Key Candidates in Phase 3 Polls: तीसरे चरण के चुनाव के 9 धाकड़ उम्मीदवार, इन हाई प्रोफाइल सीटों पर होगा आर-पार

तीसरे चरण में 7 मई को 10 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों की कुल 94 सीटों पर मतदान होना है। इस दौर में कई दिग्गज उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला जनता करेगी।

Election 2024 Third phase Poll

तीसरे दौर के हाई प्रोफाइल उम्मीदवार

Lok Sabha Elections 2024 Phase 3, Key Condiates : लोकसभा चुनाव 2024 सात चरणों में हो रहे हैं। पहले दो चरणों का मतदान पूरा हो चुका है। अब तीसरे चरण में 7 मई को 10 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों की कुल 94 सीटों पर मतदान होना है। इस दौर में कई दिग्गज उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला जनता करेगी। तीसरे चरण में जिन राज्यों में मतदान होगा वे हैं - असम (4 सीटें), बिहार (5 सीटें) ), छत्तीसगढ़ (7), गोवा (2), गुजरात (26), कर्नाटक (14), मध्य प्रदेश (8), महाराष्ट्र (11), उत्तर प्रदेश (10), पश्चिम बंगाल (4), दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव (2)। आईए नजर डालते हैं कुछ दिग्गज उम्मीदवारों और उनकी हाई प्रोफाइल सीटों पर।

लोकसभा के तीसरे चरण में प्रमुख उम्मीदवार

ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया (गुना)

भारतीय जनता पार्टी ने गुना लोकसभा सीट से अपने वर्तमान सांसद की जगह एक कांग्रेस से आए ज्योतिरादित्य सिंधिया को मैदान में उतारा है। सिंधिया को 2019 में कांग्रेस के बैनर तले भाजपा के कृष्ण पाल सिंह यादव के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा। इस बार चुनावी मैदान में सिंधिया का मुकाबला 2023 में कांग्रेस में शामिल हुए बीजेपी के पूर्व दिग्गज नेता राव यादवेंद्र सिंह यादव से होगा।

पल्लवी डेम्पो (दक्षिण गोवा)

उद्योगपति और गोवा के प्रमुख व्यापारिक घरानों में से एक की सदस्य पल्लवी डेम्पो दक्षिण गोवा निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के टिकट से चुनाव लड़ रही हैं। 1,361 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति के साथ वह तीसरे चरण में सबसे अमीर उम्मीदवार बनकर उभरी हैं। 2019 के आम चुनावों में दक्षिण गोवा सीट से कांग्रेस के फ्रांसिस्को सरदिन्हा ने जीत दर्ज की थी। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के उस समय के सांसद नरेंद्र केशव सवाईकर को हराया था।

प्रल्हाद जोशी (धारवाड़)

प्रह्लाद जोशी तीन बार धारवाड़ से सांसद रह चुके हैं। जोशी का मुकाबला लोकसभा चुनाव में नए चेहरे और मुख्यधारा की राजनीति में अपेक्षाकृत अनुभवहीन विनोद आसुती से है। जोशी ने बड़ी चुनावी जीत दर्जी की है। उन्होंने 2009 और 2014 दोनों चुनावों में एक लाख से अधिक वोटों से जीत हासिल की और 2019 में अपनी जीत का अंतर दो लाख से अधिक कर लिया। संसदीय मामलों, कोयला और खानों के केंद्रीय मंत्री का पदभार संभाल रहे जोशी पर सबकी नजरें टिकी हैं।

डिंपल यादव (मैनपुरी)

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव समाजवादी पार्टी का गढ़ माने जाने वाले मैनपुरी से सांसद हैं। लोकसभा चुनाव 2024 में इस सीट पर कड़ी टक्कर है क्योंकि भाजपा मौजूदा सांसद डिंपल यादव के खिलाफ ठाकुर जयवीर सिंह को खड़ा करके सपा के गढ़ में सेंध लगाने की कोशिश कर रही है। 2019 के लोकसभा चुनाव में मैनपुरी सीट पर सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने जीत हासिल की थी। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के प्रेम सिंह शाक्य को 94,389 मतों से हराया था।

अधीर रंजन चौधरी (बहरामपुर)

अधीर रंजन चौधरी 2009 से 2019 तक तीन बार बहरामपुर से कांग्रेस सांसद रहे हैं। वह बहरामपुर में रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) की लंबे समय से चली आ रही पकड़ को तोड़ने में कामयाब रहे। पिछले तीन लोकसभा चुनावों पर नजर डालें तो अधीर रंजन ने इस सीट पर बड़े अंतर से जीत हासिल की है। 2019 में टीएमसी के अपूर्ब सरकार (डेविड) को 80,696 वोटों से हराया। 2014 में टीएमसी के इंद्रनील सेन को 156,567 वोटों से हराया। इस बार उनका मुकाबला भाजपा के नए उम्मीदवार निर्मल साहा और टीएमसी से पूर्व भारतीय क्रिकेटर यूसुफ पठान से है।

बदरुद्दीन अजमल (धुबरी)

ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के अध्यक्ष बदरुद्दीन अजमल 2009 के आम चुनावों से धुबरी लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। उन्होंने पहली बार 2009 में 76.31 प्रतिशत वोट शेयर और 1.84 लाख से अधिक वोट हासिल करके बड़े अंतर से जीत हासिल की थी। 2014 में अजमल ने 5.92 लाख से अधिक वोट और 43.26 प्रतिशत वोट शेयर हासिल किया। 2019 में 7.18 लाख से अधिक वोट और 42.66 प्रतिशत वोट शेयर के साथ तीसरी बार सीट पर कब्जा जमाया। इस सीट पर अजमल की लोकप्रियता उनके द्वारा शुरू की गई विभिन्न बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के कारण है। जैसे धुबरी फुलबारी पुल का निर्माण, रूपसी हवाई अड्डे की स्थापना और धुबरी मेडिकल कॉलेज की स्थापना।

शिवराज सिंह चौहान (विदिशा)

20 साल तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान को भाजपा ने विदिशा से मैदान में उतारा है। सीएम पद नहीं दिए जाने के बाद शिवराज चौहान लगभग 20 साल बाद अपने गृह क्षेत्र विदिशा लौट रहे हैं। शिवराज सिंह चौहान की इस सीट पर मजबूत रही है। उन्होंने 1991 में पहली बार चुनाव जीता और 2004 तक अपनी जीत बरकरार रखी। 2019 के चुनाव में इस सीट पर भाजपा के रमाकांत भार्गव ने जीत हासिल की थी।

दिग्विजय सिंह (राजगढ़)

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह राजगढ़ से चुनाव लड़ रहे हैं। वह तीन दशकों के बाद इस सीट पर वापसी कर रहे हैं। दिग्विजय सिंह का मुकाबला राजगढ़ से दो बार के सांसद रोडमल नागर से है। ऐतिहासिक रूप से कांग्रेस ने इस सीट से 9 बार चुनाव जीता है, जबकि जनसंघ-भाजपा ने 6 बार और जनता पार्टी ने दो बार जीत हासिल की है। इसके अलावा एक बार एक स्वतंत्र उम्मीदवार ने सीट जीती। 1994 में दिग्विजय सिंह के सीट छोड़ने के बाद उनके छोटे भाई लक्ष्मण सिंह 2009 तक इस सीट पर रहे। हालांकि लक्ष्मण सिंह 2004 और 2009 के बीच भाजपा के टिकट पर सांसद चुने गए, लेकिन 2009 में राजगढ़ सीट पर कांग्रेस के नारायण सिंह अंबाले ने दोबारा कब्जा कर लिया। 2014 में बीजेपी ने कांग्रेस से यह सीट दोबारा हासिल की। 2019 में भी रोडमल नागर यहां से जीते।

सुप्रिया सुले (बारामती)

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले बारामती सीट से ताल ठोक रही हैं। उनका मुकाबला अपनी भाभी सुनेत्रा पवार से होगा, जो उपमुख्यमंत्री अजित पवार की पत्नी हैं। यहां पवार बनाम पवार की लड़ाई है। शरद पवार की एनसीपी का चुनाव सिंबल घड़ी छिन जाने के बाद सुप्रिया नए सिंबल के तहत चुनाव लड़ रही हैं।
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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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