India Lok Sabha Chunav Result: 2024 लोकसभा चुनाव परिणाम तय करेंगे इन दिग्गज नेताओं का राजनीतिक भविष्य, करो या मरो का है मुकाबला

India Lok Sabha Chunav Result 2024: ​यह लोकसभा चुनाव कई दिग्गज नेताओं के लिए कसौटी भी बन चुका है। इस चुनाव में हार या जीत उनकी राजनीतिक विरासत और भविष्य को तय करेगी। इस फेहरिस्त में दिग्विजय सिंह, कमलनाथ, अशोक गहलोत, मनोज तिवारी जैसे बड़े नाम शामिल हैं...

Lok Sabha results

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Lok Sabha Election Result: देश में हुए लोकसभा चुनाव के परिणामों पर बहुत कुछ टिका हुआ है। एक तरफ नरेंद्र मोदी सरकार तीसरे कार्यकाल में विकसित भारत का स्वप्न संजोए बैठी है तो दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन 'संविधान' का हवाला दे रहा है। परिणाम चाहें कुछ भी हो, लेकिन देश के लिए आने वाले पांच साल परिवर्तन के होने वाले हैं।
यह लोकसभा चुनाव कई दिग्गज नेताओं के लिए कसौटी भी बन चुका है। इस चुनाव में हार या जीत उनकी राजनीतिक विरासत और भविष्य को तय करेगी। दरअसल, इस चुनाव में कई नेता ऐसे, जो शायद आखिरी बार चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, कुछ नेता ऐसे हैं जिनका भविष्य चुनाव के परिणाम ही तय करेंगे। आइए जानते हैं कौन-कौन से हैं वे नेता...

दिग्विजय सिंह

कांग्रेस के दिग्गज नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह राजगढ़ लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं। वह साफ कह चुके हैं यह उनका अंतिम चुनाव है। यानी अब दिग्विजय सिंह चुनावी राजनीति में सक्रिय नहीं रहेंगे। इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी और मध्य प्रदेश की कांग्रेस ईकाई में उनका कद क्या रहता है, यह उनकी हार और जीत पर निर्भर होगा।

कमलनाथ

इस चुनाव में मध्य प्रदेश कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है। यही कारण है कि उन्होंने अपने बेटे नकुलनाथ को छिंदवाड़ा सीट से जिताने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। अगर, नकुलनाथ यह चुनाव जीतते हैं तो कमलनाथ मध्य प्रदेश की राजनीतिक में बरकरार रह सकते हैं। वहीं, अगर हार हुई तो उन्हें साइड लाइन करके युवाओं को मौका दिया जा सकता है। दरअसल, मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की शर्मनाक हार के बाद कमलनाथ की राजनीतिक छवि काफी धूमिल हुई है और वह पहले से ही मध्य प्रदेश कांग्रेस में हाशिए पर आ गए हैं।

अशोक गहलोत

राजस्थान कांग्रेस के दिग्गज नेता व पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की राजनीतिक विरासत भी दांव पर है। दरअसल, विधानसभा चुनाव में हार के बावजूद कांग्रेस ने गहलोत पर भरोसा जताया है और उनके बेटे वैभव गहलोत को जालोर-सिरोही से उम्मीदवार बनाया है। अब गहलोत पर अपने बेटे की सीट जिताने के साथ-साथ राजस्थान में कांग्रेस पार्टी के प्रदर्शन को भी सुधारने की जिम्मेदारी है। बता दें, बीते चुनाव में राजस्थान की सभी सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों को हार मिली थी। ऐसे में अगर गहलोत एक बार फिर से राजस्थान में कांग्रेस की वापसी कराने में सक्षम होते हैं तो उनका कद बढ़ेगा, और अगर इसका उल्टा होता है तो उनके धुर विरोधी सचिन पायलट हो तरजीह मिलना तय है।

मनोज तिवारी

उत्तर-पूर्वी दिल्ली से भाजपा प्रत्याशी मनोज तिवारी की राजनीतिक विरासत भी इस चुनाव के परिणामों पर टिकी हुई है। दरअसल, दिल्ली के वे इकलौते सांसद हैं, जिन्हें भाजपा ने फिर से टिकट दिया है। ऐसे में भाजपा आलाकमान के भरोसे को बनाए रखने की उनपर चुनौती है। इसके साथ ही साथ अपने राजनीतिक करियर को बचाने की भी कसौटी है। इस चुनाव में इंडिया गठबंधन ने कन्हैया कुमार जैसे पूर्वांचली को टिकट देकर मुकाबले को कड़ा बना दिया है। अब देखना होगा कि मनोज तिवारी अपना राजनीतिक करियर बचा पाते हैं, या उनके चुनावी भविष्य पर विराम लगेगा।
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प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें

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