महाराष्ट्र में अपने ही करेंगे खेला! आखिर क्यों बागियों को मनाने पर इतना जोर दे रहे प्रमुख दलों के नेता? समझिए वजह
Rebels in Maharashtra: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में प्रमुख पार्टियों के लिए सबसे बड़ा सिरदर्र उसे अपने ही बन गए हैं। बागियों को मनाने के लिए तमाम दिग्गज कोशिश कर रहे हैं। पार्टी कोई भी हो, लेकिन रूठने का सिलसिला जारी है। कहीं वजह टिकट ना मिलने की है, तो कहीं नजरअंदाज करने की शिकायत। आपको समीकरण समझाते हैं।
महाराष्ट्र में बागियों को मनाने में जुटे प्रमुख दलों के नेता।
Maharashtra Politics: क्या महाराष्ट्र में अपने ही अपनों के साथ खेला करने को बेकरार हैं, वैसे सियासत में ऐसा होना कोई नई बात नहीं है। यहां एक कहावत बड़ी मशहूर है, राजनीति में कोई किसी का सगा नहीं होता। बात जब महाराष्ट्र की हो रही हो, तो चाचा भतीजे की लड़ाई हो या भाई-भाई की तकरार... सभी आम बात है। विधानसभा चुनाव को देखते हुए सरगर्मी भी चरम पर है। टिकट ना मिने से कई नेता रूठे हुए हैं तो कई ने बगावत करने की ठान ली। ऐसे में चुनावी मौसम में कई प्रमुख दलों के नेता बागियों को मनाने के लिए कोशिश में जुटे हैं।
प्रमुख दलों के नेता बागियों को मनाने के लिए प्रयासरत
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए सभी प्रमुख दलों के नेताओं ने बृहस्पतिवार को बागियों को मनाने की कोशिश की, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मतों का बिखराव न हो। इन नेताओं ने 20 नवंबर को होने जा रहे चुनाव के सिलसिले में सहकर्मियों और सहयोगियों के साथ बैठकें कीं।
बागियों को कैसे मनाएगी बीजेपी? फडणवीस ने बताया प्लान
खुद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भरोसा जताया कि विधानसभा चुनाव के लिए टिकट बंटवारे से असंतुष्ट होकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ बगावत करने वाले टिकट के दावेदारों को पार्टी के हित में काम करने के लिए मनाया जाएगा। वह अपने गृह नगर नागपुर में संवाददाताओं से बात कर रहे थे। पूर्व मुख्यमंत्री 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में नागपुर दक्षिण-पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से लड़ रहे हैं।
मुंबई में पार्टी के बागियों के साथ भाजपा की महाराष्ट्र इकाई की बैठक के बारे में पूछे जाने पर फडणवीस ने कहा, 'वे हमारे अपने लोग हैं और उनसे बात करना और उन्हें मनाना हमारी जिम्मेदारी है। कई बार (टिकट वितरण पर) नाराजगी होती है, लेकिन हम उन सभी को पार्टी के लिए काम करने के लिए मनाने को लेकर आश्वस्त हैं।' विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन पत्र वापस लेने की आखिरी तारीख चार नवंबर है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा अपने संगठनात्मक ढांचे और कार्यकर्ताओं के आधार पर चलती है, पार्टी को ऊर्जा कार्यकर्ताओं से मिलती है। उन्होंने कहा कि भाजपा में संगठन और कार्यकर्ता बहुत महत्वपूर्ण हैं जो पार्टी को जीत दिलाते हैं।
जब देवेंद्र फडणवीस से मिले राकांपा नेता अजित पवार
हाल ही में, उपमुख्यमंत्री एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता अजित पवार ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस से दक्षिण मुंबई स्थित उनके आवास पर मुलाकात की। पवार ने बाद में पुणे जिले की चिंचवड विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार नाना काटे से मुलाकात की और उन्हें नामांकन वापस लेने के लिए मनाने की कोशिश की। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, भाजपा एवं मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा हैं, जिसे महायुति कहा जाता है।
फडणवीस ने अपनी ओर से पार्टी सहयोगियों के साथ बैठकें कीं और कुछ बागियों से भी संपर्क किया। मुख्यमंत्री शिंदे ने ठाणे स्थित अपने आवास पर सहयोगियों के साथ बैठक की।
उद्धव ठाकरे, शरद पवार और नाना पटोले भी जोड़-तोड़ में जुटे
महा विकास आघाडी (एमवीए) में शामिल दलों ने भी इसी तरह की बैठक की। एमवीए में उद्धव ठाकरे की अगुआई वाली शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और शरद पवार नीत राकांपा (एसपी) शामिल हैं। शरद पवार और उनकी पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख जयंत पाटिल बागी नेताओं से संपर्क कर रहे हैं। कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख नाना पटोले और उनके सहयोगियों- विजय वडेट्टीवार और बालासाहेब थोराट ने भी राजनीतिक स्थिति की समीक्षा की और बागियों से पार्टी की खातिर नामांकन वापस लेने को कहा।
इस बीच, विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस द्वारा टिकट न दिए जाने पर कोल्हापुर उत्तर से कांग्रेस विधायक जयश्री जाधव मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल हो गईं। नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख चार नवंबर है और 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव परिणाम 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
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