पीएम के तौर पर पीलीभीत में हुई मोदी की पहली रैली, लगती रहीं अटकलें, लेकिन नजर नहीं आए मेनका और वरुण गांधी
Pilibhit Lok Sabha Seat: पीलीभीत से भाजपा के मौजूदा सांसद वरुण गांधी ने लोकसभा में दो बार इस सीट निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है, जबकि मेनका गांधी ने लोकसभा चुनाव में छह बार पीलीभीत से जीत हासिल की है।
मेनका और वरुण गांधी
Maneka And Varun Gandhi: पिछले करीब तीन दशकों में यह पहली बार है जब पीलीभीत में मां-बेटे की जोड़ी यानी मेनका और वरुण गांधी मैदान में नहीं हैं। इनकी गैर-मौजूदगी तब और खली जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को यहां अपनी पहली बड़ी रैली की। इस सीट से दो बार सांसद रहे वरुण का टिकट इस बार काट दिया गया। उनकी जगह भाजपा ने यूपी के लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद पर भरोसा जताया है। पीएम मोदी ने रैली में लोगों से जितिन प्रसाद का समर्थन करने की अपील की।
पीलीभीत से दो बार सांसद रहे वरुणपीलीभीत से भाजपा के मौजूदा सांसद वरुण गांधी ने लोकसभा में दो बार इस सीट निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है, जबकि मेनका गांधी ने लोकसभा चुनाव में छह बार पीलीभीत से जीत हासिल की है। इस बार पार्टी ने वरुण को टिकट देने से इनकार कर दिया और जितिन प्रसाद को मैदान में उतारा है, जबकि मेनका गांधी सुल्तानपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रही हैं। उन्होंने 2019 में यहां से भाजपा के टिकट पर चुनाव जीता था।
वरुण पर लगती रहीं अटकलेंमंगलवार सुबह से ही वरुण के पीएम की रैली में शामिल होने की अटकलें चल रही थीं लेकिन उनके समर्थकों ने कहा कि वह शहर से बाहर हैं और उनके आने का कोई कार्यक्रम नहीं है। पीएम के आगमन से पहले मंच पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, भाजपा राज्य इकाई के अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी, उम्मीदवार जितिन प्रसाद और पार्टी के बरेली से उम्मीदवार छत्रपाल गंगवार मौजूद थे।
मेनका-वरुण स्टार प्रचारकों की सूची में नहींपीलीभीत के भाजपा नेताओं ने कहा कि सुल्तानपुर से पार्टी सांसद मेनका गांधी और पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी पार्टी द्वारा जारी लोकसभा चुनाव के लिए स्टार प्रचारकों की सूची में नहीं हैं। उन्होंने बताया कि दोनों को कार्यक्रम के लिए या 19 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के लिए पीलीभीत सहित आठ सीटों पर पार्टी उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने के लिए आमंत्रित ही नहीं किया गया था। वहीं, इससे पहले मेनका गांधी ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा था, वरुण को टिकट नहीं दिया गया है। यह पार्टी का फैसला है। वह एक अच्छे सांसद रहे हैं। वह आगे भी रहेंगे और देश के लिए अच्छा काम करेंगे।
2009 और 2019 में वरुण ने हासिल की जीतपीलीभीत सीट 1996 से मेनका गांधी या उनके बेटे वरुण के पास रही है। वरुण ने 2009 और 2019 में भाजपा उम्मीदवार के रूप में सीट जीती थी। एक फायर ब्रांड नेता के तौर पर स्थापित वरुण ने 2009 के लोकसभा चुनाव में पीलीभीत से निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के वीएम सिंह को 2.80 लाख से अधिक वोटों के अंतर से हराया था। वरुण ने 2019 में भी विजय हासिल की थी और सपा उम्मीदवार हेमराज वर्मा को 2.50 लाख से अधिक वोटों से हराया था।
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