मध्य प्रदेश की 29 सीटों पर दिलचस्प होगी जंग, शिवराज और कमलनाथ की साख भी दांव पर

MP Election 2023: मध्य प्रदेश की 230 में से 29 विधानसभा सीट ऐसी हैं, जिन पर सभी की नजरें टिकी होंगी। यहां मुकाबला बेहद दिलचस्प होगा। इन 29 सीटों में भाजपा के चार बार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ की सीटें भी शामिल हैं।

मध्य प्रदेश चुनाव

MP Election 2023: पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के साथ ही भारतीय जनता पार्टी ने मध्य प्रदेश में उम्मीदवारों की चौथी लिस्ट जारी कर दी है। भाजपा ने इस सूची में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बुधनी सीट से उतारा है तो गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा को दतिया और पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव को रहली सीट से प्रत्याशी बनाया है।
भाजपा की इस सूची में 57 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं। बता दें, पार्टी अब तक 136 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर चुकी है। हालांकि, मध्य प्रदेश की 230 में से 29 विधानसभा सीट ऐसी हैं, जिन पर सभी की नजरें टिकी होंगी। यहां मुकाबला बेहद दिलचस्प होगा। इन 29 सीटों में भाजपा के चार बार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ की सीटें भी शामिल हैं।

1. बुधनी

2006 से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। इस सीट पर उन्होंने पहली बार उप चुनाव में जीत हासिल की थी। नर्मदा नदी के तट पर स्थित, सीहोर जिले की बुधनी सीट चौहान का गढ़ है। भाजपा के दिग्गज नेता ने 2008, 2013 और 2018 के विधानसभा चुनावों में अपनी पार्टी के लिए यह सीट जीती। चौहान ने इस सीट पर पिछले विधानसभा चुनाव में पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता अरुण यादव को 58,999 वोटों के अंतर से हराया था।

2. छिंदवाड़ा

नौ बार के कांग्रेस सांसद कमलनाथ ने दिसंबर 2018 में मुख्यमंत्री बनने के बाद मई 2019 में उपचुनाव में अपने गृह क्षेत्र छिंदवाड़ा से अपना पहला विधानसभा चुनाव जीता। मुख्यमंत्री बने रहने के लिए नाथ ने अपनी पार्टी के सहयोगी दीपक सक्सेना द्वारा खाली की गई छिंदवाड़ा सीट 25,800 से अधिक वोटों के अंतर से जीती थी। 2013 में छिंदवाड़ा विधानसभा सीट भाजपा ने जीती थी, जबकि 2008 में यह सीट कांग्रेस के लिए सक्सेना ने जीती थी। यह विधानसभा क्षेत्र छिंदवाड़ा लोकसभा सीट का हिस्सा है, जिसे नाथ ने अपने दशकों लंबे राजनीतिक करियर में रिकॉर्ड नौ बार जीता है।

3. दिमनी

मुरैना जिले के दिमनी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा द्वारा केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को मैदान में उतारने से इस सीट पर चुनाव बेहद दिलचस्प हो गया है क्योंकि तोमर को मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार के रूप में देखा जा रहा है। 2018 के विधानसभा चुनाव में गिर्राज दंडोतिया ने दिमनी से 18,000 से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की थी। बाद में वह भाजपा में शामिल हो गए और भगवा पार्टी के टिकट पर दिमनी सीट से 2020 का उपचुनाव लड़ा, लेकिन कांग्रेस उम्मीदवार रविंद्र सिंह तोमर भिडौसा से वह हार गए।

4. नरसिंहपुर

भाजपा ने मौजूदा विधायक जालम सिंह पटेल के स्थान पर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के मजबूत नेता और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल को नरसिंहपुर जिले के नरसिंहपुर विधानसभा क्षेत्र से मैदान में उतारा है, जिन्होंने 2013 और 2018 में इस सीट का प्रतिनिधित्व किया था। जालम सिंह केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल के छोटे भाई हैं। जालम सिंह ने 2013 का चुनाव 48,000 से अधिक वोटों के अंतर से जीता था। 2018 में, उन्होंने 14,000 से अधिक वोटों के कम अंतर के साथ सीट बरकरार रखी।

5. निवास

मंडला जिले की निवास विधानसभा सीट से केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते भाजपा के उम्मीदवार हैं। कुलस्ते भाजपा के जाने-माने आदिवासी नेता हैं और उन्हें मुख्यमंत्री पद के दावेदार के तौर पर भी देखा जा रहा है। निवास का प्रतिनिधित्व वर्तमान में कांग्रेस के डॉ. अशोक मार्सकोले कर रहे हैं, जिन्होंने 2018 का चुनाव 28,000 से अधिक मतों के अंतर से जीता था।

6. इंदौर-1

भाजपा ने अपने वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को इंदौर-1 विधानसभा सीट से मैदान में उतारा है। इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व वर्तमान में कांग्रेस के संजय शुक्ला कर रहे हैं, जिन्होंने 2018 का चुनाव 8,000 से अधिक मतों के अंतर से जीता था। भाजपा ने 2008 और 2013 के चुनावों में यह सीट जीती थी और अब पार्टी का लक्ष्य मालवा-निमाड़ क्षेत्र के कद्दावर नेता विजयवर्गीय को मैदान में उतारकर इसे कांग्रेस से छीनना है।

7. दतिया

मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार और वर्तमान गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा 2008 से विधानसभा में दतिया का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। हालाँकि, उन्होंने 2018 का चुनाव केवल 2,600 से कुछ अधिक वोटों के मामूली अंतर से जीता, जिसमें पूर्व विधायक और वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजेंद्र भारती ने उन्हें कड़ी टक्कर दी। भाजपा के लाल तिलकधारी नेता और तेजतर्रार मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा अक्सर अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं।

8. लहार

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष, कांग्रेस के डॉ. गोविंद सिंह चंबल संभाग के भिंड जिले की लहार विधानसभा सीट का 1990 से प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह के वफादार गोविंद सिंह ने 2018 में सातवीं बार 9,000 से अधिक वोटों के अंतर से लहार सीट जीती थी।
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