मध्य प्रदेश में राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' क्यों हुई फेल? समझें सियासी समीकरण

Bharat Jodo Yatra Effect On Chunav: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के नतीजों में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा। राहुल गांधी की मोहब्बत की दुकान नहीं चली और 'भारत जोड़ो यात्रा' से भी कांग्रेस को लाभ नहीं हुआ। एमपी में भाजपा ने यात्रा मार्ग की 17 सीटें जीतीं। आपको पूरा समीकरण समझाते हैं।

Rahul Gandhi Madhya Pradesh Bharat Jodo Yatra

'भारत जोड़ो यात्रा' से मध्य प्रदेश में नहीं हुआ कोई लाभ।

Rahul Gandhi News: राहुल गांधी ने मोहब्बत की दुकान खोलने का दावा किया, मगर मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में 'भारत जोड़ो यात्रा' से लाभ मिलने की कांग्रेस की उम्मीदें उस समय धराशायी हो गईं जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उन 21 सीटों में से 17 सीटें जीत लीं जहां से राहुल गांधी के नेतृत्व वाली यह यात्रा गुजरी थी। भाजपा ने रविवार को मध्य प्रदेश विधानसभा की 230 सीटों में से 163 सीटें जीतकर दो-तिहाई बहुमत हासिल कर लिया जबकि कांग्रेस 66 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही।

कांग्रेस को भारत जोड़ो यात्रा से नहीं हुआ कोई फायदा

पिछले साल 23 नवंबर से चार दिसंबर के बीच 'भारत जोड़ो यात्रा' ने मध्य प्रदेश के मालवा-निमाड़ क्षेत्र के छह जिलों, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, इंदौर, उज्जैन और आगर मालवा से होकर 380 किलोमीटर की दूरी तय की जिसमें कुल मिलाकर 21 सीटें हैं। भाजपा ने 2018 में इनमें से 14 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस सात सीटों पर विजयी रही। इस बार 2023 के चुनावों में भाजपा ने अपनी सीटों की संख्या बढ़ाकर 17 कर ली और कांग्रेस चार सीटों पर सिमट गई। भाजपा की अर्चना चिटनीस ने बुरहानपुर, मंजू दादू ने जिले की नेपानगर सीट से जीत हासिल की। बुरहानपुर सीट 2018 में निर्दलीय उम्मीदवार सुरेंद्र सिंह शेरा ने जीती थी जो इस बार कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर असफल रहे।

इन सीटों पर कांग्रेस को भाजपा ने दी करारी शिकस्त

कांग्रेस की सुमित्रा कास्डेकर ने 2018 में नेपानगर सीट जीती, लेकिन बाद में उन्होंने पाला बदल लिया और 2020 के उपचुनाव में भाजपा के टिकट पर चुनी गईं। भाजपा ने यह सीट बरकरार रखी है। भाजपा के नारायण पटेल और छाया मोरे भी क्रमश: मांधाता और पंधाना से जीते। पंधाना सीट पर 2018 में भाजपा के राम दांगोरे ने जीत हासिल की थी, जबकि मांधाता सीट पर कांग्रेस के नारायण पटेल जीते थे। पटेल बाद में भाजपा में चले गए और 2020 में उपचुनाव जीते। उन्हें सत्तारूढ़ पार्टी ने फिर से टिकट दिया। खरगोन जिले में 'भारत जोड़ो यात्रा' बड़वाह और भीकनगांव विधानसभा सीट से होकर गुजरी। बड़वाह से भाजपा के सचिन बिड़ला जीते तो भीकनगांव से कांग्रेस प्रत्याशी झूमा सोलंकी विजयी रहीं। 2018 में दोनों सीटें कांग्रेस ने जीती थीं। बड़वाह विधायक सचिन बिड़ला बाद में भाजपा में शामिल हो गए।

राहुल की यात्रा इन सीटों पर नहीं आई काम

'भारत जोड़ो यात्रा' इंदौर जिले की सभी आठ सीटों पर पहुंची। यहां सभी आठ सीटों पर भाजपा विजयी रही। भाजपा की उषा ठाकुर और मधु वर्मा क्रमश: महू और राऊ से जीतीं। इंदौर-1 सीट पर भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने मौजूदा विधायक संजय शुक्ला को हराकर जीत हासिल की। भाजपा के रमेश मेंदोला (इंदौर-2), गोलू शुक्ला (इंदौर-3), मालिनी गौड़ (इंदौर-4) और महेंद्र हार्डिया (इंदौर-5) भी जीते हैं। इसके अलावा, 2020 में कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए तुलसी सिलावट ने सांवेर सीट से जीत हासिल की।

पिछले साल चार दिसंबर को राजस्थान में प्रवेश करने से पहले 'भारत जोड़ो यात्रा' आगर मालवा जिले की आगर मालवा और सुसनेर विधानसभा सीटों से गुजरी थी। आगर मालवा सीट पर भाजपा के माधव सिंह ने जीत हासिल की जबकि सुसनेर सीट पर कांग्रेस के भैरो सिंह को जीत मिली। भाजपा ने 2018 में आगर मालवा विधानसभा सीट जीती लेकिन 2020 के उपचुनाव में कांग्रेस से हार गई, जहां मौजूदा विधायक मनोहर ऊंटवाल के निधन के कारण उपचुनाव जरूरी हो गया था। सुसनेर विधानसभा सीट 2018 में निर्दलीय उम्मीदवार विक्रम सिंह राणा ने जीती थी, जो बाद में भाजपा में शामिल हो गए।

भाजपा के मोहन यादव और अनिल जैन ने क्रमश: उज्जैन दक्षिण और उज्जैन उत्तर सीट से जीत हासिल की। घट्टिया से भाजपा के सतीश मालवीय और तराना सीट से कांग्रेस के महेश परमार विजयी हुए। महिदपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस के दिनेश जैन जीते। भाजपा ने 2018 में उज्जैन जिलों की पांच में से चार सीटें जीतीं, कांग्रेस को केवल एक सीट पर जीत मिली। 'भारत जोड़ो यात्रा' के मध्य प्रदेश के यात्रा मार्ग पर कांग्रेस ने जो चार सीटें जीतीं, वे हैं भीकनगांव, तराना, महिदपुर और सुसनेर। कांग्रेस नेताओं ने दावा किया था कि इस साल मई में कर्नाटक में कांग्रेस की जीत का कारण 'भारत जोड़ो यात्रा' थी। दक्षिणी राज्य में पार्टी ने उन 20 विधानसभा सीटों में से 15 पर जीत हासिल की जहां से राहुल गांधी के नेतृत्व वाली यात्रा गुजरी। बाद में इस साल अक्टूबर में कांग्रेस ने लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद करगिल के चुनावों में अपनी जीत का श्रेय यात्रा को दिया।

(भाषा)

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