किसने डाला था भारत में सबसे पहला वोट, बेहद दिलचस्प है उस शख्स की कहानी, यूं रचा था इतिहास

श्याम शरण नेगी किस तरह देश के पहले वोटर बने थे इसकी कहानी भी बेहद दिलचस्प है। नेगी ने पहला वोट 25 अक्टूबर 1951 को ब्रिटिश शासन के समाप्ति के बाद हुए पहले चुनाव में दिया था।

श्याम सरण नेगी

First Voter of India: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए 19 अप्रैल से मतदान शुरू हो रहा है। हमेशा की तरह इस बार भी लोगों को चुनाव में मतदान के लिए जागरूक किया जा रहा है। खास तौर पर पहली बार वोट डालने वालों से अपील की जा रही है कि वे मतदान के अधिकार का का जरूर इस्तेमाल करें। ऐसे में आपके मन में सवाल जरूर आता होगा कि आजाद भारत का पहला वोटर कौन था। किसने सबसे पहले वोट दिया था। आज हम आपको इसी दिलचस्प कहानी के बारे में बता रहे हैं।

श्याम सरण नेगी की कहानी आजाद भारत में पहली बार मतदान करने वाले शख्स का नाम था श्याम सरण नेगी। नेगी ने 25 अक्टूबर 1951 को पहली बार मतदान किया था और वह आजाद भारत के पहले वोटर बने थे। दरअसल, फरवरी 1952 में भारत में पहला आम चुनाव हुआ था। लेकिन नेगी ने खास वजहों से 1951 में ही मतदान कर दिया था। श्याम सरण नेगी का जन्म जुलाई 1917 में हिमाचल प्रदेश के किन्नौर के कल्पा में हुआ था। वह 10 साल की उम्र में स्कूल गए और यहां पांचवीं तक की पढ़ाई पूरी की थी। फिर उन्होंने आगे नौवीं तक की पढ़ाई के लिए रामपुर में पूरी की। उम्र ज्यादा होने के कारण उन्हें 10वीं कक्षा में प्रवेश नहीं मिला। श्याम सरण नेगी ने 1940 से 1946 तक वन विभाग में वन गार्ड के तौर पर नौकरी की और उसके बाद शिक्षा विभाग में चले गए। कल्पा लोअर मिडल स्कूल में अध्यापक की नौकरी की।

25 अक्टूबर 1951 को डाला पहला वोट

श्याम शरण नेगी किस तरह देश के पहले वोटर बने थे इसकी कहानी भी बेहद दिलचस्प है। नेगी ने पहला वोट 25 अक्टूबर 1951 को ब्रिटिश शासन के समाप्ति के बाद हुए पहले चुनाव में दिया था। आम चुनाव 1952 में हुए थे लेकिन वह 1951 में ही मतदान कर इतिहास रच चुके थे। किन्नौर के कल्पा में भारी बर्फबारी होने के कारण यहां पहले ही मतदान प्रक्रिया कराई गई। श्याम सरण नेगी ने यहां सबसे पहले पहुंचकर वोट डाला था। पूरे देश में फरवरी 1952 में पहला लोकसभा चुनाव हुआ था। इस चुनाव में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की भारी जीत हुई थी और जवाहरलाल नेहरू भारत के पहले लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित प्रधानमंत्री बने।

वोट डालने के लिए की भारी कवायद

उस वक्त श्याम सरण नेगी किन्नौर के मूरंग स्कूल में अध्यापक थे और चुनाव में उनकी ड्यूटी लगी थी। उन्होंने अधिकारियों से वोट डालकर ड्यूटी पर जाने की इजाजत मांगी। वह सुबह 6.25 बजे मतदान स्थल पहुंचे। नेगी की गुजारिश पर चुनाव अधिकारियों से उन्हें वोट डालने की अनुमति मिली और इस तरह वे आजाद भारत के पहले मतदाता बन गए। तब से नेगी ने हर चुनाव में मतदान किया था। वह हर लोकसभा चुनाव में वोट डालने जरूर पहुंचते थे और हर बार खबरों की सुर्खियों में रहते थे।

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