कौन हैं 25 साल की शांभवी चौधरी जिन्हें चिराग पासवान ने समस्तीपुर से दिया टिकट, रच सकती हैं इतिहास
25 साल की उम्र में वह लोकसभा चुनाव में सबसे कम उम्र की दलित महिला उम्मीदवार हैं। उनके दादा महावीर चौधरी कांग्रेस पार्टी की सरकार में बिहार में मंत्री थे।
शांभवी चौधरी
Who Is Sambhavi Choudhary: बिहार में एनडीए में सीट बंटवारे पर समझौता होने के साथ ही उम्मीदवारों के ऐलान का सिलसिला तेज है। सीट आवंटन पर समझौते के बाद चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी ने शनिवार को पांचों लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया। चिराग पासवान हाजीपुर से चुनाव लड़ेंगे, जबकि उनके बहनोई अरुण भारती को जमुई से टिकट दिया गया है। इस सीटा का प्रतिनिधित्व पहले चिराग ने पिछले दो लोकसभा चुनावों में किया था।
25 साल की शांभवी चौधरी को मिला टिकट
इस लिस्ट में एक खास नाम भी नजर आया जिसने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा। ये नाम था जेडीयू कोटे के मंत्री अशोक कुमार चौधरी की बेटी सांभवी चौधरी का, जिन्हें समस्तीपुर की आरक्षित सीट पर उम्मीदवार बनाया गया है। 25 साल और नौ महीने की सांभवी राजनीति में गहरी जड़ें जमाए हुए परिवार से आती हैं। वह लोकसभा चुनाव में भाग लेने वाली सबसे कम उम्र महिला उम्मीदवारों में से एक हैं।
कौन हैं शांभवी चौधरी?
25 साल की उम्र में वह लोकसभा चुनाव में सबसे कम उम्र की दलित महिला उम्मीदवार हैं। उनके दादा महावीर चौधरी कांग्रेस पार्टी की सरकार में बिहार में मंत्री थे। दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से समाजशास्त्र में मास्टर डिग्री प्राप्त करने के बाद सांभवी ने बिहार की राजनीति में लिंग और जाति के अंतर्विरोध पर ध्यान केंद्रित करते हुए डॉक्टरेट की पढ़ाई शुरू की। उन्होंने अपनी स्नातक की पढ़ाई लेडी श्री राम कॉलेज से पूरी की। सांभवी शादी सायन कुणाल से हुई है, जो एक परोपकारी और विद्वान आचार्य किशोर कुणाल के बेटे हैं, जो पहले एक आईपीएस अधिकारी थे। आचार्य किशोर कुणाल बिहार के मंदिरों में कई दलित पुजारियों को नियुक्त करने के अपने प्रयासों के लिए प्रसिद्ध हैं।
सामाजिक गतिविधियों में लेती हैं हिस्सा
शांभवी चौधरी ने कहा कि इतनी कम उम्र में लोकसभा चुनाव में भाग लेने का अवसर पाकर वह बेहद सम्मानित महसूस कर रही हैं। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि यह जिम्मेदारी की गहरी भावना पैदा करता है, खासकर मेरे परिवार की राजनीतिक विरासत और मेरे पिता और दादा द्वारा स्थापित अनुकरणीय मानकों को देखते हुए ये बेहद अहम है। उनके जॉब प्रोफाइल की बात करें तो वह पटना के ज्ञान निकेतन स्कूल में निदेशक के पद पर हैं। इसके अलावा वह सामाजिक गतिविधियों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती हैं।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | इलेक्शन (elections News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें
बीजेपी के इस नेता ने यमुना नदी में बहाया केजरीवाल का पुतला, दिल्ली से विश्वासघात करने का लगाया आरोप
Delhi Assembly Election 2025: भाजपा के घोषणापत्र का तीसरा भाग जारी, अमित शाह ने केजरीवाल और आप सरकार को जमकर कोसा
Delhi Chunav: लांबा की ललकार-दिल्ली में कांग्रेस उठ खड़ी हुई है, केजरीवाल में दम है तो इंडिया अलायंस से बाहर होने का ऐलान करें
Delhi Assembly Election: मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद DTC बस में बैठकर गांव चले गए साहिब सिंह वर्मा
दिल्ली चुनाव में क्या केजरीवाल के लिए सबसे बड़ी मुसीबत बन गई हैं स्वाति मालीवाल; फिर से AAP के मुखिया को लपेटा
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited