अगर दो कैंडिडेट को बराबर वोट मिलें तो कैसे होता है जीत का फैसला ? यहां जानें मतगणना से जुड़ी खास बातें
Lok Sabha Election Counting: आम चुनाव 2024 के नतीजे आज शाम तक घोषित होने संभावित हैं। सुबह आठ बजे से लोकसभा चुनाव के लिए मतगणना भी शुरू हो जाएगी। ऐसे में हम आपको मतगणना से जुड़ी कुछ खास बातें बताने जा रहे हैं:
Lok Sabha Election Counting: देश भर में सात चरणों में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव के नतीजे आज आ जाएंगे। जहां एक ओर एक्जिट पोल के आंकड़े देखने के बाद एनडीए अपनी जीत के दावे कर रहा है तो वहीं दूसरी I.N.D.I. गठबंधन इन आंकड़ों से असहमत नजर आ रहा है। एनडीए ने 400 पार का नारा देते हुए 400 से ज्यादा सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है तो वहीं I.N.D.I. गठबंधन के कुछ नेता 295 सीटें जीतने का दंभ भर रहे हैं। कुछ ही देर में काउंटिंग शुरू होने के बाद आज शाम 4 बजे तक लगभग स्थिति साफ हो जाएगी। मतगणना को लेकर सभी जगहों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। मतगणना केंद्रों पर सीसीटीवी से निगरानी हो रही है और तीन लेयर में मतगणना कराए जाने की बात भी कही गई है। बहरहाल, चुनावी मतगणना में वोटों की गिनती कैसे होती है और इसकी पूरी प्रक्रिया क्या है..ये समझना भी उतना ही जरूरी है। आज हम आपको इसके बारे में बताते हैं:
सबसे पहले होती है पोस्टल बैलेट की गिनती
कंडक्ट ऑफ इलेक्शन रूल्स 1961 के नियम 54 ए के तहत, सबसे पहले रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) की टेबल पर पोस्टल बैलेट की गिनती से मतों की गिनती शुरू होती है। इस दौरान केवल उन पोस्टल बैलेट की गिनती होती है जो कि, मतगणना शुरू होने के लिए निर्धारित समय से पहले आरओ को प्राप्त होते हैं। बैलेट की गिनती के ठीक 30 मिनट के बाद ईवीएम के मतों की गिनती शुरू होती है। EVM के के मतों की गिनती कई चरणों में पूरी होती है। प्रत्येक चरण में लगभग 14 EVM के वोट गिने जाते हैं। हर चरण के बाद एजेंट से फॉर्म 17-C हस्ताक्षर करवाया जाता है।
काउंटिंग सेंटर के बारे में जानें
काउंटिंग सेंटर की बात करें तो यहां पर 14 टेबल होती हैं। इस सेंटर में एक-एक टेबल रिटर्निंग ऑफिसर और ऑब्जर्वर के लिए होती है। यहां पर उम्मीदवार या उनके एजेंट को उपस्थित रहने की ही अनुमति होती है। वोटों की गिनती के लिए मतदान केंद्र में इस्तेमाल होने वाली ईवीएम की कंट्रोल यूनिट (सीयू) के साथ फॉर्म 17 सी चाहिए होता है। वहीं, रिजल्ट जानने से पहले काउंटिंग ऑफिसर ये सुनिश्चित करते हैं कि, पेपर सील है या नहीं। काउंटिंग पर्यवेक्षक, माइक्रो ऑब्जर्वर और कैंडिडेट्स के मतगणना एजेंटों को दिखाने के बाद कंट्रोल यूनिट का परिणाम फॉर्म 17 सी के भाग-II में - लिखा जाता है। अगर कंट्रोल यूनिट के डिस्प्ले पैनल में रिजल्ट नहीं प्रदर्शित होता है तो सीयू की गणना पूरी होने के बाद संबंधित वीवीपैट की वीवीपैट पर्चियों की गणना की जाती है।
काउंटिंग हॉल में कैसा होता है माहौल
काउंटिंग हॉल के अंदर की बात करें तो यहां पर एक बोर्ड लगा होता है जिस पर मतगणना के प्रत्येक चरण के बाद प्रत्याशी को प्राप्त वोटों की संख्या लिखी जाता है। इसके बाद स्पीकर अनाउंसमेंट भी की जाती है। इस प्रक्रिया को रुझान की परिभाषा दी जाती है। सबसे ज्यादा गौर करने वाली बात ये है कि, काउंटिंग हॉल के अंदर मोबाइल फोन ले जाने पर और मीडियाकर्मियरों के प्रवेश पर मनाही होती है। काउंटिंग हॉल में केवल ऑफिशियल कैमरा से ही वीडियो रिकॉर्डिंग होती है, अन्य किसी कैमरे से नहीं।
दो उम्मीदवार जीते तो कैसे पता चलती जीत
वैसे आपको बताते चलें कि, अगर दो उम्मीदवारों को बराबर संख्या में वोट मिलें तो एक खास तरह से जीते हुए प्रत्याशी के बारे में पता लगाया जाता है। दरअसल, ऐसी स्थिति में रिजल्ट लॉटरी यानी ड्रॉ के जरिए घोषित किया जाता है। हर कंट्रोल यूनिट का कैंडिडेटवार रिजल्ट फॉर्म 17 सी के भाग II में नोट किया जाता है। मतगणना पर्यवेक्षक और मतगणना टेबल पर मौजूद उम्मीदवारों के मतगणना एजेंटों द्वारा साइन किया जाता है। वहीं, कंट्रोल यूनिट से मतों की गणना पूरी होने के बाद वीवीपैट पर्चियों की गणना शुरू होती है।
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