Mainpuri Election: डिंपल यादव के सामने क्या है चुनौती? जानें सपा की सबसे सुरक्षित सीट मैनपुरी का चुनावी इतिहास

Mainpuri Chunav: 2019 के लोकसभा चुनाव में डिंपल यादव को कन्नौज सीट से करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी। जिसके बाद वो उपचुनाव में जीत हासिल कर मैनपुरी सांसद के तौर पर दिल्ली पहुंची थी। इस चुनाव में डिंपल के सामने एक बड़ी चुनौती है। क्या है वो चुनौती, आपको इस रिपोर्ट में समझना चाहिए।

जयवीर सिंह vs डिंपल यादव।

Lok Sabha Election 2024: मुलायम सिंह यादव, धर्मेंद्र यादव, तेज प्रताप यादव और अब डिंपल यादव... मैनपुरी लोकसभा सीट पर मुलायम परिवार का एकछत्र राज है। साल 1996 के बाद समाजवादी पार्टी को इस सीट से एक बार भी हार नहीं झेलनी पड़ी है। इस सीट से सबसे अधिक बार जीत हासिल करने का रिकॉर्ड अखिलेश यादव के पिता मुलायम के नाम ही रहा है। सांसद रहते हुए उनके निधन के बाद इस सीट पर 2022 में उपचुनाव हुआ, जिसमें उनकी बहु और अखिलेश की पत्नी डिंपल ने जीत हासिल की। 2019 के लोकसभा चुनाव में डिंपल को कन्नौज सीट से करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी। जिसके बाद वो उपचुनाव में जीत हासिल कर मैनपुरी सांसद के तौर पर दिल्ली पहुंची थी। इस चुनाव में डिंपल के सामने एक बड़ी चुनौती है। उसके बारे में बताने से पहले आपको ये बताते हैं कि इस सीट से कौन-कौन मैदान में है।

मैनपुरी की जंग में कौन-कौन दावेदार?

क्रमांकउम्मीदवार का नामपार्टी
1जयवीर सिंहभारतीय जनता पार्टी
2डिंपल यादवसमाजवादी पार्टी
3शिव प्रसाद यादवबहुजन समाज पार्टी
4नंद राम बागड़ीवोटर्स पार्टी इंटरनेशनल
5मंजू पालभारतीय शक्ति चेतना पार्टी
6सुनील कुमार मिश्रासर्व समाज जनता पार्टी
7प्रमोद कुमारनिर्दलीय
8सुरेश चंद्रानिर्दलीय
माना जा रहा है कि इस सीट पर समाजवादी पार्टी की डिंपल यादव और भारतीय जनता पार्टी के जयवीर सिंह का सीधा मुकाबला है। यहां से कुल 13 लोगों ने नामांकल दाखिल किया था, जिनमें से निर्वाचन आयोग ने 8 का नामांकन पत्र स्वीकार किया, जबकि 5 का नामांकन रद्द कर दिया गया।

डिंपल के सामने क्या है सबसे बड़ी चुनौती?

फिलहाल अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव अपने ससुर मुलायम सिंह यादव की विरासत संभाल रही है, ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि 2022 के उपचुनाव में उन्होंने जीत हासिल की थी। मैनपुरी को सपा का सबसे मजबूत किला माना जाता है। 1996 के बाद से इसमें सेंधमारी कर पाने में कोई भी सियासी पार्टी कामयाब नहीं हो सकी है। मुलायम की मौत के बाद डिंपल इस सीट से चुनी गईं। लेकिन इस बार चुनावी समीकरण थोड़ा अलग है। डिंपल के सामने सबसे बड़ी चुनौती ये होगी कि वो इस सीट को जीत सकें, समाजवादी पार्टी का गढ़ बचा सकें, क्योंकि सपा को यदि यहां से हार नसीब हुई तो जगहंसाई होनी तय है। अब आपको बताते हैं कि इस सीट से कब कौन सांसद रहा है।

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