Loksabha Election 2024: राजस्थान में कांग्रेस लगातार तीसरी बार टालना चाहेगी 25-0 की हार, लेकिन बड़े चेहरे मैदान से बाहर

Loksabha Election 2024: राजस्थान में लोकसभा की कुल 25 सीटें हैं और कांग्रेस के लिए विडंबना यहा है कि पिछले दो लोकसभा चुनावों में कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला। अब कांग्रेस के सामने लगातार तीसरी बार 25-0 की हार से बचना है। जबकि 2009 में कांग्रेस ने 25 में से 20 सीटें जीती थीं।

लोकसभा चुनाव 2024

मुख्य बातें
  • 2019 में 9 सीटों पर 4 लाख से ज्यादा मतों से जीती भाजपा, भीलवाड़ा में 6.12 लाख का अंतर।
  • इस बार पार्टी ने 11 सांसदों के टिकट काटे हैं और कुल 14 चेहरे बदल दिए हैं।
  • 2004 में भाजपा ने 21 और 2009 में कांग्रेस ने 20 सीटें जीती थीं।
लोकसभा चुनाव 2024 (Loksabha Election 2024) का बिगुल बज चुका है। देशभर में सात चरणों में मतदान हो रहा है। राजस्थान में पहले दो चरणों यानी 19 अप्रैल और 26 अप्रैल को मतदान होना है। राज्य में कुल 25 लोकसभा सीटें हैं, जिनमें से 12 पर पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान होगा, जबकि 13 सीटों पर 26 अप्रैल को वोट पड़ेंगे। सभी 25 सीटों के लिए नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अब राज्यभर में धुआंधार प्रचार हो रहा है। एक तरफ केंद्र और राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) तो दूसरी तरफ हाल ही में राज्य की सत्ता से बाहर हुई कांग्रेस (Congress) है। एक तरफ भाजपा के लिए पिछले दो लोकसभा चुनावों के रिकॉर्ड को दोहराने की चुनौती है तो दूसरी तरफ कांग्रेस लगातार तीसरी बार 25-0 से हार टालने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है।

भाजपा-कांग्रेस आमने-सामनेराजस्थान एक ऐसा राज्य है, जहां पर देश की दो सबसे बड़ी पार्टियां यानी भाजपा और कांग्रेस का सीधा मुकाबला होता है। लेकिन पिछले दो लोकसभा चुनाव यानी 2014 और 2019 में भाजपा के सामने कांग्रेस कहीं टिक ही नहीं पाई। हालांकि, 2009 में कांग्रेस ने यहां की 25 में से 20 सीटों पर जीत दर्ज की थी और भाजपा को सिर्फ 4 सीटों पर संतोष करना पड़ा था, एक सीट अन्य के खाते में गई थी। साल 2014 में देश के अन्य हिस्सों की तरह राजस्थान में भी ऐसी मोदी लहर चली कि भाजपा ने यहां की सभी 25 सीटें जीत लीं और कांग्रेस 20 से सीधे शून्य पर आ गई। इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने राज्य की 24 सीटों पर जीत दर्ज की और एक सीट अन्य के खाते में गई। इस तरह से लगातार दूसरी बार कांग्रेस के हाथ शून्य लगा।
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