वो निर्दलीय उम्मीदवार, जिन्होंने बिगाड़ा INDIA-NDA का गुणा-गणित, इनके आगे दिग्गज भी पड़ रहे फीके
Lok Sabha Election: लोकसभा चुनाव 2024 में कुछ निर्दलीय उम्मीदवार ऐसे हैं, जिन्होंने कई सीटों पर भाजपा नीत NDA और विपक्षी दलों के INDIA गठबंधन का पूरा गुणा-गणित ही बिगाड़ दिया है। इन उम्मीदवारों की सभाओं में उमड़ रही भीड़ बीजेपी या कांग्रेस के स्टार प्रचारकों पर भारी पड़ रही है। आइए जानते हैं ताल ठोंक रहे इन उम्मीदवारों के बारे में...
लोकसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी
- पूर्णिया सीट से पप्पू यादव पेश कर रहे दमदार दावेदारी।
- बाड़मेर में रविंद्र सिंह भाटी की जनसभाओं में उमड़ रही भीड़ बढ़ा रही टेंशन।
- शिवमोग्गा में केएस ईश्वरप्पा ने बिगाड़ा गणित।
Lok Sabha Election: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए पूरी बिसात बिछी हुई है। पहले चरण के चुनाव भी हो चुके हैं। NDA बनाम INDIA के इस मुकाबले के लिए चुनावी प्रचार और भी ज्यादा तीखा हो गया है। भाजपा धुआंधार प्रचार में जुटी है और पीएम मोदी विपक्ष पर तीखे हमले कर रहे हैं, तो वहीं इंडिया गठबंधन ने भी दिग्गजों की पूरी फौज उतार दी है।
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इस बीच कुछ निर्दलीय उम्मीदवार ऐसे हैं, जिन्होंने कई सीटों पर भाजपा नीत NDA और विपक्षी दलों के INDIA गठबंधन का पूरा गुणा-गणित ही बिगाड़ दिया है। बीजेपी व कांग्रेस प्रत्याशी के मुकाबले, इन निर्दलीय उम्मीदवारों की सभाओं में जुट रही भीड़ ने दोनों पार्टियों के नेताओं की टेंशन बढ़ा दी है। आइए जानते हैं ऐसे उम्मीवारें के बारे में...
पप्पू यादव
इस लिस्ट में सबसे पहला नाम कांग्रेस नेता पप्पू यादव का आता है। पूर्णिया में पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने बतौर निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरकर दोनों गठबंधनों के समीकरण को बिगाड़ दिया है। यादव का दावा है कि उन्हें कांग्रेस का समर्थन प्राप्त है। गौर करने वाली बात है कि यहां के लोग भी एनडीए और महागठबंधन की जीत-हार के बदले यह जानने को उत्सुक हैं कि पप्पू यादव जीतेंगे या हारेंगे। महागठबंधन ने यहां से राजद की नेता बीमा भारती को चुनावी मैदान में उतारा है, जबकि एनडीए की ओर से निवर्तमान सांसद जदयू के नेता संतोष कुशवाहा चुनावी रण में ताल ठोक रहे हैं। नेपाल और बंगाल से सटे पूर्णिया में पप्पू यादव न केवल राजद के वोट बैंक में सेंधमारी को लेकर जुगत में हैं, बल्कि जदयू इस वोट बैंक की लड़ाई और मोदी की लहर को लेकर उत्साहित है।
रविंद्र सिंह भाटी
राजस्थान के बाड़मेर के छोटे से गांव दूधोड़ा के रहने वाले 26 साल के युवा रविंद्र सिंह भाटी एक सामान्य परिवार से आते हैं। भाटी का राजनीति से कोई दूर-दूर का नाता भी नहीं है। हालांकि, इस बार बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट से उन्होंने चुनावी मैदान में उतरकर बीजेपी-कांग्रेस का सारा गुणा-गणित बिगाड़ दिया है। भाटी के समर्थन में उमड़ रही भीड़ ने बीजेपी के बड़े नेताओं की भी टेंशन बढ़ाई हुई है। यही कारण है कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीजेपी प्रत्याशी कैलाश चौधरी के समर्थन में जनसभा कर चुके हैं। इसके अलावा बीजेपी ने यहां द ग्रेट खली और कंगना रनौत जैसे स्टार प्रचारकों को भी मैदान में उतारा है। हालांकि, रविंद्र भाटी के उतरने से बाड़मेर सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय हो चुका है।
केएस ईश्वरप्पा
कर्नाटक भाजपा के दिग्गज नेता और शिवमोग्गा विधानसभा से पांच बार के विधायक केएस ईश्वरप्पा ने भी बीजेपी की टेंशन बढ़ा रखी है। दरअसल, शिवमोग्गा सीट से बीजेपी ने पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा के बेटे बी.वाई. राघवेंद्र को टिकट दिया है, वह इस सीट पर 2009 से लोकसभा सदस्य के रूप में निर्वाचित हो रहे हैं। हालांकि, इस बार ईश्वरप्पा ने शिवमोग्गा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन दाखिल कर दिया है। ऐसे में यहां मुकाबला त्रिकोणीय हो चुका है। वहीं, दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री एस. बंगारप्पा की बेटी गीता शिवराजकुमार इस बार कांग्रेस के टिकट पर शिवमोग्गा से चुनाव लड़ रही हैं।
विशाल पाटिल
कांग्रेस के बागी नेता विशाल पाटिल निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में महाराष्ट्र की सांगली लोकसभा चुनाव लड़ने के अपने फैसले पर अड़े हैं और उन्होंने सोमवार को नामांकन वापस लेने के अंतिम दिन उम्मीदवारी वापस नहीं ली। दरअसल, महाराष्ट्र में हुए सीट बंटवारे के तहत सांगली सीट उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) के खाते में गई है और चंद्रहार पाटिल को यहां से उम्मीदवार घोषित किया गया। कांग्रेस पार्टी के इस फैसले से नाराज विशाल पाटिल ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में उतरकर दावेदारी पेश कर दी है।
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