जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव: दूसरे चरण में दिखा भारी जोश, वोटरों की लंबी कतारें, 56 प्रतिशत से अधिक मतदान
जम्मू-कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि दूसरे चरण में 56.05 प्रतिशत मतदान हुआ। उन्होंने कहा कि हजरतबल और रियासी जैसे कुछ स्थानों से अपडेट जानकारी मिलने के साथ मतदान प्रतिशत में बदलाव हो सकता है।
जम्मू-कश्मीर चुनाव
Jammu And Kashmir Assembly Elections: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में बुधवार को 26 सीटों के लिए हुए मतदान में 56 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया। अधिकारियों ने बताया कि कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था के बीच मतदान शांतिपूर्ण रहा। छह जिलों में 26 सीटों के प्रमुख निर्वाचन क्षेत्रों में सुबह से ही मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की लंबी कतारें देखी गईं, लेकिन इनमें से 20 क्षेत्रों में 2014 के विधानसभा चुनावों की तुलना में थोड़ा कम मतदान हुआ, जब कुल मतदान 60 प्रतिशत रहा था। 18 सितंबर को हुए पहले चरण के चुनाव में करीब 61.38 प्रतिशत मतदान हुआ था। अंतिम चरण का मतदान एक अक्टूबर को होगा। विधानसभा चुनाव 10 वर्षों के बाद हो रहे हैं।
दूसरे चरण में 56.05 प्रतिशत मतदान
जम्मू-कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पी के पोले ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि दूसरे चरण में 56.05 प्रतिशत मतदान हुआ। उन्होंने कहा कि हजरतबल और रियासी जैसे कुछ स्थानों से अद्यतन जानकारी मिलने के साथ मतदान प्रतिशत में बदलाव हो सकता है। उन्होंने कहा, कुल मिलाकर मतदान शांतिपूर्ण रहा। कुछ छिटपुट घटनाएं हुईं, लेकिन कहीं भी पुनर्मतदान की आवश्यकता नहीं है।
श्री माता वैष्णो देवी निर्वाचन क्षेत्र में सबसे अधिक मतदान हुआ, जहां 79.95 प्रतिशत पंजीकृत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। अन्य क्षेत्रों में कंगन (71.89 प्रतिशत), गुलाबगढ़ (73.49 प्रतिशत) और सुरनकोट (75.11 प्रतिशत) शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि निर्वाचन आयोग ने इस चरण में 3,502 मतदान केंद्र बनाए थे। इनमें से 1,056 शहरी क्षेत्र में जबकि 2,446 मतदान केंद्र ग्रामीण इलाकों में स्थापित किए गए। मतदान स्थलों पर व्यवस्था बनाए रखने के लिए स्थानीय पुलिस और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों सहित 15,000 से अधिक कर्मियों को तैनात किया गया।
विदेशी राजदूतों का 16 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल घाटी पहुंचा
दूसरे चरण के दौरान, विदेशी राजदूतों के 16 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने मतदान देखने के लिए घाटी का दौरा किया। इनमें अमेरिका, नार्वे, सिंगापुर के राजनयिक शामिल थे। आतंकवाद फैलने के बाद से यह पहली बार है कि अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों को जम्मू-कश्मीर में चुनाव के निरीक्षण की अनुमति दी गई। दिल्ली में अमेरिकी मिशन के उप-प्रमुख जॉर्गन के. एंड्रयूज ने कहा कि मतदान प्रक्रिया स्वस्थ और लोकतांत्रिक दिख रही है।
एंड्रयूज ने श्रीनगर के एक मतदान केंद्र पर कहा, मतदाताओं का उत्साह देखकर बहुत अच्छा लगा। 10 साल के अंतराल के बाद कश्मीरियों को मतदान करते देखना बहुत अच्छा लग रहा है। हम नतीजे देखने के लिए उत्साहित हैं। यह बहुत स्वस्थ और लोकतांत्रिक दिख रहा है। विदेश मंत्रालय ने मतदान प्रक्रिया का जायजा लेने के लिए 16 देशों के राजनयिकों के प्रतिनिधिमंडल को आमंत्रित किया था। हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस कदम की आलोचना की और कहा कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव देश का आंतरिक मामला है।
अब्दुल्ला ने उठाए सवाल
अब्दुल्ला ने पत्रकारों से कहा, जब दूसरे देशों की सरकारें इस पर टिप्पणी करती हैं तो भारत सरकार कहती है कि यह भारत का अंदरूनी मामला है और अब अचानक वे चाहते हैं कि विदेशी पर्यवेक्षक यहां आएं और हमारे चुनावों को देखें। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता ने कहा कि अगर भारत जम्मू-कश्मीर पर दूसरे देशों के हस्तक्षेप या टिप्पणियों को नहीं चाहता है, तो उन्हें यहां क्यों आमंत्रित किया गया है? दूसरे चरण के मतदान में 239 उम्मीदवारों की चुनावी किस्मत का फैसला होगा जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी शामिल हैं। उमर अब्दुल्ला दो सीटों-बडगाम और गांदेरबल से चुनाव लड़ रहे हैं।
अब्दुल्ला के अलावा इस चरण में मतदाता जिन प्रमुख उम्मीदवारों की चुनावी किस्मत का फैसला करेंगे, उनमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष तारिक हामिद कर्रा और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र रैना शामिल हैं। कर्रा सेंट्रल शाल्टेंग से अपनी चुनावी किस्मत आजमा रहे हैं जबकि रैना राजौरी जिले के नौशेरा का प्रतिनिधित्व फिर से हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। वह वहां 2014 में विजयी हुए थे। (पीटीआई भाषा इनपुट)
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