UP Lok Sabha Result: उत्तर प्रदेश से होकर जाता है लोकसभा का रास्ता, यूपी में आखिर क्यों नाकाम हुई BJP, ये कारण तो नहीं?
Reason behind BJP Failure In UP: राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश में BJP को आश्चर्य हुआ है, जहां पार्टी 36 सीटों पर आगे चल रही है गौर हो कि 2019 के चुनावों में पार्टी ने 62 सीटें जीती थीं, जो काफी कम है।

राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश में BJP को आश्चर्य हुआ है
Reason behind BJP Failure In UP: चुनाव आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन 43 सीटों पर आगे चल रहा है। ये रुझान राज्य में BJP के नेतृत्व वाले गठबंधन के लिए 69 सीटों के एग्जिट पोल की भविष्यवाणी से बहुत दूर हैं। पार्टी को अमेठी में भी बड़ा झटका लगने की उम्मीद है, जहां केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, जिन्होंने कांग्रेस के राहुल गांधी को उनके पारिवारिक गढ़ अमेठी से हराया था वो अपने कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी से पीछे चल रही हैं।
उत्तर प्रदेश में भाजपा को मिली बड़ी हार के पीछे प्रमुख कारकों पर एक नजर-
अखिलेश यादव और राहुल गांधी गठबंधन
2017 के उत्तर प्रदेश चुनावों में अखिलेश यादव और राहुल गांधी ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। गठबंधन को सिर्फ़ 47 सीटें मिलीं, क्योंकि राज्य में भाजपा को भारी वोट मिले और उसे 302 सीटें जीतने में मदद मिली। सात साल बाद, दोनों ने अपने मतभेदों को किनारे रखते हुए लोकसभा की बड़ी लड़ाई में भाजपा को हराने के लिए INDIA गठबंधन के तहत हाथ मिलाया। इस बार, गठबंधन ने दोनों पार्टियों को फ़ायदा पहुँचाया है।
राम मंदिर भाजपा को वोट दिलाने में विफल रहा
अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण, जो 1980 के दशक से भाजपा का चुनावी वादा रहा है, लोकसभा चुनावों के लिए भाजपा द्वारा प्रचार के दौरान की गई प्रमुख उपलब्धियों में से एक था। लेकिन रुझान दिखाते हैं कि अयोध्या भगवा पार्टी के लिए वोट पाने में विफल रहा, यहां तक कि फैजाबाद में भी, जहां से यह निर्वाचन क्षेत्र आता है चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद वर्तमान में भाजपा के लल्लू सिंह से आगे चल रहे हैं।
किसान भाजपा से नाखुश?
उत्तर प्रदेश के किसान कथित तौर पर मोदी सरकार द्वारा पारित कृषि कानूनों को लेकर भाजपा से नाखुश हैं। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी अपनी चुनावी रैलियों में दावा किया था कि भाजपा 'किसानों की ज़मीन छीनने' के लिए निरस्त किए गए कृषि कानूनों जैसा ही एक कानून लाएगी।
ये भी पढ़ें-UP के लड़कों ने कैसे किया कमाल? समझिए अखिलेश और राहुल की जोड़ी के 3 दमदार फैक्टर
मायावती फैक्टर नहीं
चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, मायावती के नेतृत्व वाली बहुजन समाज पार्टी ने मतगणना के छह घंटे बाद भी राज्य में खाता नहीं खोला है। 2019 के चुनाव में 10 सीटें जीतने वाली पार्टी के लिए यह बहुत बड़ा झटका है। दलित नेता चंद्रशेखर आज़ाद के उभरने से पार्टी को काफ़ी झटका लगा है, क्योंकि एससी-आरक्षित नगीना सीट से रुझान दिखा रहे हैं कि आज़ाद लड़ाई में आगे चल रहे हैं और बीएसपी चौथे स्थान पर है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | इलेक्शन (elections News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

मैं 'Times Now नवभारत' Digital में Assistant Editor के रूप में सेवाएं दे रहा हूं, 'न्यूज़ की दुनिया' या कहें 'खबरों के संसार' में काम करते हुए करीब...और देखें

Bihar Election: बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज, चुनाव आयुक्त विवेक जोशी ने की समीक्षा

Bihar Election: प्रशांत किशोर के I-PAC में काम कर चुके IITan शशांत शेखर कांग्रेस में शामिल

Bihar Elections: जीतन राम मांझी की पार्टी 'HAM' ने 2025 बिहार चुनाव के लिए पहले प्रत्याशी का नाम किया जारी

हर हाल में रट लें बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की ये बातें, कदम चूमेगी सफलता, लोग करेंगे सैल्यूट

बिहार चुनाव के लिए क्या है विपक्षी गठबंधन INDIA का प्लान? तेजस्वी यादव ने कांग्रेस को बता दिया 'सबकुछ'
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited