अधीर रंजन के खिलाफ मैदान में क्रिकेटर युसूफ पठान, क्या सियासत के डेब्यू मैच में तोड़ेंगे रिकॉर्ड?

टीएमसी ने कभी भी बहरामपुर नहीं जीती है, यह सीट या तो कांग्रेस या रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के पास जाती है, जो बंगाल में वाम मोर्चा की भागीदार है।

Yusuf vs Adhir

बहरामपुर सीट पर कड़ी टक्कर

Adir Ranjan Vs Yusuf Pathan: ईडन गार्डन्स में अपने पावर-पैक हिट्स से गेंदों को स्टेडियम के बाहर भेजने के लिए मशहूर पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान ने अब पश्चिम बंगाल की सियासी पिच पर एक नई पारी की शुरुआत कर रहे हैं। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के उम्मीदवार यूसुफ पठान ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले की बहरामपुर लोकसभा सीट से अपना अभियान शुरू कर दिया। उन्होंने कांग्रेस के गढ़ में कड़ी टक्कर देने का वादा किया। बहरामपुर लोकसभा सीट पर चौथे चरण में 13 मई को चुनाव होंगे।

यूसुफ पठान ने 2007 में किया क्रिकेट में पदार्पण

यूसुफ पठान ने 2007 टी20 विश्व कप में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय क्रिकेट टीम में पदार्पण किया था। उन्होंने भारत के लिए 57 वनडे और 22 टी-20 मैच खेले। क्रिकेट के मैदान पर यूसुफ पठान अक्सर गेंदबाजों के लिए एक बुरा सपना थे, लेकिन राजनीतिक पिच पर उन्हें अधीर रंजन चौधरी के रूप में एक मजबूत प्रतिद्वंद्वी का सामना करना पड़ेगा। तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार पठान कांग्रेस के गढ़ बहरामपुर लोकसभा सीट पर कांग्रेस के दिग्गज नेता अधीर रंजन को कड़ी टक्कर देने की तैयारी में हैं। इसे कांग्रेस पार्टी का सबसे पुराना गढ़ माना जाता है इसलिए पठान के सामने बड़ी चुनौतियां हैं। पठान ने अपने अभियान की शुरुआत इसके साथ की- "मैं बंगाल का बच्चा हूं। मैं यहां रहने के लिए आया हूं।"

पठान पर बाहरी होने का लगा टैग

बाहरी उम्मीदवार का टैग झेल रहे पठान ने प्रधानमंत्री मोदी का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा, नरेंद्र मोदी गुजरात से हैं, लेकिन वाराणसी से चुनाव लड़ते हैं, इसलिए अगर मैं यहां (बंगाल) से चुनाव लड़ूं तो इसमें क्या दिक्कत है? मूल रूप से गुजरात के वडोदरा के रहने वाले यूसुफ पठान का कनेक्शन बंगाल से है। राज्य के क्रिकेट प्रेमी 2012 में कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) को अपना पहला आईपीएल खिताब जीतने में मदद करने में उनके योगदान को याद रखते हैं। यूसुफ ने तब सेमीफाइनल में 21 गेंदों पर 40 रन बनाए थे, और केकेआर को फाइनल में पहुंचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस तरह केकेआर ने फाइनल में अपना पहला आईपीएल खिताब जीता था।

अधीर रंजन 1999 से बहरामपुर सीट से सांसद

जब टीएमसी ने पठान को अपना उम्मीदवार घोषित किया, तो यह पार्टी में भी कई लोगों के लिए हैरत भरा रहा। एक स्थानीय तृणमूल विधायक ने शुरू में उनकी उम्मीदवारी का विरोध किया। हालांकि, पार्टी आलाकमान के हस्तक्षेप के बाद वह पठान के समर्थन में आ गए। कांग्रेस के दिग्गज नेता अधीर रंजन चौधरी 1999 से बहरामपुर सीट से सांसद हैं और लगातार पांच लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं।
  • 2019 के लोकसभा चुनाव में अधीर ने ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस (AITC) के उम्मीदवार अपूर्बा सरकार को हराया। जहां अपूर्बा को 5,10,410 या 39.23 फीसदी वोट मिले, वहीं चौधरी को 5,91,106 या 45.43 फीसदी वोट मिले।
  • 2014 में भी अधीर रंजन चौधरी एआईटीसी उम्मीदवार इंद्रनील सेन को हराकर बहरामपुर सीट से विजयी हुए थे। सेन के 2,26,982 या 15.61 वोटों के मुकाबले, चौधरी ने कुल 5,83,549 यानी 40.14 प्रतिशत वोट हासिल किए थे।

टीएमसी ने कभी नहीं जीती बहरामपुर सीट

टीएमसी ने कभी भी बहरामपुर नहीं जीती है, यह सीट या तो कांग्रेस या रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के पास जाती है, जो बंगाल में वाम मोर्चा की भागीदार है। ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस के सबसे मुखर आलोचकों में से एक अधीर रंजन मौजूदा चुनौती को स्वीकार करते हैं। लेकिन उनके पास यूसुफ के लिए एक संदेश है- राजनीति और क्रिकेट एक जैसे नहीं हैं। हालांकि, क्रिकेट की तरह राजनीति में भी अक्सर कहा जाता है कि रिकॉर्ड टूटने के लिए ही होते हैं। युसूफ पठान को उम्मीद होगी कि वह डेब्यू मैच में ही एक रिकॉर्ड तोड़ने में कामयाब रहेंगे। बहरामपुर में बाजी किसके हाथ लगती है, यह जानने के लिए हमें 4 जून का इंतजार करना होगा।
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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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