शिवपाल ने BJP के शाक्य की कुत्ते से करा दी तुलना! कहा- ये तो ऐसे पीछे लगे रहते थे जैसे...; भतीजे को दिया नया नाम
Mainpuri Bypolls 2022: दरअसल, छह साल पहले एक-दूसरे से अलग होने के बाद से यह चौथा मौका है जब आपस में विवादों में उलझे चाचा-भतीजे ने हाथ मिलाया। हालांकि, इस बीच प्रतिद्वंद्वियों का दावा है कि ताजा पुनर्मिलन लंबे समय तक नहीं चलेगा। अतीत की तरह मैनपुरी उपचुनाव के बाद दोनों फिर से अलग हो जाएंगे।
मंच से जन सभा को संबोधित करते हुए शिवपाल यादव। (फोटो सोर्स: @shivpalsinghyad)
Mainpuri Bypolls 2022: उत्तर प्रदेश में चुनावी महौल (मैनपुरी सीट पर होने वाले उप-चुनाव) के बीच चाचा शिवपाल सिंह यादव ने मैनपुरी सीट से डिंपल के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की ओर से चुनावी मैदान में उतारे गए कैंडिडेट रघुराज शाक्य की तुलना भी बैलगाड़ी के नीचे चलने वाली कुत्ते से करा दी। उन्होंने कहा कि ये ऐसे पीछे लगे रहते थे, जैसे बैलगाड़ी के नीचे कोई कुत्ता हो।
उन्होंने भतीजे अखिलेश यादव को नया नाम दिया है। उन्होंने सपा अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम के लिए 'छोटे नेताजी' नाम इजाद किया है। कहा है कि जैसे उनके भाई मुलायम सिंह यादव को देश में नेताजी कहा जाता था, ठीक वैसे ही अब से उनके बेटे अखिलेश को छोटे नेता जी के नाम से जाना और पुकारा जाएगा।
प्रसपा अध्यक्ष ने इसके अलावा मैनपुरी में प्रचार के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं को गुरुमंत्र भी दिया। दो टूक कहा कि पुलिस बुलाए तो आप लोग जाना नहीं और उनकी पकड़ में आना नहीं। दरअसल, उनका कहने का मतलब था कि अगर कोई आपको (कार्यकर्ताओं) को अपशब्द कहे या गाली दे तब चुपचाप सह लेना। झगड़ा और विवाद वगैरह हो तो वहां निपटारे के लिए मत जाना...पुलिस प्रशासन ऐसा करने पर उन्हें पकड़कर जेल में बंद कर सकता है।
दरअसल, सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के देहांत के बाद खाली हुई मैनपुरी संसदीय सीट पर पांच दिसंबर को होने वाले चुनाव में चाचा-भतीजा (शिवपाल सिंह यादव-अखिलेश यादव) मिलकर परिवार की परंपरागत सीट बचाने के लिए जनसंपर्क और सभा कर रहे हैं। छह साल पहले एक-दूसरे से अलग होने के बाद से यह चौथा मौका है जब आपस में विवादों में उलझे चाचा-भतीजे ने हाथ मिलाया। हालांकि, इस बीच प्रतिद्वंद्वियों का दावा है कि ताजा पुनर्मिलन लंबे समय तक नहीं चलेगा। अतीत की तरह मैनपुरी उपचुनाव के बाद दोनों फिर से अलग हो जाएंगे।
हाल में जसवंतनगर में एक चुनावी सभा के दौरान मंच पर अखिलेश यादव ने शिवपाल के पैर छुए। शिवपाल ने एक अन्य कार्यक्रम में रामगोपाल यादव के पैर छुए। यह यादव परिवार में व्यापक सुलह के संकेत थे। राजनीतिक हलकों में चर्चा थी कि चाचा-भतीजे बीच संबंधों में तनाव मुख्य रूप से शिवपाल और रामगोपाल यादव के बीच मतभेदों के कारण आया था, जो मुलायम सिंह यादव के राजनीतिक परिवार में 2016 में सत्ता की लड़ाई के बाद शुरू हुआ था। शिवपाल यादव सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई हैं, जबकि रामगोपाल यादव उनके चचेरे भाई हैं। (पीटीआई इनपुट्स के साथ)
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