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लोकसभा चुनाव के बाद किससे गठजोड़ करेगी बसपा? मायावती ने दिए ये बड़े संकेत

Mayawati Plan For Lok Sabha Chunav: मायावती ने विपक्षी गठबंधन इंडिया से बाहर रहने वाले दलों के बारे में अनावश्यक टीका-टिप्पणी नहीं करने की सलाह देते हुए कहा कि राजनीति में भविष्य में कब, किसको, किसकी जरूरत पड़ जाए, यह कहा नहीं जा सकता। आपको मायावती के बयान के मायने समझाते हैं।

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मायावती ने विपक्षी गठबंधन पर पहली बार दी प्रतिक्रिया।

Political News: यूं ही नहीं राजनीति में ये कहावत चर्चित है कि यहां कोई किसी को सगा नहीं है। जाहिर है कि सियासत में कोई कभी भी किसी को भी गच्चा दे सकता है और पाला बदल सकता है। दल-बदल और पीठ पर खंजर घोंपने वाले ऐसे अनगिनत उदाहरण मौजूद हैं। इस बीच बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने भी ऐसे संकेत दिए हैं कि उनकी पार्टी वक्त पड़ने पर किसी के भी काम आ सकती हैं।

क्या मायावती चुनाव के बाद इंडिया गठबंधन के साथ जाएंगी?

जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव को लेकर उठापटक का दौर तेज हो रहा है, मायावती के सुर भी बदलते दिखाई दे रहे हैं। विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया) को लेकर मायावती ने बृहस्पतिवार को पहली बार अपने विकल्प खुले रखने का संकेत देते हुए एक महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने गठबंधन से बाहर रहने वाले दलों के बारे में अनावश्यक टीका-टिप्पणी नहीं करने की सलाह देते हुए कहा कि राजनीति में भविष्य में कब, किसको, किसकी जरूरत पड़ जाए, यह कहा नहीं जा सकता।

क्या विपक्षी गठबंधन को पड़ेगी मायावती की जरूरत?

मायावती ने यहां एक बयान में किसी का नाम लिये बगैर कहा, 'विपक्ष के गठबंधन में बसपा सहित अन्य जो भी पार्टियां शामिल नहीं हैं, उनके बारे में किसी का भी फिजूल टीका-टिप्पणी करना उचित नहीं है। मेरी उन्हें सलाह है कि वह इससे बचें, क्योंकि भविष्य में, देश में, जनहित में कब किसको, किसकी जरूरत पड़ जाए, कुछ भी कहा नहीं जा सकता।' बसपा प्रमुख ने कहा, 'टीका-टिप्पणी करने वाले ऐसे लोगों और पार्टियों को बाद में काफी शर्मिंदगी उठानी पड़े यह ठीक नहीं है। इस मामले में समाजवादी पार्टी खासतौर पर इस बात का जीता जागता उदाहरण है।'

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