UP: मैनपुरी उप-चुनाव मंच पर चाचा-भतीजा को ले आया साथ! अखिलेश ने छूए पैर, बोले शिवपाल- ये प्रतिष्ठा का Poll

Mainpuri By-Elections 2022: इस बीच, सैफई में प्रपसा अध्यक्ष ने कहा- एक होकर ही भाजपा को हराया जा सकता है। ये झूठ बोलने वाली सरकार है। आपने कहा था, एक हो जाए, अब हम एक हो गए हैं। आज से ही काम करना है।

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Mainpuri By-Polls 2022: मैनपुरी में 20 नवंबर, 2022 को अखिलेश यादव ने चाचा शिवपाल यादव के पैर छुए।

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ ब्यूरो

Mainpuri By-Elections 2022: उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में रविवार (20 नवंबर, 2022) को समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चाचा और प्रसपा प्रमुख शिवपाल यादव के पैर छू लिए। दोनों इस दौरान मंच पर उपचुनाव के प्रचार अभियान के लिए पहुंचे थे। तालियों की गड़गड़ाहट के बीच अखिलेश पीछे से आए और उन्होंने पहले रामगोपाल यादव और फिर शिवपाल यादव के पैर छूकर आशीर्वाद लिया।

वहीं, सैफई में प्रपसा अध्यक्ष ने कहा- एक होकर ही भाजपा को हराया जा सकता है। ये झूठ बोलने वाली सरकार है। आपने कहा था, एक हो जाए, अब हम एक हो गए हैं। आज से ही काम करना है। देखें, घटना के दौरान क्या हुआ था?:

बकौल शिवपाल, "बहुत सी साजिशे हों सकती हैं। जनता तो अपने साधनों से आएगी। हम तो अपनी गाड़ी से चल रहे हैं। हम तब भी यही कह रहे थे। हमारी गाड़ी के पीछे कोई गाड़ी न लगाना। आपको पांच तारीख को (मतदान में) बटन दबाकर बेईमानों को जवाब देना है।"

वह आगे बोले- बताओ यहां प्रतिष्ठा का चुनाव है। डिंपल बहू है...बताओ बहू है। बहुत से लोगों की वह भाभी हैं। आज नेता जी नहीं हैं, पर हमें उनके आदर्शो पर चलना है। नेता जी कहीं तो होंगे आसपास। हम समझ रहे हैं कि जितने भी यहां बैठे हैं, नेता जी का अंश हम सब लोगों में हैं। मैंने तो नेता जी को कभी निराश नहीं किया।

सपा ने इससे पहले मैनपुरी उपचुनाव के लिए शिवपाल यादव को स्टार प्रचारक बनाया था। वैसे, इससे पहले 2022 के विधानसभा चुनावों के दौरान सपा की चुनाव प्रचारकों की सूची में शिवपाल का नाम शामिल नहीं था। मैनपुरी उप चुनाव में मुलायम के छोटे भाई शिवपाल की भूमिका को लेकर राजनीतिक गलियारों में खासी चर्चा है। हालांकि, गोरखपुर में आठ नवंबर को प्रसपा चीफ ने आरोप लगाया था कि भतीजे 'चापलूसों से घिरे हुए हैं और वह केवल चापलूसी में विश्वास करते हैं।'

अखिलेश पर शिवपाल की यह टिप्पणी इसलिए भी अहम थी, क्योंकि मुलायम की मृत्यु के बाद उन्‍होंने अपने भतीजे पर तंज करके यह संकेत देने की कोशिश की थी कि दोनों के बीच के मतभेद और मनभेद खत्म नहीं हुए। सपा संस्थापक के निधन के बाद यह अटकलें लगने लगी थीं कि अखिलेश और शिवपाल एक होकर फिर से पार्टी को मजबूत कर सकते हैं।

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अभिषेक गुप्ता author

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