Mainpuri Bypolls 2022: मैनपुरी में चल गया 'मुलायम मैजिक'! ससुर से भी ज्यादा बड़ी जीत की ओर Dimple Yadav

Mainpuri Bypolls 2022: निकटतम प्रतिद्वंदी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस सीट से डिंपल के खिलाफ रघुराज सिंह शाक्य को टिकट दिया था। यह लोकसभा क्षेत्र सपा का गढ़ माना जाता है और वहां उपचुनाव के तहत इसी महीने पांच दिसंबर को मतदान हुआ था।

Mainpuri Mulayam Effect

मैनपुरी लोकसभा सीट सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के कारण रिक्त हुई थी। (@dimpleyadav)

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ ब्यूरो

Mainpuri Bypolls 2022: उत्तर प्रदेश की मैनपुरी सीट से समाजवादी पार्टी (सपा) की डिंपल यादव) फिलहाल आगे हैं। ताजा रुझानों के मुताबिक, उन्होंने एक नया रिकॉर्ड अपने नाम किया है। वह एक लाख से अधिक वोटों के अंतर से आगे चल रही हैं। कहा जा रहा है कि ऐसा कर वह ससुर, सपा के संस्थापक और यूपी के पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव की जीत के अंतर से आगे निकल गईं। हालांकि, अभी आधिकारिक नतीजे आना बाकी हैं।

डिंपल का उप-चुनाव में यूं आगे निकलना असल में मुलायम के प्रति वोटरों, चाहने वालों और स्थानीय लोगों का प्यार, अपनत्व और दिली श्रद्धांजलि के तौर पर देखा जा रहा है। चूंकि, इस उप चुनाव में चीजें किसी सामान्य बाई-पोल से कहीं आगे निकल गईं और यह न सिर्फ जज्बातों बल्कि गर्व और परंपरा (यादव परिवार के कुबने) का उपचुनाव भी बना। सियासी गलियारों में तो यह तक कहा गया कि मुलायम की गैर-मौजूदगी में मतदाताओं के बीच उनका चरखा दांव मैनपुरी में काम कर गया और इस दौरान लोगों के जज्बातों ने बीजेपी को चित कर दिया।

दरअसल, मुलायम ने साल 2019 में 94 हजार मतों से विजय हासिल की थी। मुलायम इस सीट से लगभग 26 सांसद रहे। पहली बार 1996 में चुने गए, फिर 1999, 2004, 2009, 2014 और 2019 में भी यहां इलेक्ट किए गए। हालांकि, 1998, 2004 (उपचुनाव) और 2014 (उपचुनाव) में उनकी सपा के कैंडिडेट यहां से चुने गए थे।

वहीं, राजनीतिक राजनकारों की मानें तो सपा को इस सीट पर फायदा इसलिए हुआ, क्योंकि मुलायम से स्थानीय मतदाताओं के एक बड़े धड़े का दिली लगाव है। नेता जी के दुनिया में न रहने पर उनकी कमी लोगों को अब और खलती है। इस बात की बानगी ऐसे समझिए कि जो यश और कीर्ति वह अपने पीछे छोड़ गए हैं, उसे लेकर संसद के सत्र तक में उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है। फिर जमीनी स्तर लोगों के लिए उनके प्रति क्या भावनाएं होंगी, इसे समझा जा सकता है।

इस बीच, यह भी कहा जा रहा है कि बीजेपी या तो मुलायम का तिलिस्म वहां समझ न पाई और अतिआत्मविश्वास में रही, जबकि उसने नेता जी के निधन के बाद सहानुभूति न दिखाकर अपना पार्टी कैंडिडेट मैनपुरी में उतारा और घेराबंदी और गोलबंदी की। निकटतम प्रतिद्वंदी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस सीट से डिंपल के खिलाफ रघुराज सिंह शाक्य को टिकट दिया था। यह सीट सपा संस्थापक के निधन के चलते खाली हुई थी। यह लोकसभा क्षेत्र सपा का गढ़ माना जाता है और वहां उपचुनाव के तहत इसी महीने पांच दिसंबर को मतदान हुआ था।

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अभिषेक गुप्ता author

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