jharkhand, Lok Sabha Election 4th Phase: झारखंड की किन 4 सीटों पर चौथे चरण में होगी वोटिंग? बड़ी दिलचस्प है लड़ाई; जानें चारों सीट पर किसके बीच मुकाबला

Jharkhand Chunv: झारखंड की चार लोकसभा सीटों पर चौथे चरण में चुनाव होंगे, जिसके लिए आगामी 13 मई को मतदान होने हैं। झारखंड में चौथे चरण में अर्जुन मुंडा की प्रतिष्ठा दांव पर है। इसी के साथ सिंहभूम में दो महिला उम्मीदवारों के बीच कांटे का मुकाबला हो रहा है। आपको इन चारों सीटों का समीकरण समझाते हैं।

Jharkhand Lok Sabha Chunav

2019 में ये चार चुने गए थे सांसद।

Lok Sabha Election 4th Phase: लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में झारखंड की जिन चार सीटों पर 13 मई को मतदान होने वाला है, उनमें से तीन खूंटी, सिंहभूम और पलामू में एनडीए और 'इंडिया' ब्लॉक के प्रत्याशियों के बीच सीधी टक्कर है। लोहरदगा में 'इंडिया' गठबंधन से बागी होकर बतौर स्वतंत्र प्रत्याशी मैदान में उतरे झामुमो विधायक चमरा लिंडा ने मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है।

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खूंटी सीट पर कांटे की टक्कर, आसान नहीं भाजपा की राह

चौथे चरण में सबसे हैवीवेट प्रत्याशी अर्जुन मुंडा हैं, जो केंद्र सरकार में कृषि और जनजातीय मामलों के मंत्री हैं। अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित खूंटी सीट पर उनका मुकाबला कांग्रेस के कालीचरण मुंडा से है। यह सीट वर्ष 2009 से लगातार भाजपा के कब्जे में है। वर्ष 2019 में यहां तत्कालीन सांसद और लोकसभा के उपाध्यक्ष रहे कड़िया मुंडा को अधिक उम्र के कारण रिटायरमेंट देने के बाद भाजपा ने अर्जुन मुंडा को चुनाव मैदान में उतारा था। तब भी अर्जुन मुंडा कांग्रेस के कालीचरण मुंडा से मात्र 1445 मतों से जीते थे।

केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा vs कालीचरण मुंडा के बीच मुकाबला

इस बार अर्जुन मुंडा ने पिछली जीत के फासले को बड़ा करने के लिए पूरी ताकत झोंकी है, तो दूसरी ओर कालीचरण मुंडा ने भी पिछले चुनाव में रह गए फासले को पाटकर संसद में पहुंचने की कोशिश में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी है। झामुमो के कोलेबिरा इलाके के पूर्व विधायक बसंत लोंगा निर्दलीय के रूप में मैदान में हैं, जबकि खूंटी के बहुचर्चित पत्थलगड़ी आंदोलन की लीडर रहीं बबीता कच्छप भारत आदिवासी पार्टी की प्रत्याशी के तौर पर उतरी हैं। इन दोनों को उनके खास प्रभाव वाले क्षेत्रों में मिलने वाले वोटों से समीकरणों पर थोड़ा-बहुत असर तो जरूर पड़ रहा है, लेकिन आखिरकार यहां लड़ाई भाजपा और कांग्रेस के बीच ही है।

सिंहभूम सीट पर दो महिला उम्मीदवारों के बीच दिलचस्प मुकाबला

इस फेज की दूसरी जिस सीट पर सबकी निगाहें हैं, वह है सिंहभूम। यह भी एसटी के लिए आरक्षित सीट है। यहां दो कद्दावर महिला लीडर भाजपा की गीता कोड़ा और झामुमो की जोबा मांझी के बीच मुकाबला है। पूर्व सीएम मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा 2019 में यहां कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर जीत दर्ज कर संसद पहुंची थीं। वह तीन महीने पहले भाजपा में शामिल हो गईं। इंडिया गठबंधन ने हेमंत सोरेन की सरकार में मंत्री रही जेएमएम की जोबा मांझी को उतारा है। झारखंड के मौजूदा सीएम चंपई सोरेन भी सिंहभूम से आते हैं, इसलिए यह सीट उनके लिए प्रतिष्ठा का सवाल मानी जा रही है। यहां गीता कोड़ा के लिए पीएम मोदी और जोबा मांझी के लिए राहुल गांधी की रैलियां हुई हैं।

पलामू में हैट्रिक लगाने की कोशिश कर रही भारतीय जनता पार्टी

अनुसूचित जाति के लिए झारखंड में एक आरक्षित सीट पलामू में भाजपा के मौजूदा सांसद झारखंड के डीजीपी रह चुके विष्णु दयाल राम तीसरी बार चुनाव मैदान में हैं और हैट्रिक लगाने की कोशिश कर रहे हैं। उनका मुकाबला राजद की ममता भुइयां से हो रहा है। इंडिया गठबंधन के तहत झारखंड की यह एकमात्र सीट है, जहां राजद का प्रत्याशी है। बहुजन समाज पार्टी के टिकट से मैदान में उतरे पूर्व सांसद कामेश्वर बैठा ने चुनावी मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की पूरी कोशिश की, लेकिन ज्यादातर राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मुकाबला सीधे भाजपा और राजद के प्रत्याशी के बीच है।

2009 से लोहरदगा सीट पर बरकरार है भाजपा का दबदबा

लोहरदगा सीट पर भी भाजपा का 2009 से कब्जा बरकरार है, लेकिन पार्टी ने यहां लगातार तीन बार जीत दर्ज करने वाले सुदर्शन भगत की जगह इस बार भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष समीर उरांव को मैदान में उतारा है। समीर उरांव हाल तक राज्यसभा के सदस्य थे। इंडिया गठबंधन के तहत यह सीट कांग्रेस को दी गई है, जिसने पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और लोहरदगा से विधायक रह चुके सुखदेव भगत को प्रत्याशी बनाया है। यहां निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर उतर आए विशुनपुर इलाके के झामुमो विधायक चमरा लिंडा ने मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है। चमरा लिंडा इस सीट पर बतौर निर्दलीय प्रत्याशी 2009 के चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे थे, जबकि 2014 में तीसरे नंबर पर रहे थे। इस बार फिर उनके मैदान में आने से संघर्ष का तीसरा मजबूत कोण बन गया है।

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