पहले चरण में उत्तर बंगाल की 3 सीटों पर मतदान, कूचबिहार पर सभी की नजरें, BJP-TMC के बीच महासंग्राम

भाजपा ने जलपाईगुडी से जयंत राय और कूच बिहार से प्रमाणिक को फिर से लोकसभा चुनाव में उतारा जबकि पिछली बार के विजेता जॉन बरला के स्थान पर पार्टी के महादलित विधायक मनोज टिग्गा को तीसरे संसदीय क्षेत्र अलीपुरद्वार से प्रत्याशी बनाया है।

बंगाल का संग्राम

West Bengal Lok Sabha Seats: लोक सभा चुनाव 2024 के पहले चरण में पश्चिम बंगाल में शुक्रवार को जिन तीन लोकसभा क्षेत्रों में मतदान होगा, उनमें कूचबिहार निर्वाचन क्षेत्र पर सभी की नजरें होंगी। कूच बिहार लोकसभा क्षेत्र में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री व भाजपा प्रत्याशी निसिथ प्रमाणिक का तृणमूल कांग्रेस के जगदीश चंद्र बर्मा बसुनिया से मुकाबला है। इसी संसदीय क्षेत्र के सीतलकुची में 2021 में विधानसभा चुनाव के दौरान केंद्रीय बलों की कथित गोलीबारी में चार लोगों की मौत हुई थी। इस घटना को वर्तमान चुनाव प्रचार के दौरान तृणमूल कांग्रेस ने मुद्दा भी बनाया है।

लोगों की नजरें कूचबिहार पर

जलपाईगुड़ी (अनुसूचित जाति आरक्षित) और अलीपुरद्वार (अनुसूचित जनजाति आरक्षित) राज्य के दो अन्य निर्वाचन क्षेत्र हैं जहां राज्य में सात चरणों हो रहे आम चुनाव के पहले चरण में वोट डाले जाएंगे। राज्य में लोकसभा की 42 सीट हैं। वैसे लोगों की नजर कूचबिहार पर होगी जहां चुनाव से पहले भाजपा और तृणमूल समर्थकों के बीच छिटपुट झड़पें हुईं। प्रमाणिक और तृणमूल कांग्रेस के दिन्हाटा के विधायक एवं उत्तर बंगाल विकास मंत्री उदयन गुहा के बीच पुरानी प्रतिद्वंद्विता इन चुनावों में नजर आई। दोनों ने एक दूसरे पर खूब आरोप लगाए। पश्चिम बंगाल में 2018 के पंचायत चुनाव के बाद प्रमाणिक तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गये थे।

सीमाएं बांग्लादेश से लगती हैं

सीतलकुची और दिन्हाटा, कूचबिहार लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले विधानसभा क्षेत्र हैं । इस लोकसभा क्षेत्र की दक्षिणी और पश्चिमी सीमाएं बांग्लादेश से लगती हैं। निर्वाचन आयोग कूच बिहार में केंद्रीय बलों की 112 कंपनियां और 4500 पुलिसकर्मियों को तैनात कर रहा है जो दो अन्य संसदीय क्षेत्रों से करीब दोगुणा हैं। बाकी दो संसदीय क्षेत्र चुनाव प्रचार के दौरान अपेक्षाकृत शांत रहे। 2021 के विधानसभा चुनाव में सीतलकुची में एक मतदान केंद्र पर सीआईएसएफ के कर्मियों की कथित गोलीबारी में चार लोगों की मौत की घटना के मद्देनजर निर्वाचन आयोग ने वहां उस बल के किसी भी कर्मी को तैनात नहीं करने का निर्णय लिया है।

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