Maharashtra Chunav: मराठा आरक्षण आंदोलन के गढ़ में OBC वोटर्स करेंगे हार-जीत का फैसला, समझें समीकरण

Maharashtra Elections: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कौन जीत का परचम फहराएगा और किसके हिस्से में हार आएगी, इसका फैसला महाराष्ट्र की जनता 20 नवंबर को कर देगी। इस बार के चुनाव में मराठा आरक्षण आंदोलन बड़ा मुद्दा है। मगर मराठा कोटा आंदोलन के गढ़ में ओबीसी मतदाता जीत-हार का फैसला करेंगे। आपको समीकरण समझाते हैं।

मराठवाड़ा में आरक्षण आंदोलन का कितना असर?

Maratha Andolan: महाराष्ट्र की घनसावंगी विधानसभा सीट पर ओबीसी मतदाताओं का दबदबा है और वे इस चुनाव में किसी प्रत्याशी की जीत या हार में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इस निर्वाचन क्षेत्र में अंतरवाली सराटी इलाका भी आता है, जो मनोज जारांगे के नेतृत्व में चलाये जा रहे मराठा आरक्षण आंदोलन का केंद्र रहा है।

मराठवाड़ा में आरक्षण आंदोलन का कितना प्रभाव?

घनसावंगी, जालना जिले का हिस्सा है और यह मराठवाड़ा क्षेत्र में है। मराठवाड़ा में आरक्षण आंदोलन के प्रभाव के कारण लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की हार हुई और महा विकास आघाडी (एमवीए) ने आठ में से सात लोकसभा सीटें जीतीं।

घनसावंगी विधानसभा सीट पर किस-किसके बीच जंग?

वर्ष 2009 से इस सीट का प्रतिनिधित्व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के नेता और पूर्व मंत्री राजेश टोपे कर रहे हैं। 20 नवंबर को होने वाले चुनाव में उनका मुकाबला मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के हिकमत उधन से है। टोपे ने 2019 का चुनाव 1,600 मतों के मामूली अंतर से जीता था। टोपे ने कहा कि निर्वाचन क्षेत्र में कोई भी मुद्दा उनके लिए नया नहीं है।

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