अशोक चव्हाण की संजय निरूपम से बैक टू बैक मीटिंग, क्या थामेंगे BJP का कमल? अटकलें तेज
निरुपम ने अशोक चव्हाण के साथ एक गुप्त बैठक का खुलासा किया जिससे एमवीए में हलचल मच गई। हालांकि, दोनों नेताओं ने कहा कि यह एक दोस्ताना मुलाकात थी।
संजय निरूपम
Sanjay Nirupam: महाराष्ट्र के पूर्व सीएम अशोक चव्हाण अब बीजेपी से राज्यसभा सांसद हैं। उनके बाद अब कई और कांग्रेस नेता भी भाजपा में शामिल हो सकते हैं। अशोक चव्हाण से संजय निरूपम की मुलाकात के बाद से सियासी चर्चाएं गर्म है कि क्या वह भी पाला बदलेंगे। कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) दोनों ने उत्तर पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र पर दावा किया है। लेकिन शिवसेना (यूबीटी) ने यहां से अमोल कीर्तिकर की उम्मीदवारी की घोषणा कर दी थी। इस घटनाक्रम पर कांग्रेस के संजय निरुपम ने नाराजगी जताई थी।
बीजेपी ने शुरू की तैयारी
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सियासी गतिविधियां तेज हो गई हैं और बीजेपी ने शिंदे गुट से सिर्फ एक सीट लेते हुए मुंबई में कुल पांच सीटों के लिए तैयारी शुरू कर दी है। इन पांचों में से पीयूष गोयल को उत्तरी मुंबई से और मिहिर कोटेचा को पूर्वोत्तर मुंबई से उम्मीदवार बनाया गया है। बाकी तीन सीटों के लिए उम्मीदवारा कौन होंगे यह देखने वाली बात होगी।
संजय निरुपम नाराज
उधर, कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने इंडिया गठबंधन की नैतिकता पर सवाल उठाए हैं क्योंकि ठाकरे ने मुंबई-उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट के लिए शिवसेना उम्मीदवार की घोषणा कर दी। ठाकरे गुट ने उत्तर पश्चिम मुंबई लोकसभा क्षेत्र में अमोल कीर्तिकर को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। पूर्व सांसद और कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने कीर्तिकर की उम्मीदवारी पर अपना कड़ा विरोध जतायाहै।
चव्हाण से की मुलाकात
महा विकास अघाड़ी में इस सीट पर विवाद की संभावना के बीच भी पूर्व सांसद निरुपम ने बुधवार को अपने पूर्व पार्टी सहयोगी अशोक चव्हाण से मुलाकात की। इससे यह चर्चा तेज हो गई है कि क्या निरुपम भाजपा में वापसी की राह पर हैं। लेकिन दोनों नेताओं ने इस संभावना को खारिज कर दिया। अब कहा जा रहा है कि कीर्तिकर की उम्मीदवारी की घोषणा एमवीए के लिए महंगी पड़ सकती है।
निरूपम पर अटकलें हुईं तेज
निरुपम ने अशोक चव्हाण के साथ एक गुप्त बैठक का खुलासा किया जिससे एमवीए में हलचल मच गई। हालांकि, दोनों नेताओं ने कहा कि यह एक दोस्ताना मुलाकात थी। निरुपम के मुताबिक, अशोक चव्हाण मेरे पुराने दोस्त हैं। हम एक मौके पर मिले थे। इसलिए इस दौरे का राजनीतिक मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए। चव्हाण का कांग्रेस से भी पुराना नाता है, इसीलिए मुलाकातें होती रहती हैं। बहरहाल, कयास लगाए जा रहे हैं कि नए राजनीतिक हालात ने इस मुलाकात के लिए जगह बनाई।
निरुपम-चव्हाण की बातचीत ने इस बात को लेकर अटकलें तेज कर दी हैं कि क्या निरुपम राहुल गांधी की न्याय यात्रा के मुंबई पहुंचने से पहले बम गिराएंगे। उत्तर-पश्चिम मुंबई में बीजेपी का कोई उम्मीदवार नहीं है। राजनीतिक पंडितों के अनुसार, यही कारण है कि निरुपम के साथ गठबंधन की संभावना दिख रही है।
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