महबूबा मुफ्ती vs उमर अब्दुल्ला: जम्मू कश्मीर में भी INDI गठबंधन में दो फाड़, जानें कैसे पड़ी दरार

Lok Sabha Election: जम्मू कश्मीर की सियासत में नया उबाल आ चुका है। विपक्षी दलों की एकता की बात करने वाली दो पार्टियां अब एक-दूसरे की विरोधी हो गई है। इस बीच उमर अब्दुल्ला ने दरवाजे बंद करने के लिए महबूबा को जिम्मेदार ठहराया है। आपको बताते हैं कि आखिर सारा माजरा क्या है।

Mehbooba Mufti vs Omar Abdullah

INDI गठबंधन में पड़ी दरार।

Mehbooba Mufti vs Omar Abdullah: लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों के गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूजिव अलायंस (INDIA) में फिर से दरार पड़ गई है। जम्मू कश्मीर में INDI गठबंधन में दो फाड़ हो गई है। यहां महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी और फारूक अब्दुल्ला की पार्टी एनसी एक दूसरे के विरोध में आवाज बुलंद कर रही हैं। महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव में घाटी की सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। इसके बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने सीट बंटवारे पर दरवाजे बंद करने के लिए महबूबा मुफ्ती को जिम्मेदार ठहराया।

महबूबा मुफ्ती vs उमर अब्दुल्ला

एक मीडिया कॉन्फ्रेंस में महबूबा मुफ्ती ने कहा, 'उनकी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) घाटी में तीन लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। एनसी ने पीडीपी के साथ बिना किसी परामर्श के घाटी में तीन लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है।' महबूबा मुफ्ती के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा, 'हमने दरवाजा खुला रखा, अगर उन्होंने इसे बंद किया है तो यह हमारी गलती नहीं है।'

सीट बंटवारे पर मचा सियासी संग्राम

अब्दुल्ला ने कहा कि एनसी ने 'सुलह' और 'एकता' के लिए दरवाजा खुला रखा था। लेकिन उन्होंने इसे बंद कर दिया है तो यह एनसी की गलती नहीं है। उमर अब्दुल्ला ने कहा, 'यदि पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने सभी 5 सीटों पर उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया है तो यह उनकी पसंद है। हमने उनके फॉर्मूले के आधार पर कश्मीर में 3 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। अगर वह अपने उम्मीदवार उतार रही हैं तो शायद वह विधानसभा चुनाव में भी किसी तरह का गठबंधन नहीं चाहती।'

गठबंधन नहीं चाहती हैं महबूबा मुफ्ती?

अब्दुल्ला ने दावा किया कि महबूबा मुफ्ती का फैसला दर्शाता है कि पीडीपी विधानसभा चुनाव में भी गठबंधन करना नहीं चाहती है। हमने पीडीपी के फॉर्मूले का इस्तेमाल किया। हमने उन निर्वाचन क्षेत्रों से उम्मीदवार उतारे जहां एनसी ने पिछले लोकसभा चुनाव जीते थे। एनसी और पीडीपी के बीच बुधवार को आरोप-प्रत्यारोप के बाद यह साफ हो गया कि अब दोनों तरफ से चुनावी तलवारें खिंच गई हैं। भाजपा को एकजुट होकर टक्कर देने का दावा करने वाली एनसी और पीडीपी लोकसभा चुनाव में सीधे तौर पर एक-दूसरे से लड़ेंगी।

पीडीपी को किसने कहा पिछलग्गू?

इससे पहले महबूबा मुफ्ती ने पत्रकारों को बताया, 'उमर अब्दुल्ला ने जिस तरह से चुनाव में पीडीपी को पिछलग्गू कहकर खारिज कर दिया, उससे हम बेहद आहत हैं। उमर साहब ने यह कहकर मेरे कार्यकर्ताओं का मजाक उड़ाया कि नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) घाटी में सभी तीन लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी। उनके हिसाब से तो पीडीपी का कहीं अस्तित्व ही नहीं है।'
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि पीडीपी के अधिकांश वरिष्ठ नेताओं को भाजपा ने बहका लिया है और अब उनके पास केवल उनके 'गरीब' पार्टी कार्यकर्ता बचे हैं, जो हर मुश्किल समय में उनके साथ खड़े रहे हैं। उन्होंने पूछा, 'मैं उमर अब्दुल्ला द्वारा किए गए अपमान को हल्के में कैसे ले सकती हूं। उनके आदेश पर कैसे चल सकती हूं कि पीडीपी को घाटी में कोई उम्मीदवार नहीं उतारना चाहिए।'

फारूक अब्दुल्ला नहीं लड़ेंगे लोकसभा चुनाव

वहीं जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा लोकसभा सदस्य फारूक अब्दुल्ला स्वास्थ्य कारणों से लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। फारूक अब्दुल्ला के बेटे उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को यह जानकारी दी। नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने श्रीनगर के रावतपोरा इलाके में पार्टी ब्लॉक सम्मेलन में कहा, 'उनके पिता (फारूक अब्दुल्ला) स्वास्थ्य कारणों से लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे।'
नेशनल कॉन्फ्रेंस ने अभी तक श्रीनगर और बारामूला लोकसभा सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है। जबकि पार्टी ने अनंतनाग-राजौरी सीट के लिए वरिष्ठ गुज्जर/बकरवाल नेता मियां अल्ताफ अहमद को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है।
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