सहायता समूह से जुड़ी वे महिलाएं हैं जो इस चुनाव में बड़ा गेमचेंजर साबित हो सकती हैं। केंद्र सरकार इन महिलाओं के लिए एक से बढ़कर एक ऐसी योजनाओं की घोषणा कर रही है, जिससे न केवल उनके आय में वृद्धि हो रही है बल्कि समाज में भी उन्हें एक नई पहचान मिल रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगले लोकसभा चुनावों में बीजेपी के लिए 370 सीटों का लक्ष्य रखना है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए पार्टी प्रमुख राज्यों में महिला मतदाताओं पर विशेष ध्यान केंद्रित करने की रणनीति पर काम कर रही है। यही वजह है कि पीएम मोदी ने यह कह चुके हैं कि महिलाओं उनके लिए चार जातियां ही सबसे बड़ी हैं, उनमें नारी शक्ति, युवा शक्ति, किसान शक्ति और गरीब परिवार हैं।

महिला सशक्तीकरण का नया अध्याय लिखेगा तीसरा कार्यकाल

इसी कड़ी मे ग्रामीण महिलाओं को साधने के लिए लखपति दीदी योजना की सफलता के बाद पीएम मोदी ने नमो ड्रोन दीदी की सफलता का नई इबारत लिखी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सशक्त नारी विकसित भारत कार्यक्रम में शिरकत की। पीएम मोदी ने इस कार्यक्रम के तहत नमो दीदियों को 1000 ड्रोन्स आवंटित किए। इस दौरान उन्होंने नमो ड्रोन दीदियों से बातचीत भी की और उनके कामकाज के बारे में जानकारी ली। इसी कार्यक्रम में पीएम मोदी ने यह साफ भी कह दिया कि हमारा तीसरा कार्यकाल महिला सशक्तीकरण पर एक नया अध्याय लिखेगा।
2023 में केंद्र सरकार ने ग्रामीण और कृषि क्षेत्र से जुड़ी महिलाओं के लिए नमो ड्रोन दीदी योजना शुरु की थी। इस योजना के जरिए स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं के लिए खेती-किसानी के लिए ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण लेने के बाद ये महिलाएं न केवल खेतों में कीटनाशकों और उर्वरकों का छिड़काव कर सकती हैं, बल्कि खेतों की निगरानी भी कर सकती हैं। ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण लेने के बाद ड्रोन दीदियों की कमाई बढ़ गई है।

लखपति दीदी योजना के दायरे में 3 करोड़ महिलाएं

इसी तरह लखपति दीदी योजना भी महिलाओं को आर्थिक सशक्त बनाने की दिशा में काम कर रही है। महिला सशक्तीकरण और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने लिए यह केंद्र सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है। पहले सरकार ने दो करोड़ लोगों को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा था, लेकिन इस बार बजट पेश करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया था कि देश में अब तक 1 करोड़ महिलाओं को ‘लखपति दीदी योजना’ का लाभ मिल चुका है। अब इस योजना के दायरे में 3 करोड़ महिलाओं को शामिल किया है।
नमो ड्रोन दीदी और लखपति दीदी योजना भारत सरकार की महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने वाली योजनाएं हैं और केंद्र की मोदी सरकार का महिला सशक्तिकरण पर खासा फोकस है। दरअसल, इन योजनाओं के जरिए बीजेपी देश में करीब 83 लाख महिला स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी करीब 9 करोड़ महिलाओं तक पहुंचना चाहती है। इन 9 करोड़ महिलाओं तक पहुंचने का मतलब है महिला मतदाताओं तक सीधा पहुंचना और उनके जरिए उनके परिवार के अन्य वोटर्स तक पहुंचना। बीते कुछ सालों में महिला मतदाताओं का मतदान प्रतिशत बढ़ा है और वे एक बड़ा वोट बैंक बनकर उभरी हैं। अब इन योजनाओं को ग्रामीण महिलाओं के बीच मजबूत पकड़ की एक कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। देश भर में बीजेपी कार्यकर्ता हर राज्य के ग्रामीण इलाकों में महिलाओं तक पहुंचने के लिए स्वयं सहायता समूहों और गैर सरकारी संस्थाओं से संपर्क कर रहे हैं।

महिलाओं को सीधा लाभ पहुंचाने वाली योजनाएं

ग्रामीण महिलाओं को साधने के लिए केंद्र सरकार ने चुन-चुन कर ऐसी योजनाएं शुरू की हैं, जिससे महिलाओं को सीधा इसका फायदा मिल सके। 2014 में सत्ता में आते ही पीएम मोदी ने हर घर में शौचालय बनाने की योजना को महिलाओं के मान-सम्मान से जोड़ दिया। उज्जवला योजना के तहत 10 करोड़ से अधिक महिलाओं को मुफ्त रसोई गैस का सिलेंडर देकर उन्हे धुएं वाले जीवन से मुक्ति दिलाई। महिलाओं तक शौचालय, ईंधन, बिजली, शिक्षा और रोजगार की पहुंच बनाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने कई काम किए हैं।
पीएम मोदी महिलाओं को इस बात की याद दिलाना भी नहीं भूलते कि मैं पहला प्रधानमंत्री हूं जिसने हमारी माताओं-बहनों को शौचालय न होने के विषय में जो मुश्किलें होती हैं उस पीड़ा को व्यक्त किया था। मैं पहला प्रधानमंत्री हूं जिसने लाल-किले से सैनिटरी पैड्स का विषय उठाया था। मैं पहला प्रधानमंत्री हूं जिसने लाल-किले से कहा कि रसोई में लकड़ी पर खाना बनाती हमारी माताएं-बहनें 400 सिगरेट के जितना धुआं हर रोज बर्दाश्त करती हैं।
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प्रतिभा ज्योति author

प्रिंट, टीवी न्यूज एजेंसी और डिजिटल में काम करने का बेहद लंबा अनुभव. राजनीतिक मुद्दों पर पकड़ रखती हूं और उसके विश्लेषण की क्षमता है. खबर कहां है, क्य...और देखें

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